गुदड़ी के लाल कर्पूरी ठाकुर गरीबों के मसीहा तो थे ही, कार्यकर्ताओं का मनोबल भी नहीं तोड़ते थे – डॉ अरविन्द वर्मा…

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गुदड़ी के लाल कर्पूरी ठाकुर गरीबों के मसीहा तो थे ही, कार्यकर्ताओं का मनोबल भी नहीं तोड़ते थे – डॉ अरविन्द वर्मा…गुदड़ी के लाल कर्पूरी ठाकुर  गरीबों के मसीहा तो थे ही, कार्यकर्ताओं का मनोबल भी नहीं तोड़ते थे - डॉ अरविन्द वर्मा  ANA/Indu Prabha  खगड़िया। बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर गुदड़ी के लाल एवं गरीबों के मसीहा थे। समाजवाद में विश्वास करते थे। अपने जीते जिंगदी उन्होंने राजनीति में अपने परिवार के किसी भी सदस्य को आने नहीं दिए। क्योंकि कर्पूरी जी राजनीति में परिवारवाद के घोर विरोधी थे। उन्हीं के कार्य काल में बिहार के छात्र कर्पूरी डिवीजन से पास किए थे। परीक्षार्थियों द्वारा परीक्षा में चोरी रोकने के उद्देश्य से कहा था परीक्षा में ओपन बुक सिस्टम लागू कर दो, चोरी रुक जायेगा, जो पढ़ेंगे, वही पश्न का उत्तर ढूंढ कर लिख पायेंगे। उक्त बातें, बिहारी पॉवर ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ अरविन्द वर्मा ने कर्पूरी ठाकुर की पुण्य तिथी पर भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित करते हुए कही। डॉ वर्मा ने आगे कहा मुझे याद है। ए एन डी कॉलेज साहपुर पटोरी के सभा कक्ष में प्रोफेसरों के साथ एक बैठक चल रही थी, जिसमें कर्पूरी ठाकुर संबोधित कर रहे थे। बैठक में में भी मौजूद था। अचानक जीप के हॉर्न की आवाज आई, उन्होंने कहा देखिए कौन है ? इतने में नीचे से आवाज आई, कर्पूरी जी मेरे बारात में नहीं जाएंगे तो मैं शादी करने नहीं जाऊंगा। ये आवाज दूल्हे राजा की था। जैसे ही कर्पूरी जी को यह जानकारी दी गई, वैसे ही अपने अनुआई  युवक की जिद के आगे उनकी एक नहीं चली। कर्पूरी जी ने बैठक के बीच में ही यह कह कर शादी में बारात जाने के लिए तैयार हो गए और बोले कार्यकर्त्ता के मनोबल को कदापि नहीं तोड़ना चाहिए। इस उदगार को देखकर हमलोग चकित हो गए थे। डॉ वर्मा ने कहा आज के नेता कार्यकर्ताओं की भावना का कोई कद्र नहीं करते हैं। ऐसे नेताओं को कर्पूरी जी से सीख लेने की जरूरत है। डॉ वर्मा ने यादगार फ़ोटो प्रदर्शित करते हुए कहा कर्पूरी जी, खगड़िया के उपकारा में निरीक्षण करने आए थे, उसी दौरान लिया गया फ़ोटो है, जिसमें कर्पूरी ठाकुर के संग हैं  डॉ अरविन्द वर्मा (चेयरमैन, बिहारी पॉवर ऑफ इंडिया), पशुपति कुमार पारस (आज के केन्द्रीय मंत्री) एवं कारा अधीक्षक आदि।

खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/  बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर गुदड़ी के लाल एवं गरीबों के मसीहा थे। समाजवाद में विश्वास करते थे। अपने जीते जिंगदी उन्होंने राजनीति में अपने परिवार के किसी भी सदस्य को आने नहीं दिए। क्योंकि कर्पूरी जी राजनीति में परिवारवाद के घोर विरोधी थे। उन्हीं के कार्य काल में बिहार के छात्र कर्पूरी डिवीजन से पास किए थे। परीक्षार्थियों द्वारा परीक्षा में चोरी रोकने के उद्देश्य से कहा था परीक्षा में ओपन बुक सिस्टम लागू कर दो, चोरी रुक जायेगा, जो पढ़ेंगे, वही पश्न का उत्तर ढूंढ कर लिख पायेंगे। उक्त बातें, बिहारी पॉवर ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ अरविन्द वर्मा ने कर्पूरी ठाकुर की पुण्य तिथी पर भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित करते हुए कही। डॉ वर्मा ने आगे कहा मुझे याद है। ए एन डी कॉलेज साहपुर पटोरी के सभा कक्ष में प्रोफेसरों के साथ एक बैठक चल रही थी, जिसमें कर्पूरी ठाकुर संबोधित कर रहे थे। बैठक में में भी मौजूद था। अचानक जीप के हॉर्न की आवाज आई, उन्होंने कहा देखिए कौन है ? इतने में नीचे से आवाज आई, कर्पूरी जी मेरे बारात में नहीं जाएंगे तो मैं शादी करने नहीं जाऊंगा। ये आवाज दूल्हे राजा की था। जैसे ही कर्पूरी जी को यह जानकारी दी गई, वैसे ही अपने अनुआई युवक की जिद के आगे उनकी एक नहीं चली। कर्पूरी जी ने बैठक के बीच में ही यह कह कर शादी में बारात जाने के लिए तैयार हो गए और बोले कार्यकर्त्ता के मनोबल को कदापि नहीं तोड़ना चाहिए। इस उदगार को देखकर हमलोग चकित हो गए थे। डॉ वर्मा ने कहा आज के नेता कार्यकर्ताओं की भावना का कोई कद्र नहीं करते हैं। ऐसे नेताओं को कर्पूरी जी से सीख लेने की जरूरत है। डॉ वर्मा ने यादगार फ़ोटो प्रदर्शित करते हुए कहा कर्पूरी जी, खगड़िया के उपकारा में निरीक्षण करने आए थे, उसी दौरान लिया गया फ़ोटो है, जिसमें कर्पूरी ठाकुर के संग हैं डॉ अरविन्द वर्मा (चेयरमैन, बिहारी पॉवर ऑफ इंडिया), पशुपति कुमार पारस (आज के केन्द्रीय मंत्री) एवं कारा अधीक्षक आदि।

 

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