कानून के हाथ लंबे होते हैं… एडीबी शाखा के पूर्व मैनेजर भवेश कुमार खां गया जेल… नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार का आरोप पत्र लिखकर घोटाले हुए उजागर : आर.एम.पी. मधुर

कानून के हाथ लंबे होते हैं… एडीबी शाखा के पूर्व मैनेजर भवेश कुमार खां गया जेल...
नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार का आरोप पत्र लिखकर घोटाले हुए उजागर : आर.एम.पी. मधुरकानून के हाथ लंबे होते हैं... एडीबी शाखा के पूर्व मैनेजर भवेश कुमार खां गया जेल... नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार का आरोप पत्र लिखकर घोटाले हुए उजागर : आर.एम.पी. मधुर
खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/प्राप्तसूचना अनुसार वर्ष 2017 में एडीबी शाखा खगड़िया के शाखा प्रबंधक भवेश कुमार खान के विरुद्ध दर्जनों लोगों ने प्रामाणिक तौर पर लिखित आरोप देकर केसीसी ऋण घोटाले की जांच हेतु सर्वप्रथम कोशी एक्सप्रेस प्रेस कार्यालय को सूचित किया था और उपलब्ध बैंक खाता धारियों की सूची बनाकर प्रेस द्वारा संबंधित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया गया था. लेकिन बैंक कर्मियों की मिलीभगत से विभागीय कार्रवाई का अता- पता कभी नहीं चला और बाध्य होकर जिले के वरिष्ठ पत्रकार आरएमपी मधुर ने मुख्यमंत्री महोदय सहित संबंधित सभी अधिकारियों को बैंक द्वारा फर्जी केसीसी ऋण के नाम पर करोड़ों रुपए डकारने की सूचना दी गई थी.
इसके अलावा बेलदौर निवासी युवक रंजन मिस्त्री ने अपने साहस का परिचय देते हुए समस्त प्रमाणिक ब्यौरे के साथ चौथम थाना में एफआईआर दर्ज कराकर भ्रष्टाचार में लिप्त एडीबी शाखा के तत्कालीन मैनेजर भवेश कुमार खान एवं अन्य सफेदपोश लोगों को बेनकाब किया था. स्थानीय पीड़ित लोग निराश हो चुके थे. आश्चर्य है कि दर्जनों ग्रामीणों के नाम पर केसीसी ऋण आवंटित किए गए लेकिन बैंक द्वारा दी गई राशि किसी को नहीं मिली, जब ऋण वसूली की चिट्ठी ग्रामीणों तक पहुंची… तब इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ और चौथम में कोहराम मच गया.
मालूम हो कि एडीबी शाखा खगरिया में उन दिनों शहर के सफेदपोश दलालों की लगातार उपस्थिति से खाताधारी परेशान हो चुके थे. वहां भ्रष्टाचार का तांडव था. भ्रष्टाचार में लिप्त सफेदपोश नेताओं की गिरफ्तारी और सांठगांठ उजागर होना अभी बाकी है.
सूत्रों का कहना है कि युवक रंजन मिस्त्री के विरोध में भी दलालों एवं माफिया तंत्र अनेक बार उन पर जानलेवा हमला करने का भी प्रयास किया लेकिन कानून पर भरोसा रखने वाले को न्याय मिलने की उम्मीद आज भी कायम है. अब देखना यह है कि ऋण धारकों को ठगने की भेंट चढ़ गई राशि कब प्राप्त हो सकेगी ? जारी

 

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