कलम के सिपाही युवा पत्रकार विमल कुमार यादव की निर्मम हत्या से दहला बिहार… क्या बिहार में अपराधी बेलगाम हो चुके हैं ?
कलम के सिपाही युवा पत्रकार विमल कुमार यादव की निर्मम हत्या से दहला बिहार…
क्या बिहार में अपराधी बेलगाम हो चुके हैं ?
खगड़िया/ कोशी एक्सप्रेस/ यह अत्यंत दुखद सत्य है कि इन दिनों प्रदेश में बैंक लूट, आमजनों की हत्या और अबलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं की बाढ़ आ गई है। अररिया में कलम के सिपाही विमल कुमार यादव की निर्मम हत्या का मामला पुलिस के सामने चुनौती है, प्रदेश में निर्भीक होकर समाचार लिखने वाले किसी भी समाचार पत्र के पत्रकार को सुरक्षा प्रदान करने की नीति सरकार के पास नहीं है। हमारे राजनेताओं, पुलिस कर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों, तथाकथित सामाजिक सरोकार रखने वाले सफेदपोश लोगों को स्तुति गान करने की हमेशा जिज्ञासा रहती है, लेकिन जब उनके दामन में लगे दाग पर कलम की चोट पड़ती है, पत्रकारों को खामोश करने की साजिश रची जाती है।
प्रेस एसोसिएशन ऑफ़ बिहार के वयोवृद्ध अध्यक्ष सह वरिष्ठ पत्रकार आरएमपी मधुर एवं कोशी एक्सप्रेस के संपादक पुरुषोत्तम कुमार ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को यह समझना होगा कि प्रदेश के जिलों में पदस्थापित खासकर डीएम और एसपी की कार्यशैली अंग्रेजी हुकूमत जैसी होने लगी है। हमारे अधिकारी जनता की सेवा के लिए नहीं है, इनके रवैये जनता पर हुकूमत थोपने जैसी है। हमारे नेता जनता की भावनाओं का दमन कर सिर्फ चुनाव जीतने का दिवास्वप्न देखने में तल्लीन हैं।
अररिया युवा पत्रकार विमल कुमार यादव के हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार कर कठोर सजा स्पीडी ट्रायल द्वारा मुकर्रर की जाए तथा पीड़ित परिवारजनों को ₹5000000 की राशि ससम्मान प्रदान करते हुए मृतक को शहीद का दर्जा दी जाए।
अन्यथा प्रदेश के सभी जिलों में सभी समाचारपत्रों के निहत्थे पत्रकारों द्वारा आंदोलन करने की बाध्यता होगी!
- नोटं- प्रसारित समाचार की जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक
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