जननायक कर्पूरी ठाकुर सादगी और ईमानदारी के प्रतिमूर्ति थे…उनके सिद्धांतों पर चलकर ही प्रदेश का सर्वांगीण विकास होगा- मनोहर यादव

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जननायक कर्पूरी ठाकुर सादगी और ईमानदारी के प्रतिमूर्ति थे…उनके सिद्धांतों पर चलकर ही प्रदेश का सर्वांगीण विकास होगा- मनोहर यादवजननायक कर्पूरी ठाकुर सादगी और ईमानदारी के प्रतिमूर्ति थे...उनके सिद्धांतों पर चलकर ही प्रदेश का सर्वांगीण विकास होगा- मनोहर यादव

खगड़िया/ कोशी एक्सप्रेस/ आज पूर्व नगर सभापति सह राजद एम एल सी प्रत्याशी मनोहर कुमार यादव के आवास पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर का पुण्यतिथि मनाया गया।
जननायक कर्पूरी ठाकुर के तैल्य चित्र पर पूर्व नगर सभापति मनोहर कुमार यादव,नगर पार्षद विजय यादव,रणवीर कुमार,पूर्व नगर पार्षद पप्पू यादव,पूर्व जिला परिषद सदस्य अजीत सरकार पूर्व पंचायत समिति सदस्य चंदन पासवान ने पुष्प अर्पित कर नमन किया।जननायक कर्पूरी ठाकुर सादगी और ईमानदारी के प्रतिमूर्ति थे...उनके सिद्धांतों पर चलकर ही प्रदेश का सर्वांगीण विकास होगा- मनोहर यादव
पूर्व नगर सभापति मनहोर कुमार यादव ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के राजनीतिक – सामाजिक जीवन में आडम्बर और दिखावे के लिए कोई जगह नहीं थी। नाई जाति में जन्म लेने वाले कर्पूरी सरल हृदय के राजनेता और शिष्टाचार के प्रतिमूर्ति के रूप के लिए माने जाते थे। कर्पूरी ठाकुर सामाजिक रूप से पिछड़ी जाति से जरूर थे, लेकिन उन्होंने सादगी से राजनीति को जन सेवा की भावना के साथ जिया था।कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 में समस्तीपुर के पितौंझिया गांव में हुआ था। इनके पिता गोकुल ठाकुर गांव के सीमांत किसान थे और अपने पारंपरिक पेशा नाई का काम भी करते थे। भारत छोड़ो आन्दोलन के समय कर्पूरी ठाकुर ने करीब ढ़ाई साल जेल में बिताया था। इसके बाद कर्पूरी जी 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 और 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 के दौरान दो बार बिहार के मुख्यमंत्री पद पर रहे। लोकप्रियता के कारण उन्हें जन-नायक कहा जाता था। जननायक कर्पुरी ठाकुर भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ और बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री भी रह चुके थे।
कर्पूरी ठाकुर बिहार में एक बार उपमुख्यमंत्री, दो बार मुख्यमंत्री और दशकों तक विधायक और विरोधी दल के नेता रहे। 1952 की पहली विधानसभा में चुनाव जीतने के बाद वे बिहार विधानसभा का चुनाव कभी नहीं हारे। राजनीति में इतना लंबा सफ़र बिताने के बाद जब उनका निधन हुआ तो अपने परिवार को देने के लिए एक मकान तक उनके नाम का नहीं था। आज जब करोड़ो रुपयों के घोटाले में आए दिन नेताओं के नाम सामने आते हैं ऐसी राजनीति में कर्पूरी ठाकुर जैसे नेता भी मुख्यमंत्री बनकर सिर्फ जनसेवा ही करते रहे।
नगर पार्षद रणवीर कुमार ने कहा कि नाई जाति में जन्म लेने वाले कर्पूरी सरल हृदय के राजनेता माने जाते थे। कर्पूरी ठाकुर सामाजिक रूप से पिछड़ी जाति से जरूर थे, लेकिन उन्होंने राजनीति को जन सेवा की भावना के साथ जिया था। उनकी सेवा भावना के कारण ही उन्हें जननायक कहा जाता था, वह हमेशा गरीबों के अधिकार के लिए लड़ते रहे। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया, उनका जीवन लोगों के लिए आदर्श से कम नहीं है।
मौके पर राजद आपदा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रमोद यादव, राजद महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष रंजू सहनी,राजद नेता चंदन सिंह,नंदकिशोर यादव, मनीष कुमार,जितेंद्र श्रीवास्तव, कुमार धीरेंद्र,रामदेव यादव आदि मौजूद थे।

 

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