सवालों के घेरे में परबत्ता विधायक डा. संजीव कुमार… गोगरी रेफरल अस्पताल भवन निर्माण कार्य का शिलान्यास समारोहपूर्वक करना बिहार सरकार के निर्देशों की अवहेलना है -चौ. महबूब अली कैसर/ MP
सवालों के घेरे में परबत्ता विधायक डा. संजीव कुमार... गोगरी रेफरल अस्पताल भवन निर्माण कार्य का शिलान्यास समारोहपूर्वक करना बिहार सरकार के निर्देशों की अवहेलना है –सांसदखगड़िया-परबत्ता/कोशी एक्सप्रेस/ प्राप्त सूचनानुसार विगत 3 जून 2021 को परबत्ता विधानसभा अन्तर्गत गोगरी रेफरल अस्पताल में 100 शैया बेड वाले अनुमण्डलीय स्तर के भवन निर्माण कार्य का शिलान्यास स्थानीय विधायक डा. संजीव कुमार द्वारा किया गया है।
मालूम हो कि उक्त शिलान्यास कार्यक्रम पर सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने बिहार सरकार की नीतियों एवं निर्देशों का हवाला देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री सहित संबंधित सभी अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करते हुए पत्र लिखा है कि इस कोरोना महामारी अवधि में राज्य के मुख्यमंत्री ने अनेक सामाजिक कार्यों , शिलान्यास एवं अन्य सरकारी गतिविधियों पर भी प्रतिबंध स्थापित किया है। लेकिन परबत्ता विधायक डा. संजीव ने बिहार चिकित्सा सेवायें एवं आधारभूत संरचना लि. गोगरी रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदा. एवं अन्य लोगों की मिलीभगत से समारोहपूर्वक शिलान्यास किया गया जो जांच का विषय है। इतना ही नहीं सांसद प्रतिनिधि बाबू लाल शौर्य ने जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष को लिखित रुप में बताया है कि शिलान्यास किया जाना कोरेाना गाइडलाइन का तथा राज्य सरकार के निर्देशों का अपमान है। प्रतिनिधि ने कहा कि शिलापट् में न तो बिहार के CM, क्षेत्रिय सांसद का नाम है न तो स्वा. मंत्री या सिविल संर्जन का नाम अंकित है, आखिर ऐसा क्यों ? उन्हेांने सवाल उठाया कि जब गोगरी अनुमण्डलीय प्रशासन द्वारा लाॅकडाउन अवधि में दूकानदारों से बतौर दण्ड लाखों रुपये वसूल किये गये तो आखिर किस मजबुरी में परबत्ता विधायक डॉक्टर . संजीव को शिलान्याय समारोह करने की अनुमति दी गई ?
बताया गया है कि संबंधित विधायक द्वारा सस्ती लोकप्रियता बटोरने के लिए प्रदेश सरकार के आदेशों को भी चुनौती देने का लगातार प्रयास करते रहे हैं , सांसद प्रतिधिधि बाबूलान शौर्य ने प्रेस का बताया कि डा. संजीव अपने पिता श्री आर.एन. सिंह ( पूर्व विधायक) एवं गोगरी रेफरल अस्पताल के विवादित प्रभारी चिकित्सा पदा. डा. चन्द्रपकाश का नाम अंकित करना नहीं भूले। अब जनप्रतिनिधि और जनता जनार्दन के सवालों के घेरे में परबत्ता विधायक आ चुके हैं, आगे देखना है कि मामला कहां तक बढ़ता है । जारी
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