स्वतंत्रता दिवस 2024: भारत की स्वतंत्रता यात्रा अपार बलिदान, साहस और एकता से पिरोया हुआ है : मनोहर यादव, राजद जिलाध्यक्ष 

स्वतंत्रता दिवस 2024: भारत की स्वतंत्रता यात्रा अपार बलिदान, साहस और एकता से पिरोया हुआ है : मनोहर यादव, राजद जिलाध्यक्ष 

खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ 15अगस्त 2024 को 78 वां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कृष्णापुरी बलुआही स्थित जिला राष्ट्रीय जनता दल कार्यालय में पूर्व एम एल सी प्रत्याशी सह राजद जिलाध्यक्ष मनोहर कुमार यादव ने ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दिया।
राजद जिलाध्यक्ष मनोहर कुमार यादव ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज 15 अगस्त 2024 हमारे देश भारत को आजाद हुए 77 वर्ष पूरे हो रहे हैं। 15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ। इस वर्ष हम 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं।
आजादी… तीन शब्दों से मिलकर बना है। इसी आजादी को पाने के लिए भारत ने 200 साल तक अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी। भारत की स्वतंत्रता की यात्रा अपार बलिदान, साहस और एकता से भरी हुई है। 1857 के विद्रोह से लेकर भारत छोड़ो आंदोलन तक, हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने हमारी स्वतंत्रता के लिए कई चुनौतियों का सामना किया।
स्वतंत्रता दिवस एक ऐसा दिन है जो हमें स्वतंत्र और सुरक्षित महसूस कराता है। यह हमें हमारे महान नेताओं की प्रेरक यात्रा, निरंतर संघर्षशील प्रयासों और बलिदान की याद दिलाता है।
भारत की आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम एक सदी से भी चला। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी पहली बार 17वीं सदी की शुरुआत में भारत में सिर्फ व्यापारी करने आई थी, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने भारत के संसाधनों पर कर लिया और देश को उपनिवेश बना लिया।
19वीं सदी तक ब्रिटिश ने भारत पर कब्जा कर लिया और इसे एक सीधा उपनिवेश बना दिया। कई सालों के उत्पीड़न और गुलामी के बाद कुछ लोग ब्रिटिशों द्वारा किए गए अन्याय के खिलाफ लड़ने को तैयार हुए।

‘शांतिपूर्ण विरोध’ की अवधारणा के माध्यम से महात्मा गांधी ने भारत को असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन दिया। गांधीजी के इन आंदोलनों में लोग बड़े पैमाने पर शामिल होने लगे।

इसी दौरान द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हो गया। ब्रिटिश नियंत्रण कमजोर होने के कारण, स्वतंत्रता की मांग तेज हो गई। विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों के प्रयासों के कारण अंततः अंग्रेजों को हार माननी पड़ी।

काफी लंबे संघर्ष के बाद भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली। 15 अगस्त 1947 को भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया गया। भारत की आजादी के लिए मंगल पांडे, नेताजी सुभाषचंद्र बोस और शहीद भगत सिंह समेत अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी।

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