20 अक्टूबर 2024 को BPS & चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन खगड़िया के तत्वाधान में आयोजित जिला सम्मेलन होगा अविस्मरणीय : विकास कुमार
20 अक्टूबर 2024 को BPS & चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन खगड़िया के तत्वाधान में आयोजित जिला सम्मेलन होगा अविस्मरणीय : विकास कुमार
खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ रविवार को बाजार समिति स्थित शहर के लब्ध प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान इंडियन पब्लिक स्कूल सभागार में बिहार पब्लिक स्कूल & चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन खगड़िया इकाई की अहम बैठक आयोजित हुई। जिलाध्यक्ष सह इंडियन पब्लिक स्कूल के निदेशक विकास कुमार ने प्रेस को बताया कि जिला कमिटी सचिव प्रदुम्न , उपाध्यक्ष डॉ दीपक, सह सचिव अभिषेक सहित अन्य ऊर्जावान सदस्यों सहित सभी प्रखंड के अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष व निर्णायक मंडल की उपस्थिति में जिला कमिटी का विस्तार किया गया । जिसमें सर्वसम्मति से चंद्रशेखर यादव को जिला संरक्षक, अशोक विद्यार्थी को संगठन प्रभारी, अमरजीत जी को सहसचिव, संगीत कुमार बंटी को कार्यकारी कोषाध्यक्ष सर्व सम्मति से मनोनित किया गया । खगड़िया प्रखंड का भी विस्तार करते हुए समरजीत को अध्यक्ष, रामानंद को सचिव, संजीव कुमार कोषाध्यक्ष, चंदन सिंह को उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया।
बिहार पब्लिक स्कूल & चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन खगड़िया इकाई के सभी सदस्यों ने आगामी 20 अक्टूबर को आयोजित जिला सम्मेलन की बात पर अपनी सहमति जताई और इसे सफल बनाने का संकल्प भी लिया।
विदित हो कि बिहार पब्लिक स्कूल & चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन खगड़िया इकाई लगातार जिले में स्थापित निजी विद्यालयों के उत्थान और शिक्षक शिक्षिकाओं सहित छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना करता रहा।
वहीं विकास कुमार ने बताया कि उक्त जिला सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ डीके सिंह, सचिव प्रेम रंजन कुमार सहित अन्य गणमान्य लोगों की आने की सहमति हुई है। साथ ही इस कार्यक्रम में शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य देकर समाज का उत्थान करने वाले लगभग शिक्षकों सहित मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित करने की तैयारी की जा रही है। जिलाध्यक्ष विकास कुमार ने बताया कि शिक्षा क्षेत्र में अमूल्य योगदान समर्पित करने वाले प्रबुद्ध शिक्षक/ शिक्षिकाओं को सम्मानपूर्वक प्रशस्ति पत्र प्रदान करने का उद्देश्य राष्ट्र सेवा है, शिक्षक समाज तमाम कठिनाइयां और संघर्षों का सामना करते हुए छात्र-छात्राओं को उनकी ऊंची मंजिल तक पहुंचाने में अपनी बौद्धिक ऊर्जा निः स्वार्थ भावना से समर्पित करते हैं। लेकिन हमारे समाज में धनवान और राजनीतिक पहुंच रखने वाले लोगों की पूजा की जाती है, दूसरी तरफ शिक्षकों की हर स्तर पर उपेक्षा करने की परंपरा है। बावजूद हम शिक्षकों का अपने जीवन में एक ही लक्ष्य और उद्देश्य होता है कि हमारे बच्चे हम से ज्यादा समर्थ बनकर राष्ट्र की सेवा करें।
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