KHAGARIA : छत्रपति शिवाजी महाराज के 390वें समारोह का आयोजन ‘सार्प शिव संगठन’ सदस्यों ने धूमधाम से मनाया . छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के राष्ट्रभक्त बहादुर शासकों में से एक थे और उनकी बहादुरी व कुशल रणनीति जगजाहिर है-बबलू मंडल/ सामाजिक कार्यकर्ता

KHAGARIA : छत्रपति शिवाजी महाराज के 390वें समारोह का आयोजन ‘सार्प शिव संगठन’ सदस्यों ने धूमधाम से मनाया .
छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के राष्ट्रभक्त बहादुर शासकों में से एक थे और उनकी बहादुरी व कुशल रणनीति जगजाहिर है-बबलू मंडल/ सामाजिक कार्यकर्ता… खगडि़या/कोशी एक्सप्रेस/ बुधवार 19 फरवरी 2020 को जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज के 390वें समारोह का आयोजन सार्प शिव संगठन सदस्यों द्वारा धूमधाम से मनाया गया। उक्त कार्यक्रम का विधिवत् उद्घाटन सेवानिवृत शिक्षक विजय कुमार सिंह, डा. अमरेन्द्र कुमार सिंह, विष्णुदेव प्रसाद सिंह, विनय पटेल, समाजसेवी बबलू मंडल द्वारा संयुक्त रुप से स्थानीय चित्रगुप्तनगर स्थित शिवाजी पार्क में हुआ।
इस अवसर पर सैकड़ों बाईक सवार साथियों को को झंडा दिखाकर शोभा यात्रा के लिए रवाना किया गया। शोभा यात्रा का प्रारंभ शिवाजी पार्क से हुआ और कचहरी रोड, ओवर ब्रिज, राजेन्द चैक, थाना रोड, मेन रोड, एसडीओ रोड, स्टेशन रोड, व नगर भ्रमन करते हुए पटेल पार्क दाननगर पहुंचा। जहां भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटले कीे आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। पुनः वहीं शोभा यात्रा पश्चिम केबिन पार करते हुए मथुरापुर खेल मैदान पहुंचा और छत्रपति शिवाजी महाराज के तैल चित्र पर प्रो. ललन कुमार सिंह, विजय कुमार सिंह, रवि कुमार, सुधीर भैया, भीम सिंह, कुमार शानू, कमलकिशोर, राजीव कुमार सिंह, अर्जुन कुमार सिंह, मनोज कुमार सिं, रोहित कुमार फंटुश, दिनेश कुमार सिंह, टुनटुन कुमार, मनीष कुमार, प्रिंस कुमार, मणिकांत कुमार, कुंदन कुमार, नवीन कुमार, सुशील कुमार, शैलेष कुमार, रुपेश कुमार, सहित अन्य लोगों द्वारा पुष्प अर्पित किया गया।
वहीं बबलू मंडल ने अपने संबोधन में विस्तारपूर्वक बताया कि छत्रपति शिवाजी भारत के बहादुर शासकों में से एक थे। छत्रपति शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। मराठा साम्राज्य की नींव रखने का श्रेय छत्रपति शिवाजी को जाता है। छत्रपति शिवाजी की जयंती को शिव जयंती और शिवाजी जयंती भी कहते हैं। महाराष्ट्र में शिवाजी जयंती पारंपरिक तरीके से मनाई जाती है। महाराष्ट्र में इस दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। शिवाजी को उनकी बहादुरी और रणनीतियों के लिए जाना जाता है। छत्रपति शिवाजी स्वराज और मराठा विरासत के लिए जाना जाता है। शिवाजी महिलाओं को भी सम्मान दिया करते थे और उन्होंने महिलाओं के खिलाफ होने वाली कई हिंसाओ, शोषण और अपमान का विरोध किया। महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करने पर उनके राज्य में सजा मिलती थी।
विदित हो कि इस कार्यक्रम का सफल संचालन सार्प शिव संगठन के सक्रिय सदस्य भरत सिंह जोशी, सुधीर भैय, प्रो. ललन कुमार, , विजय कुमार सिंह, रवि कुमार, भीम सिंह की सराहनीय पहल दिखी।

नोट- किसी भी प्रसारित समाचार की जिम्मेवारी प्रेस की नहीं होगी-संपादक

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