ब्रेकिंग न्यूज़ : खगड़िया नप सदस्या मीना खंडेलिया का इस्तीफा…राजनीतिक गलियारे में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी
ब्रेकिंग न्यूज़ : खगड़िया नप सदस्या मीना खंडेलिया का इस्तीफा...राजनीतिक गलियारे में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी…..
खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ प्राप्त सूचनानुसार कल 1 अक्टूबर 2021 को नप सदस्या मीना देवी उर्फ मीना खंडेलिया ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए नप सभापति को प्रेषित पत्र में अनेक गंभीर बातों का उल्लेख किया है।
मालूम हो कि श्रीमती खंडेलिया द्वारा अपने पद से त्यागपत्र देने के बाद एक अप्रत्याशित राजनैतिक घटनाक्रम को हवा मिली है। भाजपा नेत्री और वार्ड न.7 की नगर पार्षद मीना देवी उर्फ मीना गुप्ता खंडेलिया का अपने नगर पार्षद पद से त्यागपत्र देना शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। नगर सभापति को संबोधित अपने त्यागपत्र में नगर पार्षद ने विगत कुछ दिनों से नगर परिषद के और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के बीच हो रही खोखली बयानबाजियों से खुद को व्यथित बताया। साथ ही साथ उन्होंने यह भी आरोप लगाते हुए लिखा है की उनके वार्ड न 07 में पिछले काफी सालो में किसी योजना का कार्यान्वयन जानबूझ कर नहीं करवाया गया। मीना गुप्ता ने यह भी लिखा की हमारे राजनैतिक विरोध हो सकते है किंतु इसमें हमारी जनता का कोई दोष नही है,लेकिन नगर परिषद की अकर्मण्यता से सबसे बड़ा नुकसान नगरवासियों का हो रहा है। मीना ने स्टेशन रोड की जर्जरता और उस पर हो रही बयानबाजियो से खुद को आहत बताते हुए लिखा है की नगर परिषद खगड़िया के लिए इससे बड़ी शर्म की बात कुछ हो ही नही सकती की 15 वर्ष से एक ही परिवार के हाथ में नगर की सत्ता रहने के बावजूद शहर की दुर्गति जनता देख रही है। गौरतलब है की पार्षद श्रीमती खंडेलिया भाजपा के उन्ही कद्दावर नेता संजय खंडेलिया की धर्मपत्नी है जिन्होंने विगत दिनों दर्जनों बिहार सरकार के और भारत सरकार के मंत्रियों और भाजपा के प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के पदाधिकारियों का तीन दिनों तक खगड़िया में जमावड़ा लगा दिया था। इस संबंध में जब श्री खंडेलिया से उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा की ये उनकी पत्नी जो की नगर पार्षद है उनका अपना निर्णय है और उन्होंने जो समझा होगा,देखा होगा,महसूस किया होगा उसी के आधार पर निर्णय लिया होगा क्योंकि वे एक उच्च शिक्षित और आत्मनिर्भर महिला उद्यमी ही नही बल्कि सामाजिक राजनैतिक कार्यकर्ता भी हंै। लेकिन इतना उन्होंने जरूर कहा कि ऐसे निर्णय सामान्य परिस्थितियों में नही लिए जाते,जब स्थिति बद से बदतर होती है तभी ऐसे निर्णय होते है साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा की ऐसा निर्णय लेने के लिए गजभर का कलेजा चाहिए। जब इस संदर्भ में नगर पार्षद से यह पूछा गया की क्या उनके निर्णय पर पुनर्विचार की कोई संभावना है तो इसपर उन्होंने बड़ी बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि उनका निर्णय अटल है और अपनी अंतरात्मा का गला घोंट कर उस नगर परिषद बोर्ड का सदस्य बने रहना जो जनता का विश्वास खो चुका है उनके जमीर को गवारा नहीं। पार्षद यही नहीं रुकी वो आगे कहती है खगड़िया के सर्वांगीण विकास की अंतिम सीढ़ी नगर परिषद ही नही है, अब मैं खगड़िया के उत्तरोत्तर विकास के लिए राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक यहां की जनता की आवाज को पहुचाऊंगी। उन्होंने कहा कि मैं खगड़िया की जनता को विश्वास दिलाती हूँ कि खगड़िया की मूलभूत समस्याओं को राज्य स्तर से शीघ्र निदान होगा और उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी न तो कोई चुनाव है और ना ही मेरा ये कथन कोई चुनावी वादा।
विदित हो कि खगड़िया नगरपालिका के इतिहास में पहली बार किसी पार्षद ने जनहित में अपने पद से इस्तीफा देने का साहस किया है।
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