खगड़िया आरजेडी ऑफिस में मनाई गई संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती…
खगड़िया आरजेडी ऑफिस में मनाई गई संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती…
खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/आज 14 अप्रैल 2023 को कृष्णापुरी बलुआही स्थित राजद कार्यालय में संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जयंती राजद सदर प्रखंड अध्यक्ष सुनील चौरसिया के अध्यक्षता धूमधाम से मनाई गयी। जयंती में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व नगर सभापति सह पूर्व राजद एम एल सी प्रत्याशी मनोहर कुमार यादव एवं राजद आपदा प्रकोष्ठ के प्रेदश उपाध्यक्ष प्रमोद यादव उपस्थित हुए।
सर्वप्रथम बाबा साहब भीमराव के तस्वीर पर उपस्थित सभी राजद नेताओं के द्वारा पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन कर याद किया और उनके द्वारा बनाये संविधान से देश के सभी नागरिक को समान अधिकार दिये जाने को सराहा।
पुष्प अर्पित करने के बाद पूर्व नगर सभापति मनोहर कुमार यादव ने कहा कि आज सामाजिक नवजागरण के अग्रदूत और समतामूलक समाज के निर्माणकर्ता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती है। डॉ भीमराव अंबेडकर को संविधान निर्माता के तौर पर जाना जाता है। उनका जन्म 14 अप्रैल को हुआ था। बाबा साहेब की जयंती को पूरे देश में लोग उत्साह से मनाते हैं।बाबा साहेब की जयंती भारत समेत पूरे विश्व में पर्व के रूप में मानते हैं। इस दिन को समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले को समानता और ज्ञान के प्रतीक माना जाता है। भारत रत्न अम्बेडकर पूरा जीवन संघर्ष करते रहे । भेदभाव का सामना करते हुए उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की। आजादी की लडाई में शामिल हुए और स्वतन्त्र भारत को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाने के लिए संविधान निर्माण में अतुल्य भूमिका निभाई। बाबा साहेब ने पिछड़े और कमजोर वर्ग के अधिकारों के लिए पूरा जीवन संघर्ष किया। भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक किस्से हैं, जो युवाओं के लिए प्रेरणा भी हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कमजोर और पिछड़ा वर्ग को समान अधिकार दिलाने, जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध कर समाज में सुधार लाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। यही वजह है कि बाबा साहेब की जयंती को भारत में जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने, समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध कर समाज में सुधार लाने का काम किया है।
खगड़िया विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष नागेस्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि आंबेडकर को विश्व भर में उनके मानवाधिकार आंदोलन संविधान निर्माता और उनकी प्रकांड विद्वता के लिए जाने जाते हैं और यह दिवस उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। आंबेडकर की पहली जयंती सदाशिव रणपिसे इन्होंने 14 अप्रैल 1928 में पुणे नगर में मनाई थी। रणपिसे आंबेडकर के अनुयायी थे।उन्होंने पूरे भारत को छुआछूत से मुक्ति दिलाया।
राजद सदर प्रखंड अध्यक्ष सुनील चौरसिया ने कहा कि उन दिनों छुआछूत जैसी समस्याएं व्याप्त थीं, इस कारण उन्हें शुरुआती शिक्षा में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लेकिन बाबा साहेब बचपन से ही बुद्धिमान और पढ़ाई में अच्छे थे, इसलिए उन्होंने जात-पात की जंजीरों को तोड़ अपनी शिक्षा पूरी की। मुंबई के एल्फिंस्टन रोड पर स्थित सरकारी स्कूल में दाखिला लेने वाले वह पहले अछूत छात्र थे। बाद में 1913 में अंबेडकर ने अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से शिक्षा ली । 1916 में बाबा साहेब को शोध के लिए सम्मानित किया गया था।
जयंती में मुख्य रूप से मानसी नगर पंचायत के उपसभापति पप्पू कुमार सुमन,पूर्व वार्ड पार्षद रणवीर कुमार, पूर्व पंचायत समिति सदस्य चंदन पासवान, एस सी एसटी सेल के जिलाध्यक्ष किशोर दास,राजद नेता सुजय कुमार यादव,अमित भास्कर, अधिवक्ता रंजीत कुमार रंजन,संजय सिंह,गणेश शर्मा, गेन्डौरी राय, राजेन्द्र राम,संजय यादव,सविन यादव,सिंटू यादव,हाकिम यादव,करण पासवान,वकील शर्मा, रंजीत कुमार पंडित,भूषण यादव,इन्द्रेव दास छात्र राजद नेता रौशन यादव आदि मौजूद थे।
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