खगड़िया: भूदान की जमीन रजिस्ट्री नहीं होगी…जि. लो. शि. नि. पदाधिकारी विमल कुमार सिंह के ऐतिहासिक फैसले से भू माफिया का खेल हुआ खत्म…
खगड़िया: भूदान की जमीन रजिस्ट्री नहीं होगी…जि. लो. शि. नि. पदाधिकारी विमल कुमार सिंह के ऐतिहासिक फैसले से भू माफिया का खेल हुआ खत्म…
खगड़िया/ कोशी एक्सप्रेस/ प्राप्त सूचनानुसार खगड़िया अनुमंडल के 36 दानपत्रों, रकबा 87.93 एकड़ एवं गोगरी अनुमंडल के 32 दानपत्रों में रकबा 135.35 एकड़ भूदान यज्ञ की जमीन पर भू माफिया का साम्राज्य कायम है। आश्चर्य है कि माननीय पटना उच्च न्यायालय में दर्ज याचिका CWJC नंबर 4126 /1991 द्वारा दिनांक 26 जून 2019 को पारित आदेश की अवहेलना करते हुए खगड़िया के डीसीएलआर सहित अंचल अधिकारी द्वारा भूदान में दान पत्र से दान दी गई जमीन संपुष्टि आज तक नहीं की जा सकी है। इन कार्यों में विभागीय लोगों के साथ बहुत बड़ा रैकेट काम कर रहा है।
मालूम हो कि प्रेस एसोसिएशन आफ बिहार के अध्यक्ष सह वरिष्ठ पत्रकार आरएमपी ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी खगड़िया के यहां दिनांक 10 जुलाई 2023 को प्रामाणिक कागजात सहित विधि सम्मत कार्रवाई हेतु मामला दर्ज कराया था। इस मामले की सुनवाई में भूदान यज्ञ की जमीन खाता 264, 294,269,221, और खेसरा 440, 220,912,146,1991 थाना संख्या 268 वगैरह अंतर्गत रकबा साथ एकड़ 49 डिसमिल की संपुष्टि माननीय हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बाद भी नहीं की जा सके और भू माफियाओं द्वारा भूदान यज्ञ अत्यंत महत्वपूर्ण कीमती भूखंडों को फर्जी वंशावली और कागजात में हेराफेरी करते हुए खरीदे व बेचे जा रहे हैं। खगड़िया प्रखंड और गोगरी दोनों में यह धंधा चल रहा है।
विदित हो कि इस मामले को जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी श्री विमल कुमार सिंह ने अपनी बड़ी जवाबदेही और गंभीरता से सुनवाई के दौरान जिला अवर निबंधन पदाधिकारी सहित अंचल अधिकारी और डीसीएलआर को निर्देश पत्र प्रेषित वैधानिक रूप में स्पष्टीकरण व कृत कार्रवाई की मांग करते हुए माननीय पटना उच्च न्यायालय आदेश की अवहेलना पर फटकार भी लगाई।
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी श्री विमल कुमार सिंह ने अपने सख्त आदेश में भूदान यज्ञ समिति के निर्धारित नियमों, माननीय हाईकोर्ट न्यायाधीश महोदय द्वारा इस मामले में व्यक्त निर्देशों का सविस्तार समीक्षा करते हुए दिनांक 21 अगस्त 2023 को अंतिम आदेश पारित किया है कि –
इस प्रकार की भूमि का यदि धरल्ले से हस्तरण हो रहा है तो यह एक प्रकार से न सिर्फ राजस्व प्रशासन की विफलता है बल्कि इस अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध प्रथम दृश्या दोषी संबंधित राजस्व पदाधिकारी प्रतीत होते हैं।
अतः लोक प्राधिकार भूमि सुधार उपसमाहर्ता खगड़िया से अपेक्षा की जाती है कि वे विनिश्चय संसूचित होने के 3 माह के अंदर इस परिवार से संबंधित भूदान भूमि अतिरिक्त अन्य 36 दानपत्रों अन्तनिर्हित 87.93 एकड़ भूमि दानपत्रों का ब्यौरा और दान पत्र प्रभारी कार्यालय मंत्री खगड़िया से प्राप्त कर संपुष्टि के संबंध में विधि सम्मत आदेश पारित करेंगे। उन्होंने लिखा है कि समाहर्ता खगड़िया से भी अपेक्षा की जाती है कि भूदान संबंधी सभी दानपत्रों की विस्तृत ब्यौरा प्राप्त कर भूदान यज्ञ अधिनियम 1954 अंतर्गत संपुष्ठ करने हेतु भूमि सुधार उप समाहर्ता, खगड़िया एवं गोगरी को निर्देशित करना चाहेंगे, जब तक दानपत्रों को सुपरसीड अथार्थ रद्द नहीं किया जाता है, तबतक दानपत्र निष्पादित कर्ताओं के बारसानों एवं अंको क्रय विक्रय रोकने के संबंध में जिला अवर निबंधन खगड़िया एवं अवर निबंधन गोगरी को यथोचित निर्देश देना चाहेंगे। इसके अलावा संबंधित भूखंड की दाखिल खारिज पर भी प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी करते हुए श्री सिंह ने कानून के दायरे को पूर्ण जीवित करने का साहस किया है जो जनहित में प्रशंसनीय है।
वरिष्ठ पत्रकार मधुर ने कहा कि यह आदेश भू माफियाओं का खेल खत्म करने में एक दिन मील का पत्थर साबित होगा।
- नोटं- प्रसारित समाचार की जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक
*यहाँ क्लिक करके हमारे मोबाईल एप को जरूर डाउनलोड करें** 👇
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.mytesta.koshiexpress