मा. सीएम/ डिप्टी सीएम ध्यान दें… प्रकरण – 1… SFC विभाग भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी से… कब मुक्त होगा ?

मा. सीएम/ डिप्टी सीएम ध्यान दें… प्रकरण – 1

SFC विभाग भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी से मुक्त कब होगा ?

पटना/ खगड़िया/ कोशी एक्सप्रेस/बिहार स्टेट फूड एंड सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन लिमिटेड में व्याप्त भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी की शिकायत काल्पनिक नहीं है, प्रामाणिक दस्तावेजों के आधार पर प्रेस एसोसिएशन ऑफ बिहार के 80 वर्षीय वरिष्ठ पत्रकार आरएमपी मधुर ने बिहार के सीएम माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को पंजीकृत डाक द्वारा 18 मार्च 24 को कुल 18 पन्नों में विधि सम्मत कार्रवाई हेतु ध्यान आकृष्ट किया था। मामला गंभीर है, लेकिन भ्रष्टाचार रिकॉर्ड तोड़
मालूम हो कि इस विभाग में नीचे से ऊपर तक नियुक्ति, स्थानांतरण पदस्थापन में वर्षों से लाखों, करोड़ों रुपए की अघोषित रिश्वतखोरी चलती रही है, कहावत है – कानून के हाथ लंबे हैं, और बिहार सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है, लेकिन सरकार के नाक के नीचे पूर्व प्रबंधक निदेशक श्री विनय कुमार(आईएएस, 1999 बैच) जो इन दिनों केंद्र सरकार रोड एंड हाईवे विभाग में संयुक्त सचिव पद पर कार्यरत है। उनके तमाम काले कारनामे, आय अधिक संपत्ति अर्जित करने व लगातार विदेश में पिकनिक मनाने जैसे प्रामाणिक आरोपों की पड़ताल संभवतः मुख्यमंत्री स्तर से प्रक्रियाधीन है। इन कार्यों में नेताओं,दलालों की भूमिका रही है
सूत्रों का कहना है –इतना ही नहीं उक्त विभाग में डीजीएम पद पर कार्यरत शिशिर कुमार वर्मा के आवासीय व अन्य ठिकानों पर आर्थिक अपराध इकाई द्वारा विगत 13 अक्टूबर 2022 को छापा मार कर अकूत अर्जित संपत्तियां, बैंक खातों, गहने, निवेश के दस्तावेजों को जप्त भी किया था। अब इनकी पहचान संबंधित विभाग द्वारा गुप्त रखी जा रही है। वरिष्ठ पत्रकार श्री मधुर ने सीएम को प्रेषित घोटाले की चिट्ठी में सारी बातों का उल्लेख किया है।
आश्चर्य है कि आरटीआई अंतर्गत एसएफसी विभाग के लोक सूचना पदाधिकारी श्री नीरज कुमार शर्मा ने पत्रांक 9135 दिनांक 13 दिसंबर 2023 को कुल 46 बिहार राज्य खाद्य निगम के कर्मियों एवं पदाधिकारी के विरुद्ध गठित संचालित कार्रवाई की सूची भेज कर विभाग के भ्रष्टाचार की पुष्टि की है, कि आखिर बिहार प्रशासनिक सेवा के दो पदाधिकारियों श्री सुभाष चंद्र मंडल एवं श्री शैलेन्द्र कुमार द्वारा इतने वर्षों तक का मामला का निष्पादन क्यों नहीं किया ?
वरिष्ठ पत्रकार श्री मधुर ने कहा कि अब उन तमाम जिला प्रबंधक मुख्यालय में कुंडली मार कर वर्षों से रिश्वत वसूलकर तत्कालीन प्रबंध निदेशक श्री विनय कुमार की जेब भरने वालों और वर्षों से दूसरे विभाग से मंगाए गए जिला प्रबंधकों के काले कारनामों को प्रामाणिक रूप में शपथ पत्र सहित माननीय पटना उच्च न्यायालय में पीआईएल दर्ज करने का साहस करने जा रहे हैं।
विदित हो कि वर्तमान प्रबंध निदेशक डॉक्टर एन श्रवण की ख्याति एक कर्मठ और ईमानदार भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी के रूप में स्थापित है। अब उनके सामने धर्म संकट की स्थिति है , आखिर विभाग में घोर भ्रष्टाचार का सफाया कैसे होगा ?
पत्रकार मधुर ने स्पष्ट कहा कि वह किसी भी राजनीतिक दल के पक्षधर या विरोधी नहीं है, उनका जीवन राष्ट्र को समर्पित है! जारी..

 

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