खगडि़याः संत जेवियर्स हाई स्कूल के विरुद्ध शिकायत डीएम की चौखट तक पहुंचा.. कोरोना महासंकट की घड़ी में अभिभावकों से एडमिशन और किताब काॅपी के नाम पर हजारों रुपये क्यों वसूले जा रहे ? सन्नी चन्द्रवंशी/ राजद नेता
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खगडि़याः संत जेवियर्स हाई स्कूल के विरुद्ध शिकायत डीएम की चैखट तक पहुंचा.. कोरोना महासंकट की घड़ी में अभिभावकों से एडमिशन और किताब काॅपी के नाम पर हजारों रुपये क्यों वसूले जा रहे ? सन्नी चन्द्रवंशी/ राजद नेता…
खगडि़या/कोशी एक्सप्रेस/ प्राप्त सूचनानुसार विगत 2 मई 2020 को राजद नेता सन्नी चन्द्रवंशी ने स्थानीय गोशाला रोड स्थित संत जेवियर्स हाई स्कूल द्वारा एडमिशन, टयूशन फीस सहित किताब और काॅपी के नाम पर प्रत्येक विधार्थी के अभिभावक से हजारों रुपये वसूलने की शिकायत लिखित रुप में जिलाधिकारी महोदय से करने का साहस किया है। लॉकडाउन में स्कूल फीस को लेकर परेशान हो रहे पैरेंट्स के लिए बिहार सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार ने राज्य के सभी प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिए हैँ कि वे मार्च और अप्रैल महीनों की फीस न वसूलें। बिहार स्टेट चाइल्ड राइट्स प्रोटेक्शन कमिशन (BSCPCR) राज्यभर के प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि मार्च और अप्रैल महीनों की ट्यूशन फीस और ट्रांसपोरेशन चार्ज (बस का किराया) न लें।प्राइवेट स्कूलों से कहा है कि मानवीय भावना को ध्यान में रखते हुए मार्च और अप्रैल की मंथली फीस न मांगे। कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण अभिभावक मानसिक औैर आर्थिक परेशानी से गुजर रहे हैं। लोगों को मदद की जरूरत है। इस बात को लेकर 15 अप्रैल को स्कूलों को नोटिस भी जारी कर दिया गया है।’
मालूम हो कि उक्त शिकायत पत्र में आवेदक सन्नी ने संत जेवियर्स हाई स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए लिखा है कि इनदिनों सम्पूर्ण भारत में कोरोना महामारी की वजह से लाॅकडाउन कायम है। इस विपत्ति की घड़ी में स्कूलों तथा विश्वविधालयों को पठन-पाठन, एडमिशन और शुल्क वसूली पर प्रतिबंध लगाया गया है। लेकिन संत जेवियर्स हाई स्कूल द्वारा सरकार और जिला प्रशासन की अवहेलना की गई है तथा विधालय अपना कारोबार चलाने में मग्न है।
विदित हो कि आवेदक इस विधालय के कारनामों पर प्रामाणिक रुप में विधालय द्वारा निर्गत दो मनी रशीद भी उपलब्ध कराया गया है जिसमें द्वितीय वर्ग के एक छात्र बेबो महतो, पिता अवधेश कुमार से दिनांक 14.4.2020 को एडमिशन के नाम पर दो हजार तथा फीस 880 रुपये व किताब/काॅपी हेतु 3145 रुपये वसूल लिये गये हैं। इस आवेदन पत्र में दूसरा उदाहरण छात्रा सूष्टि मेहता वर्ग -6 से किताब काॅपी के नाम पर 3918 रुपये वसूले गये हैं। ऐसे अनेक मामले पर जिला प्रशासन को तहकीकात करने की जरुरत है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि प्रावइवेट विधालयों को भी सिर्फ एनसीआरटी की किताबें बच्चों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है जबकि प्राइवेट स्कूलों द्वारा उंची कीमत लेकर प्राइवेट प्रकाशकोें से प्रकाशित पुस्तकों की जबरन विक्री की जाती है। यह जांच का विषय है। आवेदक सन्नी चन्द्रवंशी ने बताया कि इस आवेदन पत्र की प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक महोदया, जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा अनुमंडल पदाधिकारी को भी आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित की गई है।
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