अफसोस: 14 वर्ष पूर्व मुंगेर के शहीद SP सुरेन्द्र बाबू मामले में हत्यारोपियों को आजतक सजा मुकर्रर नहीं हो सकी … बेगूसराय डीआईजी राजेश कुमार संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को समीक्षा करने एवं दोषियों को सजा दिलाने का दिया निर्देश…

अफसोस: 14 वर्ष पूर्व मुंगेर के शहीद SP सुरेन्द्र बाबू मामले में हत्यारोपियों को आजतक सजा मुकर्रर नहीं हो सकी …
बेगूसराय डीआईजी राजेश कुमार संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को समीक्षा करने एवं दोषियों को सजा दिलाने का दिया निर्देश… खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ 5 जनवरी 2020 को मुंगेर  के पुलिस कप्तान स्व. के.सी. सुरेन्द्र बाबू एवं छः जांबाज पुलिसकर्मियों की शहादत दिवस है। हम इन बहादुर पुलिसकर्मियों को अश्रपूरित नेत्रों से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अफसोस जाहिर करते हैं कि एसपी हत्याकाण्ड के दो मामलों में जो मुंगेर  जिला सत्र न्यायाधीश के यहां सत्रवाद 584/09 तथा दूसरा अपर जिला सत्र न्यायाधीश-2 न्यायालय, सत्रवाद संख्या614/012 अन्तर्गत लंबित है, आश्चर्य है कि घटना के समय उपस्थित संबंधित पुलिसकर्मियों की गवाही पूरी नहीं कराई जा सकी है। इसका परिणाम यह हुआ कि साक्ष्य के अभाव में अभियुक्तों को लाभ मिलता रहा और साक्षी पुलिसकर्मी तत्कालीन डीएसपी पी सनत कु श्रीवास्तव, अवर निरीक्षक रामानंद सिंह, आरक्षी कृष्णानंद यादव, मार्शल टोक्नो एवं भृगु सोरेन अपने शहीद साथियों को न्याय दिलाने में पिछड़ते रहे हैं।
मालूम हो कि मुंगेर रैंज प्रभारी सह बेगूसराय डीआईजी राजेश कुमार संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को समीक्षा करने एवं दोषियों को सजा दिलाने का निर्देंश दिया है। सूत्रों का कहना है कि एसपी हत्याकाण्ड में कुल 22 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था लेकिन पुलिस विभाग की सुस्ती से अबतक हत्यारोपियों को सजा नहीं मुकर्रर कराई जा सकी है ।

क्या था मामला : भीमबांध में हुई थी घटना : तीन जनवरी 2005 को लखीसराय के

कजरा में पुलिस से हथियार छीने जाने के बाद संदिग्ध नक्सलियों की तलाश में 5 जनवरी को एसपी केसी सुरेन्द्र बाबू के नेतृत्व में जमुई एवं लखीसराय के एसपी कॉबिंग के लिए खड़गपुर स्थित भीमबांध जंगल पहुंचे थे। वहां से लौटने के दौरान सोनरवा के पास नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में एसपी सहित 6 जवान शहीद हो गए थे। जो जवान शहीद उनमें ध्रुव ठाकुर, ओपी गुप्ता, मो. अंसारी, मो. इस्लाम एवं शिव कु मार राम शामिल थे। इस मामले में खड़गपुर थाना में कांड संख्या – 04/05 दर्ज हुआ था। तत्कालीन थाना प्रभारी शिव प्रसाद सिंह यादव मामले के सूचक बने थे।

 

नोट- किसी भी प्रसारित समाचार से संपादक का सहमत होना अनिर्वाय नहीं है।

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