प्रिस्टीन मेगा फूड पार्क स्टार्ट होने से खगड़िया के किसान लाभान्वित होंगे- सांसद कैसर… उक्त कंपनी सरकार और खगड़िया के लोगों को धोखा देने में सफल नहीं होगी- पत्रकार मधुर

प्रिस्टीन मेगा फूड पार्क स्टार्ट होने से खगड़िया के किसान लाभान्वित होंगे- चौ . महबूब अली कैसर/सांसद… उक्त कंपनी सरकार और खगड़िया के लोगों को धोखा देने में सफल नहीं होगी- आर.एम.पी. मधुर… प्रिस्टीन मेगा फूड पार्क स्टार्ट होने से खगड़िया के किसान लाभान्वित होंगे- चौ . महबूब अली कैसर/सांसदखगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ प्राप्त सूचनानुसार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की मेगा फूड पार्क स्कीम तहत मानसी, खगड़िया में स्थित मेगा फूड पार्क के संदर्भ में प्रिस्टीन मेगा फूड पार्क के निदेशक संजय मवार ने आज दिल्ली में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के मंत्री पशुपति कुमार पारस और खगड़िया जिले के सांसद महबूब अली कैसर के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की ।
इस बैठक की जानकारी देते हुए सांसद प्रतिनिधि बाबूलाल शौर्य ने बताया कि प्रिस्टीन मेगा फूड पार्क में 80ः से 85ः कार्य सम्पन्न हो चुका है, जिसमे वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, डीप फ्रीज स्टोरेज और इंटीग्रेटेड कैनिंग लाइन जैसे सामान्य बुनियादी ढांचे को प्रारम्भ किया जा चुका है और साइलो का कार्य तेज गति से चल रहा है। मेगा फूड पार्क से संबंधित सभी आवश्यक कागजातों का अवलोकन करने के उपरांत खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के मंत्री पशुपति कुमार पारस और खगड़िया जिले के सांसद चै. महबूब अली कैसर ने किये गए कार्यों की सराहना करते हुए कंपनी को बचे हुए कायों को तेज गति से पूर्ण करने पर भी जोर दिया। साथ ही, माननीय मंत्री ने यह भी कहा कि इसमें आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार सदैव तत्पर है एवं यथा सम्भव प्रयास करेगी।प्रिस्टीन मेगा फूड पार्क स्टार्ट होने से खगड़िया के किसान लाभान्वित होंगे- चौ . महबूब अली कैसर/सांसद
प्रिस्टीन मेगा फूड पार्क के प्रबंधकों ने यह सूचित किया की फूड पार्क में विगत मार्च माह में इंटीग्रेटेड पोल्ट्री फीड यूनिट का भी प्रारम्भ हो चुका है।, जिसकी क्षमता 150 टन प्रति घंटा है। रु. 25 करोड़ की लागत से बना यह यूनिट जिले का पहला प्रोसेसिंग यूनिट है, जो यहाँ हो रहे मक्का की उपज को प्रोसेस कर पोल्ट्री फीड का उत्पादन कर रहा है। इस प्रोसेसिंग यूनिट में 50 से ज्यादा लोग सीधे तौर पर रोजगार कर रहे है 500 से अधिक स्थानीय किसान भाई मुख्य व्यवहारिक वाणिज्यिक गतिविधियों से सीधे जुड़े हुए है।
प्रिस्टीन मेगा फूड पार्क के प्रबंधन ने यह भी जानकारी दी की फूड पार्क में इसी तरह अन्य प्रसंस्करण इकाईया जैसे- फिशरी फीड, जूस, डेरी और कैंड प्रोडक्ट्स आदि भी प्रस्ताविक है, जो विशेष रूप से इस क्षेत्र के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी।
खगड़िया सांसद के हवाले से शौर्य ने कहा कि इतना ही नही, वर्तमान में फूड पार्क में 400-500 श्रमिक कार्यरत हैं और अगले तीन से चार वषों में 1500-2000 लोगो को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार की सम्भावना होगी।
