रिश्वत लेकर नॉर्मल इंज्यूरी रिपोर्ट ग्रीवियस बनाने का मामला… आरोपी OT अस्सिटेंट मो कमाल के विरुद्ध प्रपत्र (क) गठित होने के बावजूद विभागीय कार्रवाई नहीं…क्यों?

रिश्वत लेकर नॉर्मल इंज्यूरी रिपोर्ट ग्रीवियस बनाने का मामला…

आरोपी OT अस्सिटेंट मो कमाल के विरुद्ध प्रपत्र (क) गठित होने के बावजूद विभागीय कार्रवाई नहीं...क्यों?Fake

खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/प्राप्त सूचना अनुसार परिवादी वरिष्ठ पत्रकार आरएमपी मधुर ने रेफरल अस्पताल गोगरी में वर्ष 2014 से पदस्थापित ओटी अस्सिटेंट एवं संबंधित डॉक्टर द्वारा रिश्वत लेकर नॉर्मल इंजरी रिपोर्ट को ग्रीवियस मेडिकल रिपोर्ट बनाकर कानून व पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के विरुद्ध जिला लोक शिकायत निवारण प्राधिकारी के यहां मामला (वाद संख्या 42110128062205476) दर्ज करा कर कठोर विधि सम्मत कार्रवाई की गुहार लगाई थी।रिश्वत लेकर नॉर्मल इंज्यूरी रिपोर्ट ग्रीवियस बनाने का मामला...आरोपी OT अस्सिटेंट मो कमाल के विरुद्ध प्रपत्र (क) गठित होने के बावजूद विभागीय कार्रवाई नहीं...क्यों?
मालूम हो कि इस मामले की सुनवाई में लोक प्राधिकार सिविल सर्जन, खगरिया को नोटिस देकर दिनांक 11. 7. और 22 को अभिलेख समर्पित करने का निर्देश दिया गया। लोक प्राधिकार शल्य चिकित्सा पदाधिकारी अपने विभागीय पत्रांक 2063 दिनांक 11:07 22 को लिखित रूप में बताया कि मेडिकल बोर्ड गठित कर जांच हेतु पत्र दिया गया। इस संदर्भ में बात सामने आई कि मरीज नवल यादव पेसर स्वर्गीय रामचंद्र यादव द्वारा समर्पित सीटी स्कैन रिपोर्ट एवं प्रतिद्वंदी द्वारा समर्पित सीटी स्कैन में अत्यंत गंभीर अंतर पाया गया है जो ग्रीवियस मेडिकल रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करता है। इसके बाद पुनः लोक प्राधिकार ने दिनांक 8 अगस्त 2022 की सुनवाई में पत्रांक 2424 दिनांक 8 अगस्त 2022 को प्रतिवेदन देते हुए उक्त मामले में जांच उपरांत निर्णय लिया गया कि आरोपी ओटी अस्सिटेंट गोगरी मोहम्मद कमाल के विरुद्ध प्रपत्र (क) कर दिया गया है।
आश्चर्य है कि आज तक गोगरी में पदस्थापित ओटी असिस्टेंट मोहम्मद कमाल अमरोही एवं अन्य संबंधित चिकित्सीय लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को कार्यवाही प्रतिवेदन समर्पित नहीं किया जा सका है।

रिश्वत लेकर नॉर्मल इंज्यूरी रिपोर्ट ग्रीवियस बनाने का मामला...आरोपी OT अस्सिटेंट मो कमाल के विरुद्ध प्रपत्र (क) गठित होने के बावजूद विभागीय कार्रवाई नहीं...क्यों?
@आर. एम. पी. मधुर, वरिष्ठ पत्रकार

आवेदक वरिष्ठ पत्रकार मधुर ने प्रेस को बताया कि फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाने और रिश्वतखोरी के मामले को वे प्रमंडलीय आयुक्त मुंगेर के यहां दर्ज कराने पर बाध्य हो रहे हैं क्योंकि विधि सम्मत कार्रवाई की जनहित में जरूरत है।

 

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