श्रीराम जानकी मंदिर (स्टेशन परिसर) में श्रद्धाभाव से जगत जननी मां सीता का प्राकट्य दिवस सीता नवमी मनाई गई : नितिन 

श्रीराम जानकी मंदिर (स्टेशन परिसर) में श्रद्धाभाव से जगत जननी मां सीता का प्राकट्य दिवस सीता नवमी मनाई गई : नितिन

खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ विश्व हिन्दू परिषद् परिवार द्वारा शहर के श्रीराम जानकी मंदिर (स्टेशन परिसर) में श्रद्धा भाव से जगत जननी मां सीता का प्राकट्य दिवस सीता नवमी मनाई गई। बैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता माता का धरती से प्राकट्य हुआ। इसलिए हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी मनाई जाती है। इस वर्ष सीता नवमी का शुभ मुहूर्त 16 मई सुबह 6:22 से 17 मई दिन शुक्रवार के सुबह 8:48 तक है। मध्यान मुहूर्त 11:04 से 1:43 तक है। इस अवसर पर खगड़िया स्टेशन परिसर स्थित श्रीराम जानकी मंदिर में विशेष साफ सफाई कर सीता माता और प्रभु श्रीराम के प्रतिमा को गंगा जल से स्नान कराया गया। विश्व हिन्दू परिषद की अनुषांगिक इकाई मातृशक्ति और दुर्गावाहिनी के सदस्यों द्वारा माता सीता की पूजा अर्चना करके भव्य आरती उतारी गई।

इस भक्तिमय कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए विश्व हिन्दू परिषद के जिलाध्यक्ष नितिन कुमार ने कहा भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की आदर्श नारी कि प्रतिमुर्ति , त्याग, करुणा और संयम की अधिष्ठात्री देवी, जनक नंदिनी माता सीता के प्राकट्य दिवस “जानकी नवमी” हम सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने एक राजकुमारी और रानी के जीवन के साथ जिस प्रकार से आजीवन संघर्ष किया वह सभी को जीवन में प्रेरणा देता है।
मातृ शक्ति की जिला संयोजिका अनीता गुप्ता एवं मनीषा सर्राफ ने संयुक्त रूप से कहा कि आज के दिन ही राजा जनक जी को हल चलाते वक्त जमीन के अन्दर से एक मिट्टी का वरतन मिला जिसमें एक छोटी बच्ची थी जो धरती से प्राकट्य हुई थी इसीलिए उनके जन्मोत्सव को प्राकट्य उत्सव के तौर पर मनाया जाता हैं। इस दिन महिलाएं और बहने अपने घर परिवार के सुख शांति के लिए माता सीता की पूजा अर्चना करती हैं।
पूर्व नगर पार्षद मृदुला साहू ने कहा धार्मिक मान्यता है कि आज के दिन माता सीता की विधि विधान पूर्वक पूजा अराधना के साथ प्रभु श्रीराम की उपासना करने से जीवन में आ रही तमाम तरह की परेशानी से मुक्ति मिलती है।
दुर्गावाहिनी की मिलन केंद्र प्रमुख संगम कुमारी और श्वेता कुमारी ने कहा कि माता सीता का जीवन आज भी नारी शक्ति के लिए बहुत प्रेरणा स्रोत है उन्होंने जिस प्रकार से अपने सतीत्व की रक्षा रावण जैसे राक्षस के अशोक वाटिका में की थी वह आज की लड़कियों के लिए अनुकरणीय है।
इस कार्यक्रम में विहिप प्रान्त टोली के सदस्य विलास चन्द्र सिंह, राम-जानकी मंदिर के महंत उमेश्वर पाठक, जिला कोषाध्यक्ष मनीष गुप्ता, नगर संयोजक अभिमन्यु कुमार, सह संयोजक संजय कुमार सिंह, संयम गुप्ता, सोनू बाबू, सत्संग प्रमुख संजू देवी,प्रमिला देवी, बिंदु देवी,अंशु ,सोनाली,आस्था,शोभा,काजल,रानी, बॉबी, खुश्बू शर्मा सहित सैकड़ों सदस्य उपस्थित रहें।

 

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