फर्जी हाॅस्पीटल और बिना लाइसेन्स दवाई दूकान चलाकर ठगनेवालों पर प्रशासन की पैनी नजर…महेशखूँट स्थित अवैध संचालित शुकबिन्दे हाॅस्पीटल पर छापा…
फर्जी हाॅस्पीटल और बिना लाइसेन्स दवाई दूकान चलाकर ठगनेवालों पर प्रशासन की पैनी नजर…महेशखूँट स्थित अवैध संचालित शुकबिन्दे हाॅस्पीटल पर छापा… खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ कोशी एक्सप्रेस टीम लगातार जिले में फर्जी अस्पतालों, नर्सिंग सेण्टरों, बिना लाइसेन्स दवाई दूकानों सहित अमान्य अल्ट्रासाउण्ड, पैथोजिकल संस्थाओं को बेनकाब करती आ रही है, कभी-कभी ऐसी स्वास्थ्य संस्थाओं के विरुद्ध दिखावटी कार्रवाई होती भी है लेकिन नाम बदलकर पुनः ठगी का कारोबार सीना तानकर प्रारंभ कर दिया जाता है। नतीजा सामने यह आता है कि गांव के भोले भाले लोगों को दलालों के जरिये फर्जी अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराने के नाम आर्थिक शोषण किया जाता है तथा गंभीर मरीजों की मौत तक हो जाती रही हैं।
मालूम हो कि कल दिनांक 29.8.2021 को महेशखूंट थाना क्षेत्र अन्तर्गत पटेल हाई स्कूल समीप शुकबिन्दे हाॅस्पीटल पर ड्रग इंस्पेक्टर दीपक राम ने महेशखँूट थानाकर्मियों के साथ छापा मार कर सील करने का साहस किया है। लेकिन फर्जी अस्पताल के संचालक सहित फर्जी डाक्टर, फर्जी नर्स और फर्जी कमपाउण्डर को गिरफ्तार करने में सफलता नहीं मिली। सूत्रों का कहना है कि फर्जी अस्पताल में बिना लाइसेन्स दवा की दूकान भी चलाई जा रही थी, जहां फिजिशियन सैंपल व अन्य आपत्तिजनक दवाईयां बरामद की गई हैं । अब देखना है कि प्रशासनिक तथा विभागीय स्तर से क्या कार्रवाई की जाती है!
आमलोगों ने प्रेस को बताया कि फर्जी अस्पतालों तथा अन्य फर्जी स्वास्थ्य संस्थाओं के विरुद्ध कार्रवाई के बाद रफा दफा करने के नाम पर सिविन सर्जन कार्यालय के एक विवादित कर्मी द्वारा मोटी रकम वसूलने की परंपरा है। इस आरोप का प्रामाणिक खुलासा कोशी एक्सप्रेस टीम लगातार करती रही है लेकिन रिश्वतखोरी के धन्धे की गति पर कोई असर नहीं दिखता रहा है।
विदित हो कि जिले के अनेक बुद्धिजीवियों ने व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ जन आन्दोलन तक करने का साहस किया था, परंतु विभागीय उदासीनता की वजह से फर्जी स्वास्थ्य संस्थाओं के कारोबारी मरीजों को ठगते रहे हैं।
अपना नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर सिविल सर्जन कार्यालय के एक कर्मी ने बताया कि ड्र्रग इंन्सपेक्टर दीपक राम का काम छापा मारने तक ही सीमित है लेकिन आगे की विभागीय कार्रवाई पर सिविल सर्जन कार्यालय के एक अत्यन्त विवादित कर्मी की मर्जी पर निर्भर करता रहा है, तो क्या खगड़िया के सीएस को इस बात की जानकारी नहीं है या वे जानबूझ कर खामोश बने रहे हैं ! जारी
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