खगड़िया: आवास कर्मियों का एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन सम्पन्न …आवास कर्मियों के लिए सरकारी कर्मचारी की भांति देय सुविधाएं बहाल हो:  शास्त्री

खगड़िया: आवास कर्मियों का एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन सम्पन्न …आवास कर्मियों के लिए सरकारी कर्मचारी की भांति देय सुविधाएं बहाल हो:  शास्त्री

खगड़िया/ कौशी एक्सप्रेस/ आज 10 जून 2025 को राज्य ग्रामीण आवास कर्मी संघ (सगासा), बिहार के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर तथा जिला इकाई खगड़िया के जिला अध्यक्ष सह संघ के प्रदेश प्रवक्ता आचार्य राकेश पासवान शास्त्री की अध्यक्षता में  जिले के सभी ग्रामीण आवास सहायक, प्रखंड लेखा सहायक एवं ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल कर जिला मुख्यालय स्थित उपभोक्ता फार्म कार्यालय रोड शिव मंदिर के बगल (उत्तरी भाग) प्रदर्शनकारी आवास कर्मियों ने अपनी सेवा की स्थायीत्वता, मानदेय में वृद्धि सहित 16 सूत्री मांगों को लेकर जोशपूर्ण धरना प्रदर्शन किया। मंच का संचालन संघ के जिला संयोजक संतोष कुमार आर्या एवं जिला सचिव मधुसूदन कुमार ने किया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में संघ के प्रदेश प्रवक्ता सह जिला अध्यक्ष आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने कहा कि लंबे समय से आवास कर्मी शोषण व उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। सरकार बार-बार आश्वासन देती है लेकिन न तो सेवा स्थाई की गई है और न ही मानदेय में यथोचित वृद्धि। उन्होंने कहा कि सरकार हमारी हम सरकार पर सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया जाना याराना नाइंसाफी है। आवास कर्मी न केवल प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का कार्य ससमय पूरा कर बिहार सरकार को सम्मान दिलवाये बल्कि केंद्र व बिहार सरकार के निर्वाचन और आपदा आदि अन्य सभी प्रमुख कार्य दक्षतापूर्ण करते आ रहे हैं। लेकिन इन कर्मियों से कोई वेतन पूछे तो लाजवंती के तरह शर्म से सर झुक जाता है। श्री शास्त्री ने कहा कि अब इन आवास कर्मियों का शोषण दोहन बंद कर सरकार इनकी सेवा को स्थाई कर मानदेय नहीं सम्मान जनक वेतन चालू करें और सरकारी कर्मचारी की भांति सभी देय सुविधाएं बहाल करें। अन्यथा आवास कर्मी को भी परिवर्तन का हिस्सा समझें। उन्होंने सरकार को एक सप्ताह का अल्टिमेटम देते हुए कहा कि हमारी 16 सूत्री जायज मांगे को सरकार पूरा नहीं करती है तो संघ चरणबद्ध आंदोलन के लिए कोई बड़ा फैसला ले सकती है और बिहार को संविदा मुक्त बनाने के लिए 1974 जैसे आन्दोलन को दुहराया जा सकता है। श्री शास्त्री ने सरकार से गुजारिश करते हुए शायराना अंदाज में कहा कि हम उम्र गुजरेंगे कब तक इस आस में कि तुम आओगी, जब हम हो जाएंगे बूढ़े तब किसका दिल बहलाओगी। यही आरजू है सरकार से कुछ और ना कहने वाले हैं, उम्मीद उन्हीं से होती है जो दर्द समझने वाले हैं। नीतीश बाबू की सरकार सबका कल्याण करती है तो आवास कर्मियों का क्यों नहीं? संयोजक संतोष आर्या, सचिव मधुसूदन कुमार, पर्यवेक्षक अभिषेक कुमार,धीरज कुमार, कोषाध्यक्ष आकाश कुमार चंदन कुमार, रजनीश मिश्रा,ईंट रंजीत कुमार एवं कुमारी कोमल आदि कर्मियों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार जल्द हमारी मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं करती है, तो यह आंदोलन चरणबद्ध रूप से और व्यापक रूप ले सकता है। धरना स्थल पर गणित कुमार, पिंटू कुमार, राकेश कुशवाहा, डॉक्टर प्रवीण कुमार, सुरेश यादव, विकास कुमार, पवन कुमार, ललन कुमार निराला, राजू कुमार , नितेश कुमार, बॉबी कुमारी, पिंकी कुमारी, रुबी कुमारी अकेली हिंदू रानी निर्मल कुमार सिंह , सुनील कुमार पासवान, गौतम कुमार, देव कुमार, उदय पासवान, सतीश पासवान, सुरेंद्र कुमार, मनोज दास, सुधीर कुमार, सुमन सुमन यादव, नरेश कुमार, पिंटू कुमार, अमरजीत कुमार, ललन कुमार, राकेश आनंद, दीपक कुमार, जयचंद कुमार, राजीव कुमार झा, शंकर कुमार, राजीव, अजीत कुमार, नवीन, चुनचुन सिंह, आशीष, सज्जन, अशोक मरांडी, संजय कुमार सिंह, बम शंकर झा एवं रणजीत मिश्रा , अशद उल्लाह शाद, प्रियतम कुमार, राजीव रंजन, नितेश कुमार दास एवं नीलकमल समेत कई अन्य आवास कर्मी अपनी मांगों को लेकर डटे रहे।

नोट- प्रसारित समाचार की जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक
*

 

 

 

Live Share Market

जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Back to top button
Close
Close