खगड़िया पहुंची हल्ला बोल यात्रा : अनुपम के समर्थन में उमड़ा युवाओं का जनसैलाब… आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा के नारों से गुंजायमान हुआ शहर

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खगड़िया पहुंची ‘हल्ला बोल यात्रा’ : अनुपम के समर्थन में उमड़ा युवाओं का जनसैलाब… आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा” के नारों से गुंजायमान हुआ शहरखगड़िया पहुंची 'हल्ला बोल यात्रा' में अनुपम के समर्थन में उमड़ा युवाओं का जनसैलाब... आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा" के नारों से गुंजायमान हुआ शहर

खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/देश में भीषण बेरोज़गारी और बढ़ती आत्महत्या के खिलाफ युवा नेता अनुपम के नेतृत्व में शुरू हुई ‘हल्लाबोल यात्रा’ बुधवार को खगड़िया पहुँची। इस अवसर पर शहर में जोरदार स्वागत हुआ और युवा नेता विप्लव रणधीर के संयोजन में कई कार्यक्रम हुए। ज्ञात हो कि चम्पारण से शुरू हुई ‘हल्ला बोल यात्रा’ को बिहार में भरपूर समर्थन मिल रहा है। हर जगह युवाओं और बुद्धिजीवियों का वर्ग जमकर यात्रा में शामिल हो रहे हैं। सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा होते हुए कोसी-सीमांचल क्षेत्र में भी लोगों ने दिल खोलकर अनुपम का स्वागत किया। इसके बाद भागलपुर और मुंगेर जिला होते हुए बेरोज़गारी के खिलाफ चल रही यात्रा खगड़िया पहुंची। बिहार के सभी जिलों से होते हुए अनुपम की यात्रा का समापन 23 सितंबर को पटना में बड़े सम्मेलन के साथ होगा।*खगड़िया पहुंची "हल्ला बोल यात्रा":* अनुपम के समर्थन में उमड़ा युवाओं का जनसैलाब… 👉 *आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा' के नारों से गुंजायमान हुआ शहर...* 🟥 आप पढ़ रहे हैं- शोषित पीड़ित जनता की आवाज़ *" कोशी एक्सप्रेस"* *क्लिक कर पढें पूरी खबर* 👇 https://koshiexpressnews.com/9864/खगड़िया पहुंची 'हल्ला बोल यात्रा' में अनुपम के समर्थन में उमड़ा युवाओं का जनसैलाब... आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा" के नारों से गुंजायमान हुआ शहर

‘हल्ला बोल यात्रा’ की शुरुआत 16 अगस्त को भितिहरवा स्थित गाँधी आश्रम से हुई थी। ज्ञात हो कि देश में बेरोज़गारी को राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बनाने में ‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक अनुपम की अहम भूमिका रही है।*खगड़िया पहुंची "हल्ला बोल यात्रा":* अनुपम के समर्थन में उमड़ा युवाओं का जनसैलाब… 👉 *आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा' के नारों से गुंजायमान हुआ शहर...* 🟥 आप पढ़ रहे हैं- शोषित पीड़ित जनता की आवाज़ *" कोशी एक्सप्रेस"* *क्लिक कर पढें पूरी खबर* 👇 https://koshiexpressnews.com/9864/

‘हल्ला बोल यात्रा’ के दौरान अनुपम सिर्फ समस्या को चिन्हित नहीं कर रहे, बल्कि बेरोज़गारी के संकट का समाधान भी बता रहे हैं। उन्होंने इसके समाधान के तौर पर ‘भारत रोज़गार संहिता’ का प्रस्ताव दिया है। ‘भारत रोज़गार संहिता’ को संक्षिप्त में भ-रो-सा कहा जा रहा है। अपनी यात्रा के माध्यम से अनुपम सरकार से भरोसा मांग रहे हैं और इसी प्रस्ताव के इर्द गिर्द जनसमर्थन जुटा रहे हैं ताकि राष्ट्रव्यापी युवा आंदोलन की ज़मीन तैयार हो। साथ ही, हर जिले में हर स्तर पर नए नेतृत्व को तलाशकर उभारा जाए जो आने वाले समय में आंदोलन को दिशा दे। पहले दिन से ही अनुपम की यात्रा को खूब जनसमर्थन मिल रहा है, विशेष तौर पर युवाओं और बुद्धिजीवियों की भागीदारी उल्लेखनीय है।*खगड़िया पहुंची "हल्ला बोल यात्रा":*  अनुपम के समर्थन में उमड़ा युवाओं का जनसैलाब…  👉 *आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा' के नारों से गुंजायमान हुआ शहर...*   🟥 आप पढ़ रहे हैं- शोषित पीड़ित जनता की आवाज़ *" कोशी एक्सप्रेस"*   *क्लिक कर पढें पूरी खबर* 👇 https://koshiexpressnews.com/9864/खगड़िया पहुंची 'हल्ला बोल यात्रा' में अनुपम के समर्थन में उमड़ा युवाओं का जनसैलाब... आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा" के नारों से गुंजायमान हुआ शहर

