अलौली की धरती पर स्व. संदीप की अनंत स्मृति में इंटरनेशनल संदीप मेमोरियल शिक्षण संस्थान का हुआ उद्घाटन..
अलौली की धरती पर स्व. संदीप की अनंत स्मृति में इंटरनेशनल संदीप मेमोरियल शिक्षण संस्थान का हुआ उद्घाटन..
खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ विद्या बुद्धि की देवी माता सरस्वती पूजा के अवसर पर प्रखंड अंतर्गत हरिपुर में महान समाजसेवी स्वर्गीय संदीप कुमार जी की स्मृति में उनके होनहार पुत्र डॉक्टर सुमन सौरभ एवं पुत्री डॉ मीनू कुमारी की अपार इच्छाशक्ति संदीप मेमोरियल स्कूल की स्थापना के रूप में साकार हुई।
मालूम हो कि सदर अनुमंडल पर अधिकारी अमित अनुराग के करकमरों द्वारा उक्त विद्यालय का भव्य उद्घाटन 14 फरवरी 2024 बसंत पंचमी के शुभ दिन संपन्न हुआ। इस अवसर पर अलौली प्रमुख नवीन कुमार, चौथम प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि व समाजसेवी चंदन कुमार, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश सचिव व पूर्व जिला अध्यक्ष रंजन उर्फ पप्पू, लोक जनशक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष मोहम्मद मासूम, प्रमुख सतीश कुमार, प्रेम कुमार सिंह, सुधीर कुमार भगत, अरविंद कुमार सिंह, विनोद कुमार भगत, राजेश कुमार यादव, अमित कुमार, राहुल गांधी, आलोक कुमार, वरुण गांधी, आशू कुमार, संतोष कुमार, अमलेश कुमार, धनंजय कुमार, अनुराग, सत्यम, अनिता कुमारी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सदर अनुमंडल पदाधिकारी अमित अनुराग ने कहा कि खगड़िया की धरती पर उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से ही संदीप मेमोरियल स्कूल की स्थापना की गई है, जो अत्यंत सराहनीय और अनुकरणीय है।
बताया गया है कि उक्त विद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति सहित व्यावसायिक शिक्षण पद्धति लागू किया जाएगा। इसके लिए विद्यालय प्रबंधन द्वारा नीति निर्धारण की प्रक्रिया नामांकन के साथ लागू हो गया है। संदीप मेमोरियल स्कूल के ज्ञान मूर्ति प्राचार्य डॉ आर एन राय ने प्रेस को बताया कि उक्त विद्यालय की परिकल्पना इंटर स्कूल तक सफल होने की है। जिले के अलावे दूसरे शहरों और ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राओं का नियमानुसार नामांकन लिया जाएगा। डॉ सौरभ एवं डॉ मीनू ने संयुक्त रूप से कहा कि विद्यालय स्थापना का मुख्य उद्देश्य है उपेक्षित वंचित बच्चों को सर्वांगीण विकास और उत्कृष्ट शिक्षा की मुख्य धारा में शामिल करते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान देना । डॉ सुमन सौरभ ने कहा, “इस विद्यालय को अपने पिता स्व संदीप कुमार की स्मृति में समर्पित करते हुए, मैं अलौली के छात्रों के दिलों में ज्ञान और साहित्य के प्रति आजीवन प्रेम पैदा करने की उम्मीद करता हूं. शिक्षा सबसे बड़ा उपहार है जो हमारी आने वाले पीढ़ी को दे सकते हैं और उनकी सीखने की यात्रा में योगदान देना मेरे लिए सम्मान की बात है.
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