DM महोदय ध्यान दें… दो लाख रुपए रिश्वत के लिए सीओ अम्बिका प्रसाद ने मा. पटना हाई कोर्ट के आदेश को दिया ठुकरा..

DM महोदय ध्यान दें… दो लाख रुपए रिश्वत के लिए सीओ अम्बिका प्रसाद ने मा. पटना हाई कोर्ट के आदेश को ठुकरा दिया…DM महोदय ध्यान दें... दो लाख रुपए रिश्वत के लिए सीओ अम्बिका प्रसाद ने मा. पटना हाई कोर्ट के आदेश को ठुकरा दिया...

खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ माननीय पटना उच्च न्यायालय में दर्ज जनहित याचिका पीआईएल सीडब्ल्यूजेसी नंबर 168/2016 दिनांक 4.7 .2016 अंतर्गत पारित आदेश के आलोक में न्यायालय समाहर्ता सह जिला दंडाधिकारी तत्कालीन डीएम श्री अनिरुद्ध प्रसाद ने विभागीय विविध वाद संख्या 7/ 2016 दिनांक 4.11. 2016 को तत्कालीन सदर अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिया था कि पुर्नवासित पीड़ित सूचीबद्ध ग्रामीणों का स्थलीय निरीक्षण करते हुए वैधानिक प्रक्रिया तहत पर्चा उपलब्ध कराई जाए।
इस निर्देश का अनुपालन करते हुए तत्कालीन एसडीओ ने विभागीय पत्रांक 819 दिनांक 20.7.2021 द्वारा अंचल अधिकारी को सविस्तार विवरण भेज कर मा. पटना उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन 15 दिनों के अंदर करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी को इसकी सूचना भेजने का निर्देश दिया। DM महोदय ध्यान दें... दो लाख रुपए रिश्वत के लिए सीओ अम्बिका प्रसाद ने मा. पटना हाई कोर्ट के आदेश को ठुकरा दिया... इतना ही नहीं जिला लोक शिकायत निवारण अधिकारी श्री भूपेंद्र प्रसाद यादव ने भी दिनांक 17.7.2021 को आदेश पारित कर माननीय कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया है। इसके बाद अनेक बार पीआईएल याचिकाकर्ता वरिष्ठ पत्रकार आरएमपी मधुर ने संबंधित सदर अंचल अधिकारी श्री अंबिका प्रसाद को माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश की प्रमाणित प्रति सहित पूर्ण वासित (बिना पर्चाधारी) ग्रामीणों की सूची उपलब्ध कराकर वैधानिक प्रक्रिया अनुपालन करने का अनुरोध किया है, बावजूद सदस्यों ने बार-बार बहाना बनाकर माननीय कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते रहे हैं जो दंडनीय है।
सूत्रों का कहना है कि सदर अंचल अधिकारी दिनांक 30. 4.022 को अवकाश प्राप्त करने वाले हैं और आज दिनांक 28. 4.22 को आवास बोर्ड के दुखी ग्रामीणों ने लिखित आवेदन जिलाधिकारी महोदय के कार्यालय में समर्पित कर के आरोप लगाया है कि संबंधित सीओ द्वारा पर्चा दिलाने के लिए दो लाख की मांग की गई थी जो नहीं प्राप्त होने पर संचिका को धूल चाटने के लिए छोड़ दिया गया है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि उक्त सीओ ने खगड़िया में अपनी सेवा अवधि में दर्जनों संचिकाओं को भगवान भरोसे छोड़ दिया है चाहे आदेश कोर्ट का हो, आदेश डीएम का हो, या किसी जनप्रतिनिधि की गुहार हो, उक्त सीओ ने गैर कानूनी रूप में नजर अंदाज करने का दुस्साहस किया है। यह शिकायत अत्यंत गंभीर है जो सीओ के रिटायर्ड हो जाने के बाद भी वर्षों तक चलता रहेगा। पीआईएल याचिकाकर्ता वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि कानून के हाथ लंबे हैं, कोर्ट की अवमानना तथा तत्कालीन डीएम एवं एसडीओ के निर्देश की अवहेलना के विरुद्ध उच्च स्तरीय पदाधिकारियों को प्रमाणित विवरण समर्पित कर विधि सम्मत कठोर कार्रवाई की शिकायत की जाएगी। विदित हो की प्रदेश में कोर्ट की अवमानना में अनेक अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है।
अंत मेंपीड़ित लोगों को कानूनी रूप में न्याय प्राप्त करना इतना मुश्किल है तो प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का संदेश न्याय के साथ विकास का परिणाम और आलम कैसा होगा?

नोटं- प्रसारित समाचार की  जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से  प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक

 

 

 

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