साथ ही साथ लोकसभा सत्र समाप्त होने के पश्चात माननीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस जी और सांसद चैधरी महबूब अली कैशर जी संबंधित पदाधिकारियों के साथ मेगा फूड पार्क मानसी का निरीक्षण करेंगे। श्री शौर्य ने यह भी कहा की आगामी दिसंबर माह तक फूड पार्क परिसर में कम से कम दो खाद्य प्रसंस्करण इकाई का उदघाटन भी भारत सरकार के मंत्री और खगड़िया सांसद संयुक्त रूप से करेंगे।
यह भी पढ़ें-
क्त कंपनी सरकार और खगड़िया के लोगों को धोखा देने में सफल नहीं होगी- आर.एम.पी. मधुर
केन्द्रीय मंत्री महोदय को वस्तुस्थिति से अवगत कराना जरुरी है। इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार आर.एम.पी. मधुर ने प्रेस को बताया कि प्रिस्टीन मेगा फूड पार्क के संबंधित अधिकारियों ने सिर्फ सरकार, कानुन और खगड़िया की जनता को धोखा देने का काम किया है। उक्त कंपनी द्वारा 123 करोड़ से अधिक की राशि निकालकर अबतक कंपनी द्वारा फुड प्रोसेसिंग कार्य शुरु नहीं किया गया है जबकि माननीय पटना उच्च न्यायालय में दर्ज पीआईएल के दौराना कंपनी के विद्वान अधिवक्ता ने मा. न्यायालय के सामने शपथपत्र समर्पित कर फुड प्रोसेसिंग कार्य पूरा करने का वायदा किया था, इस आश्वासन पर मामला तीन साल पूर्व अर्थात 2019 में निर्देश के साथ निष्पादित किया गया था। इतना ही नहीं, तत्कालीन मंत्री हरसिमरत कौर उद्घाटन के लिए खगड़िया पहुंचकर भी वापस दिल्ली चली गई और कंपनी के चापलूस अधिकारियों को डांट पिलाई थी।
मालूम हो कि उक्त विवादित प्रिस्टीन मेगा फूड पार्क ने अनेक स्थानीय लोगों को केस मुकदमा में फंसाकर अपनी उर्जा बर्वाद किया तथा मजदूरों, सुपरवाइजरों को तीन साल पूर्व निकाल दिया था, आखिर कंपनी में दलालों के अलावा कौन लोग कुशल कारीगर या मजदूर कार्यरत हैं। पत्रकार मधुर ने कहा कि यदि कंपनी ईमानदारीपूर्वक काम करे तो उसे जनसहयोग अवश्य मिलेगा लेकिन कंपनी सरकार को धोखा देकर सैकड़ों करोड़ रुपया हजम करने का षड़यंत्र रच रही है। केन्द्र सरकार और राज्य सरकार इतने वर्षों तक कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं कर सकी, आखिर सरकार को किस बात का इंतेजार है। पत्रकार मधुर ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय में दर्ज पीआईएल, सीडब्लुजेसी नंबर 1418/2018 दिनांक 5.4.2019 को निष्पादित हुआ लेकिन अबतक कंपनी मा. कोर्ट में दर्ज काउंटर शपथपत्र के अनुरुप कार्य नहीं किया। अब पुनः पत्रकार मधुर इस मामले को मा. पटना उच्च न्यायालय में दाखिलकर प्रामाणिक खुलासा करने पर बाध्य हो रहे हैं।

नोटं- प्रसारित समाचार की  जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा  विज्ञापनों की  प्रामाणिकता से  प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक

पुरुषोत्तम के साथ बिहार के वरिष्ठ पत्रकार मधुर ने सांसद घोटाले का खुलासा किया… 👉 क्लिक कर देखें पूरी खबर

 

 

 

 

 

 

 

Live Share Market

जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Back to top button
Close
Close