खगड़िया: दिघौन मुखिया हरिशंकर रजक के विरुद्ध कार्रवाई की संचिका गुम होने का रहस्य क्या है ?.. DM कार्यालय से भेजा गया आरोप पत्र प्रधान सचिव, पंचायती राज विभाग में कबतक प्रक्रियाधीन रहेगा ?
खगड़िया: दिघौन मुखिया हरिशंकर रजक के विरुद्ध कार्रवाई की संचिका गुम होने का रहस्य क्या है ?.. डीएम कार्यालय से भेजा गया आरोप पत्र प्रधान सचिव, पंचायती राज विभाग में कबतक प्रक्रियाधीन रहेगा ?
खगड़िया-बेलदौर /कोशी एक्सप्रेस/ प्राप्त सूचनानुसार वरिष्ठ पत्रकार आर.एम.पी. मधुर द्वारा जिला लोक शिकायत निवारण पदा. के यहां वर्ष 2019 में बेलदौर प्रखंड के दिघौन पंचायत के मुखिया हरिशंकर रजक एवं वार्ड संख्या-6 के सदस्य सहित पंचायत सचिव व कनीय अभियन्ता के विरुद्ध मामला दर्ज कराकर विधि सम्मत् कार्रवाई की मांग की गई थी। इस परिवाद के आलोक में प्रशासनिक स्तर से जांचोपरान्त संबंधित आरोपी मुखिया एपं अन्य के विरुद्ध भ्रष्टाचार, अनियमितता की सत्यता सिद्ध हुई थी और जि.लो.शि.नि. पदा. ने डीएम खगड़िया को कार्रवाई हेतु पत्र प्रेषित भी किया था।
मालूम हो कि जिलाधिकारी कार्यालय, खगड़िया के पत्रांक 1062 दिनांक 27 नवम्बर 2019 अन्तर्गत जिलाधिकारी ने बिहार पंचायती राज के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि बिहार पंचायती राज अधिनियम के विरुद्ध कार्रवाई की जाये। डीएम द्वारा प्रेषित पत्र में योजनान्तर्गत संबंधित आरोपी मुखिया हरिशंकर रजक द्वारा दिघौन पंचायत वार्ड-6 में 69 लाख 21 हजार 887 रु0 एक ही वार्ड में खर्च कर दिया गया था, जो विभागीय निर्देश का उल्लघंन है। इतना ही नहीं डीएम के पत्र में स्पष्ट लिखा गया कि उक्त मुखिया के विरुद्ध आरोप पत्र गठित कर साक्ष्य सहित पंचायती राज अधिनियम 2006 धारा 19(5) तहत कार्रवाई हेतु भेजा गया।
विदित हो कि राज्य सरकार दागी मुखिया व जनप्रतिनिधियों की सूची बनाकर कठोर कार्रवाई करने जा रही है जिसका परिणाम आगामी चुनाव में भ्रष्टाचार के प्रयाय बने लोगों को चुनाव से वंचित भी किया जा सकता है। पत्रकार मधुर ने प्रेस को बताया कि ऐसे सभी मामले को माननीय पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दर्ज कराकर जनहित में साहस करने की आवश्यकता आ गई है।
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