खगड़िया में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए अनुपम ने कहा कि बेरोज़गारी आज जीवन मरण का सवाल बन चुका है। अपने भविष्य को लेकर युवाओं में घोर अनिश्चितता और अंधकार का भाव है। हताशा इस कदर बढ़ती जा रही है कि बेरोज़गारी के कारण आत्महत्या की खबरें अब आम बात हो गयी हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार हर दो घंटे में तीन छात्र खुदकुशी कर रहे हैं। बेरोज़गारी के कारण छात्र, युवा और मजदूरों में आत्महत्या बढ़ती जा रही।*खगड़िया पहुंची "हल्ला बोल यात्रा":* अनुपम के समर्थन में उमड़ा युवाओं का जनसैलाब… 👉 *आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा' के नारों से गुंजायमान हुआ शहर...* 🟥 आप पढ़ रहे हैं- शोषित पीड़ित जनता की आवाज़ *" कोशी एक्सप्रेस"* *क्लिक कर पढें पूरी खबर* 👇 https://koshiexpressnews.com/9864/

अनुपम ने कहा कि इन्हीं कारणों से युवाओं का सरकार से भरोसा उठता जा रहा है। इसलिए अब युवाओं को चाहिए भ-रो-सा यानी ‘भारत रोजगार संहिता’। सरकार देश के सभी रिक्तियों को अविलंब भरे और ‘भर्ती आचार संहिता’ लागू कर 9 महीने में नियुक्ति पूरी करे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बोझा ढोने और ठेला चलाने के लिए बिहार के लोगों को हजारों किलोमीटर दूर बम्बई दिल्ली जाना पड़ता है। “बिहारी” शब्द देश भर में मजदूर का पर्यायवाची बन गया है। उन्होंने कहा कि बंद पड़े चीनी, पेपर और जूट मिलों को पुनर्जीवित किया जाए ताकि दो वक्त की रोटी के लिए बिहार के लोगों को पलायन न करना पड़े।

जिला संयोजक विप्लव रणधीर ने कहा कि राष्ट्रव्यापी युवा आंदोलन में खगड़िया की बड़ी भूमिका होगी और उनकी टीम आंदोलन को गाँव गाँव तक ले जाएगी। उन्होंने कहा कि खगड़िया वीरों की धरती रही है जिसका हर बड़े बदलाव में सक्रिय योगदान रहा है। इस बार भी देश को दिशा देने वाले इस राष्ट्रव्यापी आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे।

पश्चिमी चंपारण से शुरू करके ‘हल्ला बोल यात्रा’ मोतिहारी, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर होते हुए दरभंगा जिले पहुँची। इस दौरान रीगा चीनी मिल के पास अनुपम ने सभा को संबोधित किया और सकरी चीनी मिल का मुद्दा भी उठाया। अनुपम ने कहा कि एक सुनियोजित ढंग से बिहार में चीनी, पेपर और जूट मिल जैसे उद्योगों का नष्ट किया गया जिससे रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। बिहार के लोगों को विवश होकर दो वक्त की रोटी के लिए हजारों किलोमीटर पलायन करना पड़ता है। युवा आंदोलन द्वारा प्रस्तावित ‘भारत रोज़गार संहिता’ में न्यूनतम आय पर रोज़गार की गारंटी की मांग भी की गयी है।

