संचिकाओं पर कुंडली मारकर बैठनेवाला CO अंशु प्रसून हुआ निलंबित… सरकारी अधिकारियों को निर्धारित अवधि में काम पूरा करना होगा: चौधरी केसर, सांसद….मेरी किस गलती की सजा मिली है ? निलंबित सीओ
संचिकाओं पर कुंडली मारकर बैठनेवाला CO अंशु प्रसून हुआ निलंबित… सरकारी अधिकारियों को निर्धारित अवधि में काम पूरा करना होगा: चौधरी केसर, सांसद….मेरी किस गलती की सजा मिली है ? निलंबित सीओ
खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ प्राप्त सूचना अनुसार परवत्ता प्रखंड के अंचल अधिकारी अंशु प्रसून को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
मालूम हो कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के संयुक्त सचिव कंचन कपूर द्वारा जारी पत्र के आलोक में संबंधित सीओ के विरुद्ध संज्ञान लेते हुए समाहर्ता खगड़िया द्वारा समर्पित पत्र के पत्रांक 1659 दिनांक 21.6.20220 द्वारा राजस्व विभाग कार्य का अंचल स्तर पर निष्पादन की स्थिति एवं गुणवत्ता के जांच के निमित्त दिनांक 274 2022 को अंचल कार्यालय प्रवक्ता के निरीक्षण उपरांत अंचल अधिकारी अंशु प्रसून खगरिया के विरुद्ध गठित आरोपपत्र में ऑनलाइन भूमि, दाखिल खारिज, ऑनलाइन जमाबंदी पंजी का परिमार्जन, शुद्धीकरण , सरकारी भूमि, सार्वजनिक जल निकायों पर अतिक्रमण हटाने, गृहस्थ वास भूमि बंदोबस्ती, ऑपरेशन भूमि दखल देहानि,भू मापी के अंतर्गत अभिलेख इत्यादि के मामलों को लंबित रखने सहित अनियमितता एवं अनुपालन में उदासीनता बरतने तथा उच्च अधिकारी के आदेश की अवहेलना करने जैसे कई आरोप प्रतिवेदित किए गए हैं।
समाहर्ता खगड़िया द्वारा प्रतिवेदन गंभीर आरोपों के आलोक में अनुशासनिक प्राधिकार द्वारा सीओ अंशु को निलंबित करने का विभाग ने निर्णय लिया है। अंचल अधिकारी अंशु प्रसून खगड़िया को बिहार सरकारी सेवक वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियमावली 2005 के नियम 9 (1) क के प्रावधानों के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि के लिए प्रसून का मुख्यालय प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय, मुंगेर प्रमंडल निर्धारित किया जाता है ।वही निलंबन अवधि में सीओ प्रसून को नियमानुसार बिहार सरकार सेवक वर्गीकरण नियंत्रण एवं नियमावली 2005 के नियम 10 के अंतर्गत जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।
विदित हो कि उक्त सीओ प्रशून के विरुद्ध जिलाधिकारी ने अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग पटना को विभागीय पत्रांक 507, दिनांक 5.8 .2021 द्वारा लिखा था कि अंशु प्रसून अंचलाधिकारी परवत्ता का प्रपत्र क साक्ष्य के साथ सलंग्न कर आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजा गया था । वही अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने 12. 5. 2022 (विभागीय पत्रांक 149 /14, दिनांक 18.2.22) जिला अधिकारी खगड़िया को उपयुक्त विषय के संबंध में लिखा था कि उक्त सीओ अंशु प्रसून के विरुद्ध कथित आरोप पत्र के आलोक में समर्पित स्पष्टीकरण की मांग की गई थी जो अब तक अप्राप्त है। निर्देशित करते हुए आरोपी से प्राप्त स्पष्टीकरण में अंकित तथ्यों के संबंध में स्पष्ट मंतव्य गठित कर विभाग को एक पक्ष के अंदर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
स्थानीय लोगों ने प्रेस को बताया कि संबंधित अंचल अधिकारी द्वारा लगातार वैधानिक सरकारी कार्यों की उपेक्षा की जाती रही है लेकिन जिला अधिकारी डॉ आलोक रंजन घोष ने आम जनों की शिकायत पर त्वरित संज्ञान लेते हुए नियमानुसार उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना देकर जनहित का बहुत बड़ा काम किया है।
सूत्रों का कहना है कि स्थानीय सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने भी अंचल अधिकारी अंशु प्रसून के विरुद्ध डीएम खगड़िया से लिखित शिकायत की थी। इसका परिणाम आज सामने आया है।
वहीं सांसद चौधरी महबूब अली केसर ने कहा कि प्रदेश व देश में सुशासन की सरकार है, जनहित कार्यों की उपेक्षा करने वाले अधिकारी कानून की नजरों से नहीं बच पाएंगे।
निलंबित सीओ अंशु प्रसून की गुहार
प्रेस द्वारा पूछे गए सवालों के संदर्भ में निलंबित सीईओ अंशु प्रसून ने अत्यंत शालीनता पूर्वक बताया कि उनके विरुद्ध लगाए गए आरोपों से वे अत्यंत आहत और आश्चर्यचकित हैं क्योंकि उन्होंने मांगी गई स्पष्टीकरण का जवाब पिछले महीने (जून) तत्कालीन ए डी एम महोदय को समर्पित किया गया था और उन्होंने फोन पर बताया की कुछ दिनों तक वे छुट्टी पर थे इसके बाद अग्निवीर हंगामा के दौरान सतर्कता पूर्वक ड्यूटी पर थे। उन्होंने यह भी दुख भरे शब्दों में कहा कि आज तक एमपी महोदय की आज्ञा का उल्लंघन उन्होंने नहीं किया है, और सरकार के नियमों तथा स्थानीय प्रशासन के आदेशों का अनुपालन करना उनका प्रथम प्रथम रहा है, इसके बावजूद उन्हें निलंबन की सजा दिया गया है। निलंबित सीओ ने बताया कि विभागीय आदेश का वे पूरा पालन करेंगे और उन्हें भरोसा है कि एक दिन उन्हें विभाग से दोषमुक्त करते हुए पुनः सम्मान वापस मिलेगा।
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