उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश के अनेक ठिकानों पर विजिलेंस ने मारा था छापा… न तो सस्पेंड हुआ न तो जेल गया ? क्यों ?

आय से अधिक संपत्ति का मामला: उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश के अनेक ठिकानों पर विजिलेंस ने मारा था छापा… न तो सस्पेंड हुआ न तो जेल गया ? क्यों ?आय से अधिक संपत्ति का मामला: उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश के अनेक ठिकानों पर विजिलेंस ने मारा छापा... न तो सस्पेंड हुआ न तो जेल गया ? क्यों ?

खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ आय से अधिक अकूत अवैध संपत्ति अर्जित करने के विरुद्ध बिहार में स्पेशल विजिलेंस टीम तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) छापा मारकर अब तक अनेक दबंग और भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को बेनकाब करते हुए उनके हाथों में कानून की सख्त हथकड़ी डालने का साहस करती रही है। लेकिन कुछ मामले में राजनीतिक आकाओं ने अपनी बिसात बिछाकर कानून को गुमराह करने का दुस्साहस भी किया है।

आय से अधिक संपत्ति का मामला: उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश के अनेक ठिकानों पर विजिलेंस ने मारा छापा... न तो सस्पेंड हुआ न तो जेल गया ? क्यों ?
दैनिक भास्कर में प्रकाशित समाचार, साभार

मालूम हो कि मोतिहारी के तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश( खगड़िया निवासी ) के विरुद्ध जब आय से अधिक करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित करने की प्रामाणिक सूचना निगरानी विभाग को मिली, निगरानी की टीम ने विगत 8 दिसंबर 2021 को गोपनीयता कायम कर रखते हुए उक्त भ्रष्ट उत्पाद अधीक्षक के कई ठिकानों पर लगातार ताबड़तोड़ छापे मारे और अवैध संपत्ति का काला चिट्ठा हासिल भी किया। इस छापेमारी की भनक को सूचना भी उक्त उत्पाद अधीक्षक को संभवत पहले मिल चुकी थी, रुपए के बंडल तो गायब कर दिए गए लेकिन रुपए गिनने की मशीन विजिलेंस टीम को अवश्य मिल गई। सूत्रों का कहना है कि अविनाश प्रकाश के पास पटना, खगड़या ,मोतिहारी, फुलवारी शरीफ एवं अन्य स्थानों पर चल अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए हैं। विजिलेंस की छापेमारी के दौरान 15 पासबुक, दो पासपोर्ट, चार जीवन बीमा एवं अन्य एग्रीमेंट दस्तावेज बरामद होने की सूचना है।

आय से अधिक संपत्ति का मामला: उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश के अनेक ठिकानों पर विजिलेंस ने मारा छापा... न तो सस्पेंड हुआ न तो जेल गया ? क्यों ?
खगड़िया में भी उत्पाद अधीक्षक का आलीशान मकान


आश्चर्य तो यह है कि भ्रष्टाचार में लिप्त उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश आज तक ना तो सस्पेंड हुआ है और ना तो जेल भेजा गया?
प्रदेश की जनता के सामने अविनाश प्रकाश के मामले अत्यंत चौंकाने वाले हैं क्योंकि प्रदेश सरकार और संबंधित विभाग ने उक्त पदाधिकारी को पुनः बेगूसराय का उत्पाद अधीक्षक पद की जिम्मेवारी सौंपी गई है।
जानकार लोगों ने बताया कि स्पेशल विजिलेंस टीम के अधिकारियों को भी सरकार के इस रवैया से आघात पहुंचा है, अब शायद इस मामले को प्रवर्तन निदेशालय ईडी स्थानांतरित करने की कोशिश की जाएगी।
क्या मामला रफा-दफा हो जाएगा? इस प्रकरण में प्रेस एसोसिएशन ऑफ बिहार के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार आरएमपी मधुर ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि कानून से बड़ा कोई नहीं है, अब भ्रष्टाचार व आय से अधिक अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले को माननीय पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दर्ज कराकर विधि सम्मत कठोर कार्रवाई की गुहार लगाने का वक्त आ गया है..! उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति की घोषणा कर प्रदेश की जनता को भ्रष्टाचार मुक्त बिहार बनाने का वादा किया है और प्रदेश की जनता को भरोसा भी है कि 1 दिन भ्रष्टाचार में लिप्त लोग कानून की गिरफ्त में अवश्य आएंगे….जारी

नोटं- प्रसारित समाचार की  जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से  प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक

 

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