क्या आप घूस लेकर आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर रहे हैं… तो जेल जाने के लिए हो जाइए तैयार…निगरानी व आर्थिक इकाई टीम की पैनी नजर आप पर है…

क्या आप घूस लेकर आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर रहे हैं… तो जेल जाने के लिए हो जाइए तैयार...निगरानी व आर्थिक इकाई टीम की पैनी नजर आप पर है…  @RMP Madhur की रिपोर्ट

खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/निगरानी अन्वेषण ब्यूरो विजिलेंस की टीम ने मुजफ्फरपुर जिला अंतर्गत मुसहरी प्रखंड में कार्यरत प्रभारी सहायक जिला आपूर्ति अधिकारी संतोष कुमार द्वारा अवैध रूप में अर्जित चल अचल संपत्ति (आय से अधिक) के विरुद्ध छापेमारी में चौकानेवाले कारनामे उजागर हुए हैं।
प्राप्त सूचना अनुसार हाजीपुर मुजफ्फरपुर स्थित घर तथा ऑफिस में नगद 13 लाख 70 हजार बरामद हुए इतना ही नहीं उक्त भ्रष्ट ऑफिसर के कारनामे की सूची बहुत लंबी है। रिश्वतखोरी की काली कमाई से आरोपी संतोष कुमार ने लगभग दो करोड़ 64 लाख रुपए से पटना मुजफ्फरपुर और नोएडा गुड़गांव में फ्लैट व जमीन अर्जित कर सबको चौंका दिया है। निगरानी टीम की छापेमारी में लाखों रुपए की कीमत की सोना, हीरा व चांदी की ज्वेलरी बरामद हुई है। आश्चर्य है कि उक्त सरकारी मुलाजिम द्वारा अपनी पत्नी ममता के नाम पर भी लगभग 10 अचल संपत्ति का प्लॉट खरीदा गया जिसकी कीमत करोड़ों में होने की सूचना है। इसके अलावा उक्त भ्रष्ट ऑफिसर तथा इनकी पत्नी के नाम पर अनेक बैंकों के खातों में एक करोड़ 21 लाख रुपए की राशि मिली है, साथ ही साथ मुजफ्फरपुर स्थित पोस्ट ऑफिस में भी 37 लाख रुपए का पीपीएफ खाता है।
बताया गया है कि आरोपी संतोष कुमार ने भविष्य में अपनी आर्थिक संकट का मुकाबला करने के उद्देश्य से लाखों रुपए का एलआईसी विभिन्न बैंकों के जरिए करा रखा है।
मालूम हो कि आपूर्ति विभाग में एक छोटा पद पर कार्यरत संतोष कुमार की नौकरी 6 सितंबर 1991 को हुई थी लेकिन सरकार की आंखों में धूल झोंक कर करोड़पति बनने का रिकॉर्ड कायम किया और निगरानी विभाग की हथकड़ी पहनकर भ्रष्टाचार का नायक बन बैठा !
बिहार सरकार की करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की नीति साकार करने में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो व आर्थिक अपराध इकाई की भूमिका अत्यंत प्रशंसनीय है। सरकारी सेवाओं में कार्यरत लोगों को ऐसी छापेमारी से सीख ग्रहण करने की जरूरत है कि वह अपने पद का दुरुपयोग कदापि नहीं करें उन्हें सरकारी नौकरी राष्ट्र सेवा के लिए मिली है देश और समाज को लूटने के लिए नहीं..! यदि रिश्वतखोरी का गोरखधंधा बंद नहीं हुआ तो निगरानी की टीम की नजर से भ्रष्टाचार में लिप्त लोग नहीं बच सकेंगे . जारी …

नोटं- प्रसारित समाचार की  जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से  प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक

 

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