खगड़िया: ‘नागरिकता संशोधन कानून’ के समर्थन में कल आर्य कन्या उच्च विद्यालय से शान्तिपूर्ण विशाल पदयात्रा की उद्घोषणा…यह कानून पीड़ित, प्रताड़ित लोगों को सम्मानपूर्वक नागरिकता प्रदान करने का ऐतिहासिक प्रयास है – नितीन कुमार ‘चुन्नू’
खगड़िया: ‘नागरिकता संशोधन कानून’ के समर्थन में कल आर्य कन्या उच्च विद्यालय से शान्तिपूर्ण विशाल पदयात्रा की उद्घोषणा…यह कानून पीड़ित, प्रताड़ित लोगों को सम्मानपूर्वक नागरिकता प्रदान करने का ऐतिहासिक प्रयास है – नितीन कुमार ‘चुन्नू’ …खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ कल 26 दिसंबर को खगड़िया के आम नागरिकों द्वारा ‘नागरिकता संशोधन कानून’ के समर्थन में धन्यवाद मार्च खगड़िया नगर में निकाला जाएगा। जिसको लेकर पद यात्रा संयोजक नितीन कुमार ‘चुन्नू’, सह संयोजक चंदन कुमार, नीलकमल दिवाकर, कुन्दन कुमार, शशी सोनी, रिक्की साह ने प्रेस काॅन्फ्रेंस आयोजित कर खगड़िया की तमाम जनता को कल आर्य कन्या उच्च विद्यालय से निकलने वाली पदयात्रा में शामिल होने के लिए आग्रह किया।
वहीं पद यात्रा के संयोजक नितीन कुमार ने प्रेस को बताया कि खगड़िया की जनता माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत समस्त सांसद जिन्होंने नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन कर धार्मिक आधार पर विद्वेषिता का दंश झेल रहे बांग्लादेश, अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के अल्पसंख्यक भाइयों को भारत की नागरिकता देने वाले कानून को अमलीजामा पहनाया है, वे सभी धन्यवाद के पात्र हैं। यह एक ऐतिहासिक कानून है जिससे भारतवंशियों को आजादी के बाद सम्मान जनक नागािकता का अधिकार उपलब्ध होगा।
बताया गया है कि धन्यवाद मार्च 26 दिसंबर गुरुवार को 10ः00 बजे सुबह आर्य समाज मंदिर के प्रांगण से निकलकर नगर भ्रमण करते हुए शांतिपूर्ण पुनः आर्य समाज मंदिर प्रांगण में ही पहुंचेगी।
सह संयोजक चंदन कुमार ने खगड़िया वासियों से अपील की है कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस पद यात्रा को सफल बनाने का प्रयत्न करेंइसके अलावे उन्होंने कहा कि यह पत्र यात्रा किसी के विरोध में नहीं है। मालूम हो कि नागरिकता संशोधन कानून पारित होने के बाद से ही कुछ दलों के लोगों को पेट में दर्द होना शुरु हो गया है और ऐसे लोग माननीय नरेन्द्र मोदी और माननीय अमित शाह के विरुद्ध अमर्यादित भाषा का प्रयेाग करते दिखे हैं।
नीलकमल दिवाकर ने बताया कि सीएए को लेकर कुछ असामाजिक तत्व समाज में भ्रम फैला रहे हैं। जबकि देश के प्रधान सेवक ने स्वयं बताया है कि, सीएए का संबंध भारतवासियों को ठेस पहुंचाना नहीं है। इस कानून से देश के हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन एवं बौद्ध समुदाय को किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
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