खगड़िया के युवा सांसद राजेश वर्मा ने 52 कोठरी 53 द्वार जीर्णोद्धार सहित कसरैया धार तथा मटेश्वर धाम को पर्यटन के रूप में विकसित करने का मुद्दा उठाया संसद में

खगड़िया के युवा सांसद राजेश वर्मा ने 52 कोठरी 53 द्वार जीर्णोद्धार सहित कसरैया धार तथा मटेश्वर धाम को पर्यटन के रूप में विकसित करने का मुद्दा उठाया संसद में …

खगड़िया/ कौशी एक्सप्रेस/ आज लोकसभा में खगड़िया के सांसद राजेश वर्मा ने क्षेत्र के विभिन्न ऐतिहासिक स्थल को विकसित करने हेतु तथा पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु सदन के पटल पर रखा। जिसमे खगड़िया जिला के परबत्ता प्रखंड सौढ दक्षणी पंचायत के भरतखण्ड में अवस्थित 52 कोठरी 53 द्वार के नाम से प्रसिद्ध धरोहर को पर्यटन के रूप में विकसित करने की माँग को सांसद उठाया।  सांसद श्री वर्मा ने बताया कि इस कोठरी में 52 कमरे 53 दरवाजे है यह महल 5 बीघा 5 कट्ठा 5 धुर 5 धुरकी में अवस्थित है। यह महल 17वी शताब्दी में मध्यप्रदेश के सोलंकी वंश जे राजा बैरम सिंह के द्वारा मुगलकालीन कारीगर बरकाती मिया के द्वारा इसकी नक्काशी किया गया था तथा इस महल की तुलना जयपुर के हवामहल से की जाती है। इस कोठरी में चमत्कारी मंडप, महल के प्रांगण में रानियों के स्नान करने हेतु तालाब , कई सुरंगों तथा दीवारों पर की गई सुंदर चित्रकारी और अद्वितीय नक्काशी है। इस महल को भूल भुलैया के नाम से भी जाना जाता है। लंबे समय से इसके जीर्णोद्धार की राह देख रहा है । यह भवन इसके जीर्णोद्धार से पर्यटन को बहुत ही बढ़ावा मिलेगा तथा स्थनीय लोगो को रोजगार भी मिलेगा । वही मानसी प्रखंड के चैधा बन्नी के एनएच 31 के किनारे स्थित है कशरैयाधार को भी विकशित करने का माँग सांसद ने उठाया । श्री राजेश वर्मा ने सदन को अवगत कराते हुए कहा कि 7 किमी लंबे क्षेत्र में फैला यह यह कसरैया धार इसको देखने के लिए दूर दूर से लोग आते है इसकी कल कल बहती धारा अत्यंत ही मनमोहक है । इस धार को पर्यटन के रूप में जीर्णोद्धार का लंबे समय से इसकी मांग किया जा रहा है पर इस ओर अभी तक विशेष पहल नही हो पाया है। कसरैया धार में सतरंगी मछली का उत्पादन होता है । कई राज्यों से यहाँ की मछली की माँग बहुत ही अत्यधिक है उसका कल-कल बहता पानी तथा अपनी सुंदरता तथा विशालता के कारण आस पास के जिले में विख्यात है  कशरैया धार परंतु संरक्षण के अभाव में आज जीर्ण अवस्था मे पड़ा है जबकि इस स्थल को नौका बिहार के रूप में विकसित किया जाय जिससे आस- पास के जिलों में एक बेहतर पर्यटन को बढावा मिलेगा तथा स्थानीय लोगो को रोजगार मिलेगा।
वही सांसद ने सिमरीबख्तियारपुर विधानसभा के बलवाहाट में अवस्थित बाबा मटेश्वर धाम का भी मुद्दा उठाया सदन को श्री वर्मा ने बताया कि यह धाम मिनी बाबा धाम के नाम से कोशी सीमंचल के इलाके में बहुत ही प्रसिद्ध हैइस धाम में अवस्थित शिवलिंग में सावन तथा भादो माह को छोड़कर सालों भर जल भरा रहता है इसकी गहराई का वर्णन अवर्णीय है। धाम में सावन तथा भादो में लाखों श्रद्धालु मुंगेर घाट तथा गंगा से जल भर के बाबा को जलाभिषेक करने जाते है । 2 महीनों एक मेला लगा रहता है।
मटेश्वर धाम को पर्यटन के रूप मे विकसित करने का अनुरोध है।जिससे इस क्षेत्र का विकाश होगा तथा रोजगार को बल मिलेगा। जिसपर केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने सकारत्मक जबाब दिया उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जे द्वारा ये सभी जगहों का प्रस्ताव भेजा जाए जिससे हम इन सभी स्थानों को पर्यटन जे रूप में विकास करेंगे।

 

 

 

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