बेलदौरः आनंदी सिंह बासा प्रा. विद्यालय में फर्जी नियुक्ति का मामला जिला लोक शिकायत निवारण पहुंचा  …कार्यरत शिक्षिकायें अपना नाम बदलकर शिक्षा विभाग को धोखा दे रही हैं —

बेलदौरः आनंदी सिंह बासा प्रा. विद्यालय में फर्जी नियुक्ति का मामला जिला लोक शिकायत निवारण पहुंचा  ...कार्यरत शिक्षिकायें अपना नाम बदलकर शिक्षा विभाग को धोखा दे रही हैं …

बेलदौरः आनंदी सिंह बासा प्रा. विद्यालय में फर्जी नियुक्ति का मामला जिला लोक शिकायत निवारण पहुंचा  ...कार्यरत शिक्षिकायें अपना नाम बदलकर शिक्षा विभाग को धोखा दे रही हैं ---

खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ प्राप्त सूचनानुसार 25 नवम्बर 2021 को प्रेसटीम समय 2.30 बजे तेलिहार पंचायत स्थित आंनदी सिंह बासा प्राथ् ामिक विधालय पहुंचकर जब स्थानीय ग्रामीणों से विधालय की शिक्षण व्यवस्था की पड़ताल शुरु की, वार्ड सदस्या रिंकू देवी सहित दर्जनों ग्रामीणों ने विधालय की कुव्यवस्था पर आक्रोश व्यक्त किया। इतना ही नहीं उक्त प्रा.वि.को भूमि दान देनेवाले 90 वर्षीय महान् सामाजिक कार्यकत्ता श्री आनंदी सिंह ने अफसोस व्यक्त करते हुए प्रेस को बताया कि विद्यालय में लगभग 15 वर्षों से कार्यरत शिक्षिकाओं को पढ़ाने-लिखाने से कोई मतलब नहीं है, ये विद्यालय आकर टाइम पास करती रही हैं।बेलदौरः आनंदी सिंह बासा प्रा. विद्यालय में फर्जी नियुक्ति का मामला जिला लोक शिकायत निवारण पहुंचा  ...कार्यरत शिक्षिकायें अपना नाम बदलकर शिक्षा विभाग को धोखा दे रही हैं ---
मालूम हो कि प्रेसटीम द्वारा प्रामाणिक जानकारी के आधार पर लिखित शिकायत दिनांक 26.11. 2021 को जिला लोक शिकायत निवारण पदा. के यहां सुपुर्द कर विधि सम्मत् कार्रवाई हेतु अनुरोध किया गया है।
बताया गया है कि उक्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं (मीरा कुमारी की नियुक्ति नकली शैक्षणिक प्रमाापत्र व नकली ट्रेनिंग सर्टिफिकेट पर होने का आरोप है, (2) सुशीला देवी पति गंगा सिंह का असली नाम सुधा देवी है, उन्हेांने वार्ड सदस्या के रुप में अपना नामांकन सुधा देवी के रुप में भरा था और पांच वर्षों तक इस संवैधानिक पद पर कार्यरत भी थीं। लेकिन किसी दूसरी महिला सुशीला देवी के प्रमाणपत्र पर नौकरी करने का दुस्साहस उन्हेांने किया। ग्रामीणों का आरोप अब जांच के दायरे में है। (3) पूनम कुमारी (शिक्षिका) के बारे में गामीणों के पास कोई पोख्ता सबूत उपलब्ध नहीं है, संबंधित विभाग द्वारा जांच पड़ताल के बाद ही मामले की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि दिघौन स्थित प्रा. विद्याालय में कार्यरत शिक्षिका किरण कुमारी की नियुक्ति फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर हुई थी और शिक्षा विभाग के किसी अधिकारी को लगातार रिश्वत देकर कार्रवाई गुमराह किया जाता रहा है।
विदित हो कि जिले में अनेक फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर वर्षों से सरकारी वेतन प्राप्त करनेवाले शिक्षक-शिक्षिकाओं के विरुद्ध निगरानी विभाग द्वारा भी लगातार कार्रवाई की जा रही है।
यह मामला प्रेस एसोसिएशन आॅफ बिहार के अध्यक्ष सह वरिष्ठ पत्रकार आर.एम.पी. मधुर द्वारा जिला लोक शिकायत निवारण पदा. खगड़िया के यहां समर्पित किया गया है। जारी

 

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