पीड़ित STET शिक्षक अभ्यर्थी की गुहार कौन सुनेगा? सरकार व शिक्षा विभाग बार-बार न्यायालय के निर्देशों का मजाक बनाया क्यों ? राजेश कुमार यादव
पीड़ित STET शिक्षक अभ्यर्थी की गुहार कौन सुनेगा? सरकार व शिक्षा विभाग बार-बार न्यायालय के निर्देशों का मजाक बनाया क्यों ? राजेश कुमार यादव…
खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ प्राप्त सूचनानुसार जिले के गोगरी जमालपुर निवासी ओमप्रकाश यादव (पूर्व प्रधानाध्यापक) के पुत्र राजेश कुमार यादव ने आज खगड़िया जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय से STET 2019 उर्तीणता प्रमाण पत्र प्राप्त किया ।
राजेश कुमार यादव इसके पूर्व बिहार STET 2011 में भी उर्तीण हुए थे और शिक्षक बनने का सपना लेकर पुरे बिहार के 38 जिलों के जिला परिषद , नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत में हजारों आवेदन दिए लेकिन अभी तक शिक्षक बनने का सपना पूरा नहीं हो पाया है ।
छठा चरण बहाली में भी कम रिक्ती देने के कारण बहाली होना असम्भव है ।
पटना उच्च न्यायालय में अभी भी दो बड़ा केस विचाराधीन है जबकि केस नंबर CWJC 20095/2019 में माननीय न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय महोदय द्वारा बड़ी जीत दी गई है कि 30 जून 2019 तक के सभी रिक्त पदों को छठा चरण बहाली में शामिल करते हुए बहाली की जाए जिसमें STET 2011–12 के अभ्यर्थी शामिल होंगे । फैसला के दौरान STET अभ्यर्थी राजेश कुमार यादव खगड़िया, धनंजय कुमार बेतिया, सूर्य बल कुमार मोतिहारी, आदित्य पांडे पटना,अभय कुमार नालंदा, कुमारी आराधना पटना, रोजी कुमारी बेगुसराय, रंजना कुमारी सुपौल उपस्थित थे जबकि शिक्षा विभाग की ओर से माध्यमिक शिक्षा के निदेशक गिरवर दयाल सिंह और शिक्षा सचिव अमित कुमार सर उपस्थित होकर स्वीकार किए कि 30 जून 2019 तक की रिक्तीयों को जोड़कर छठा चरण बहाली पुरी की जाएगी लेकिन सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने फिर छल कपट भरा आदेश पत्र जारी किए जिसमें 30 जून 2019 तक रिटायर हुए और मृत्यु हुए शिक्षक के पदों को ही छठा चरण बहाली में शामिल करने का पत्र जिला को भेजा गया ।
पटना उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया गया है जिसके कारण एक बार फिर से सभी अभ्यर्थियों को पटना हाईकोर्ट में सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर की गई है जो विचाराधीन है ।
ज्ञात हो कि अभी बिहार में लाखों शिक्षक का पद रिक्त हैं उत्तक्रमित/नव उत्तक्रमित/र.म.सा./प्रोजेक्ट/राजकियकृत/ उ.वि. में शिक्षकों की घोर कमी है । बिना शिक्षक के पढ़ाई कैसे ??
वर्तमान समय में चल रहे छठा चरण बहाली में सामाजिक विज्ञान विषय में मात्र 672 सीटों पर बहाली ली जा रही है जबकि सामाजिक विज्ञान विषय में लगभग 12,000 { बारह हजार } पद रिक्त हैं और अभ्यर्थियों की संख्या 5000 ( पांच हजार ) है ।
अगर 2011–12 के STET शिक्षक अभ्यर्थियों का सम्पुर्ण बहाली कर दी जाए तो भी लगभग 6,000 पद खाली रह जाएगा । लेकिन सरकार और शिक्षा विभाग की नीयत और नीति साफ नहीं है ।
सरकार सिर्फ और सिर्फ पब्लिकसीटी के लिए भीड़ तंत्र का सहारा लेना जानती है 2011–12 के हजारों अभ्यर्थी भटक रहे हैं और सरकार फिर से नया रिजल्ट कार्ड देकर 80402 की लंबी फौज तैयार कर लिए ।
बिहार सरकार सभी रिक्त पदों को जोड़कर छठा चरण पुरा करते हुए जल्द से जल्द सातवें चरण बहाली के लिए आवेदन की तिथि निर्धारित करें ताकि शिक्षक बहाली के साथ विद्यालयों में पढ़ाई भी मजबूत हो सके ।
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