सन्हौली मौजा में भूदान की जमीन पर अवैध कब्जा और मा. पटना उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश अनुपालन नहीं होने का मामला जिला लोक शिकायत निवारण पहुंचा…

सन्हौली मौजा में भूदान की जमीन पर अवैध कब्जा और मा. पटना उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश अनुपालन नहीं होने का मामला जिला लोक शिकायत निवारण पहुंचा…

खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ प्राप्त सूचनानुसार भूदान यज्ञ कार्यालय के प्रभारी कार्यालय मंत्री (पत्रांक 9/22- 60 दिनांक 19 जनवरी 2023) ने डीएम खगरिया सहित जिला राजस्व विभाग, निबंधन कार्यालय एवं संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों को विभागीय पत्र समर्पित करते हुए मौजा सन्हौली में खाता 264, 294, 269, 221, खेसरा 440, 220, 212, 146, तथा 193 वगैरह रकबा 7 एकड़ 49 डिसमिल क्रय विक्रय पर रोक लगाने संपुष्टि हेतु ध्यान आकृष्ट किया है।
मालूम हो कि उक्त भूखंड की संपुष्टि संबंधित विभागों से ससमय निष्पादित करने हेतु माननीय पटना उच्च न्यायालय सी डब्ल्यू जे सी नंबर 4126/19 झूलन बैठा बनाम राज्य सरकार मामले में माननीय कोर्ट ने दिनांक 24 जुलाई 2019 को सख्त अंतरिम आदेश पारित किया था। इसके अलावा माननीय अध्यक्ष भूदान भूमि जांच आयोग, पटना ने भी विभागीय पत्रांक 206 दिनांक 27 अगस्त 2019 के आलोक में संपुष्टि कार्य नियमानुसार निष्पादित करने हेतु लिखा गया। यह मामला वर्षों से संबंधित विभागों में अकारण लंबित रखा गया है जबकि भूदान भूमि वितरण जांच आयोग द्वारा प्रेषित पत्र में अफसोस व्यक्त करते हुए लिखा गया है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग पत्रांक 583 दिनांक 27 मई 2008 में भूदान से प्राप्त भूमि के वितरण हेतु विस्तृत कार्य योजना बनी थी, इसके आलोक में राजस्व अभिलेख एवं भौतिक स्थलीय जांच करते हुए संपुष्टि, वितरण, दाखिल खारिज एवं अन्य सभी कार्रवाई दिनांक 1 अक्टूबर 2007 से 31 मार्च 2009 तक संपन्न करना था। लेकिन आज तक बिहार भूदान यज्ञ अधिनियम 1954 की धारा 11 में निहित प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया जा सका है। क्यों ?
माननीय पटना उच्च न्यायालय में दर्ज याचिका अंतर्गत (सी डब्ल्यू जे सी नंबर- 4126/ 1991) दिनांक 24 जुलाई 2019 को मामले की गंभीरता को देखते हुए सख्त निर्देश माननीय कोर्ट ने जारी किया। बावजूद वैधानिक कार्रवाई नहीं हुई।
प्रेस एसोसिएशन ऑफ बिहार के अध्यक्ष आरएमपी मधुर ने भूदान कार्यालय से प्राप्त आरटीआई एक्ट तहत समस्त दस्तावेजों की संवेदनशीलता महसूस करते हुए 10 जुलाई 2022 को सुलभ न्याय हेतु जिला लोक शिकायत निवारण में प्रामाणिक साक्ष्यों के साथ दर्ज कराने की बाध्यता हुई।

  • नोटं- प्रसारित समाचार की जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Live Share Market

जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Back to top button
Close
Close