ॐ हॉस्पिटल द्वारा आयोजित निःशुल्क शिविर में 44 बांझपन महिलाओं का हुआ इलाज .. अब IVF की मदद से निःसंतानों की गोद भरने की चाहत होगी पूरी: डॉ वर्षा, स्त्री रोग विशेषज्ञ…

ॐ हॉस्पिटल द्वारा आयोजित निःशुल्क शिविर में 44 बांझपन महिलाओं का हुआ इलाज .. अब IVF की मदद से निःसंतानों की गोद भरने की चाहत होगी पूरी: डॉ वर्षा, स्त्री रोग विशेषज्ञ…

खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ हर महिला मां बनने की चाहत रखती है. वह भी चाहती है कि उसके घर में भी नन्हे मुन्हें की किलकारी गूंजे. लेकिन कई महिलाएं ऐसी हैं जो इस खुशी से वंछित रह जाती हैं. वह कितना भी चाहें पर मां नहीं बन पातीं. लेकिन आधुनिक जीवनशैली और तनाव के कारण स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है। यह संभव है कि महिला बांझपन के मुद्दे का सामना कर रही है। उस स्थिति में, बांझपन के उपचार (Infertility Treatment) से गुजरने से दंपत्ति को गर्भाधान के अवसरों में सुधार करने में मदद मिल सकती है।

वहीं स्थानीय गौशाला रोड स्थित ॐ हॉस्पिटल प्रांगण में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम तहत इंदिरा आईवीएफ की ओर से बांझपन से मुक्ति के लिए एक दिवसीय शिविर का आयोजन हुआ।
मालूम हो की शुक्रवार 19 जुलाई को ॐ हॉस्पिटल के निदेशक सह सर्जन डॉक्टर पवन कुमार एवं डॉ वर्षा सहित इंदिरा आईवीएफ की डॉक्टर प्रियंका रानी ने आयोजित शिविर में पहुंची 44 अधिक महिलाओं का निशुल्क परामर्श के साथ इलाज भी किया । इतना ही नहीं साथ ही दवाई भी मुहैया कराया गया।
बांझपन विशेषज्ञ डॉ प्रियंका रानी ने उपस्थित महिलाओं को आईवीएफ यानी इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन की जानकारी देते हुए बताया कि निःसंतानता का सबसे प्रभावी फर्टिलिटी उपचार है। यह ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एग और स्पर्म को शरीर के बाहर यानी लैब में फर्टिलाइज (निषेचित) किया जाता है। यह उन दंपतियों के लिए सबसे सुरक्षित और सरल उपचार प्रक्रिया है जो अपनी इनफर्टिलिटी प्रॉब्लम की वजह से माता-पिता नहीं बन पा रहे हैं। आईवीएफ को आम बोलचाल में टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक भी कहा जाता है।
डॉक्टर वर्षा ने सरल भाषा में बताया कि आईवीएफ लास्ट नहीं बेस्ट ऑप्शन है। यह चिकित्सकीय तकनीक है, आईवीएफ की सफलता दर अन्य ट्रीटमेंट की तुलना में कहीं ज्यादा है। यह सबसे सरल और सुरक्षित भी है। आईवीएफ में केवल फर्टिलाइजेशन (निषेचन) की प्रक्रिया लैब में होती है। भ्रूण का पूरा विकास मां के पेट में होता है। इसमें महिला को वही फीलिंग होती है, जो नैचुरल तरीके से मां बनने में होती है।
इस अवसर पर डॉ पवन ने उपस्थित लोगों को बताया कि अब जिले की महिलाओं को बांझपन की समस्या से छुटकारा दिलाने का सहज उपाय ॐ हॉस्पिटल के माध्यम से आसान हो गया है।
उक्त बांझपन मुक्ति शिविर को सफल बनाने में हॉस्पिटल स्टाफ सहित अन्य लोगों ने कार्यक्रम को सफल बनाया।

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