खगडि़या: दिल्ली से आए बछौता निवासी 22 वर्षीय मजदूर युवक नीतीश कुमारकी तबियत बिगड़ी… सदर अस्पातल में भर्ती के बाद रहस्मय मौत…. बछौता मुखिया सुनील कुमार ने आश्रितों के लिए मुआवजा राशि की मांग उठायी

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खगडि़या: दिल्ली से आए बछौता निवासी 22 वर्षीय मजदूर युवक नीतीश कुमार की तबियत बिगड़ी… सदर अस्पातल में भर्ती के बाद रहस्मय मौत…. बछौता मुखिया सुनील कुमार ने आश्रितों के लिए मुआवजा राशि की मांग उठायी

खगडि़या/ कोशी एक्सप्रेस/ पूरे देश में कोरोना वायरस की महामारी से ज्यादा विपत्ति कामगार प्रवासी मजदूरों की जिन्दगी पर पड़ी है। यह ठीक है कि केन्द्र सरकार सहित राज्य सरकारें दिनरात सभी प्रवासी मजदूरों को सकुशल उनके घरों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं लेकिन देश के लाखों लोगों को इस अफरा-तफरी में ट्रेन व बस सेवाएं उपलब्ध कराने के वायदों को सरजमीं पर साकार करते करते अनेक दुखी और पीडि़त मजदूरों के मौत की खबरें दिल दहलाती रही हैं।
खगडि़या सदर प्रखन्डन्तर्गत बछैौता ग्राम पंचायत राज के मुखिया सुनील कुमार ने प्रेस को बताया कि कल दिनांक 19 मई 2020 को नोयडा में मजदूरी करनेवाले 22 वर्षीय युवक नीतीश कुमार पे0 महेन्द्र महतो वार्ड-13 श्रमिक स्पेशल ट्रेन से खगडि़या पहुचंते ही स्टेशन पर बेहोश हो गया और सदर अस्पताल में उसकी रहस्मय मौत हो गई। इस दुखद मौत से जिले में मातम पसर गया। मुखिया सुनील कुमार ने इस मौत की जिम्मेवारी गरीबी और अनजाने विपदा को देते हुए जिला प्रशासन से मांग की है कि 22 वर्षीय युवक की मौत की जांच पड़ताल कराते हुए पारिवारिक मुआवजे उपलब्ध कराकर अब मृतक के आश्रितों के जीवन की रक्षा करने की कृपा करें।
बछौता के ग्रामीणों ने प्रेस को बताया कि मुखिया सुनील कुमार द्वारा दाह संस्कार के लिए तीन हजार रुपये सहायता राशि दी गई।

मालूम हो कि सरकार द्वारा उद्घोषित नियमों के आलोक में कोरोना पाॅजिटिब मामले में मृतकों के आश्रितों के लिए मुआवजा राशि निर्धारित है तथा जब सरकार ने कामगार मजदूरों को पंजीकृत करते हुए ट्रेनों से उनके जिलों तक सुरक्षित पहुंचाने का प्रबंध किया है, तो खगडि़या स्टेशन तक प्रत्येक प्रवासी मजदूर को पहुंचाने की व्यवस्था भारतीय रेल प्रबंधन के कंधों पर है। यदि किसी मजदूर की मौत बिना भोजन और बिना पानी अर्थात खाली पेट भूख की वजह से होती है तो इसकी जिम्मेवारी भारतीय रेल प्रबंधन की है, और खगडि़या के मृतक मजदूर की मौत भूखे पेट की वजह से होने की संभावना है, जैसा की अन्य मजूदरों ने प्रेस को अपना नाम उजागर नहीं करने की शत्र्त पर बताया।

 

नोट- प्रसारित समाचार से सहमत होना या ना होना हमारी जिम्मेवारी नहीं है- संपादक

 

नोट- किसी भी प्रसारित समाचार की जिम्मेवारी प्रेस की नहीं होगी-संपादक

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