इसके बाद ‘हल्ला बोल यात्रा’ कोसी क्षेत्र पहुँची जहाँ युवाओं में भारी उत्साह देखा गया। सहरसा और सुपौल में कार्यक्रमों के बाद मधेपुरा में भी अनुपम का जोरदार स्वागत हुआ। शहर में बाइक रैली निकालकर बेरोज़गारी के ज्वलंत मुद्दे पर खूब नारे लगे। इसके बाद टीपी कॉलेज में युवाओं के साथ जनसंवाद हुआ जहाँ सबने 23 सितंबर को पटना पहुँचने का वादा किया। ज्ञात हो कि अनुपम खुद कोसी क्षेत्र के सुपौल जिले में सुखपुर के रहने वाले हैं। यात्रा के दौरान उनके पैतृक गाँव सुखपुर में ग्रामवासियों ने अभिनंदन समारोह आयोजित करके यात्रा की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।

अररिया में काली मंदिर के पास से युवाओं ने बाइक रैली निकालकर पेंशनर समाज भवन तक अनुपम के समर्थन में मार्च किया। अररिया में पैदल मार्च के दौरान भी युवाओं ने लगातार ‘बदलेगा हवा, देश का युवा’ के नारे लगाए गए। अनुपम की ‘हल्ला बोल यात्रा’ शनिवार को किशनगंज और रविवार को पूर्णिया जिले में रही। भारी बारिश के कारण पूर्णिया में दिन के कार्यक्रम बाधित हो गए। लेकिन शाम को जब शहर में चार किलोमीटर का रोडशो हुआ तो स्थानीय लोगों में खूब उत्साह देखा गया। इसके बाद कल्याण छात्रावास में युवाओं से मुलाकात हुई जहाँ सबने 23 सितंबर को पटना पहुँचने की बात कही। भागलपुर, तारापुर और मुंगेर में कई कार्यक्रम और जनसंवाद करते हुए अनुपम बुधवार को खगड़िया पहुँच गए। जहां खगड़िया जिला युवा हल्ला बोल के कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक यात्रा का स्वागत एन एच 31 पर ममता रेस्टोरेंट के समीप किया । वहां से यह यात्रा बलुआही, महात्मा गांधी मार्ग, राजेन्द्र चौक से होते हुए गौशाला रोड स्थित मण्डप विवाह भवन सूर्य मंदिर चौक पहुंचा जहां वरिष्ठ समाजसेवी गौतम गुप्ता की अध्यक्षता में युवा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें छात्र नेता रौशन कुमार राणा,शिक्षक नेता मनीष सिंह, छात्र नेता रजनीकांत, छात्र नेता निलेश युवा मुखिया मुन्ना प्रताप वरिष्ठ पत्रकार चन्द्रशेखरम वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिंह ने संबोधित किया

यात्रा में अनुपम के अलावा मुख्य रूप से ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय महासचिव और यात्रा प्रभारी प्रशांत कमल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अर्जुन मिश्रा, राष्ट्रीय सचिव सुनील यादव, आकाश महतो, अमित प्रकाश और आदित्य दूबे भी उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय महासचिव व यात्रा प्रभारी प्रशांत ने कहा कि देश में किसानों के आत्महत्या की खबरें पहले खूब आया करती थी। अब भारी संख्या में बेरोज़गारी के कारण युवाओं में आत्महत्या की खबरें आ रही है। युवाओं की आत्महत्या देश में राजनीतिक बहस के केंद्र में होना चाहिए। आज की सबसे बड़ी बहस होनी चाहिए लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकारों को कोई परवाह नहीं। ऐसे में युवाओं को एकजुट होकर कहना पड़ेगा कि ‘आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा’।

‘हल्ला बोल यात्रा’ के दौरान हर शहर में स्थानीय लोग अनुपम की अगुवाई में चल रहे युवा आंदोलन को देश के लिए उम्मीद की किरण बता रहे हैं। कहा जा रहा है कि हर नागरिक को युवाओं के इस संघर्ष में सहयोग करना चाहिए। इस यात्रा को सफल बनाने में जिला के चर्चित समाजसेवी नागेन्द्र सिंह त्यागी, प्रफुल्ल चंद्र घोष, राहुल चन्द्र सिंह, अमरीश यादव , डॉ नन्दन यादव , चन्दन कुमार, राजकुमार, अभिमन्यु सहित कई अन्य साथियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है

इस मौके पर गुजरात से आये राष्ट्रीय युवा नेता अर्जुन मिश्रा ने कहा कि हम बेरोजगारी के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने के लक्ष्य से यह यात्रा कर रहे हैं। अनुपम की बिहार यात्रा राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन रही है और युवाओं में काफी उम्मीद पैदा कर रही है।

  • नोटं- प्रसारित समाचार की जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक

 

 

 

 

 

 

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