KHAGARIA : 22 फरवरी को बैसा में वैश्य समाज की उप-जातियों का महासम्मेलन सह परिवार मिलन समारोह होगा भव्य… दानवीर शिरोमणि भामाशाह को स्मरण करते हुए वैश्य एकता कायम करने की होगी पहल .. अब हमारे वोट पर राजनीति करनेवालों से हम अपना हक लेंगे- रविकांत तिवारी/सचिव

KHAGARIA : 22 फरवरी को बैसा में वैश्य समाज की उप-जातियों का महासम्मेलन सह परिवार मिलन समारोह होगा भव्य…

दानवीर शिरोमणि भामाशाह को स्मरण करते हुए वैश्य एकता कायम करने की होगी पहल .. अब हमारे वोट पर राजनीति करनेवालों से हम अपना हक लेंगे- रविकांत तिवारी/सचिव… खगडि़या/ कोशी एक्सप्रेस/ परबत्ता प्रखंड के बैसा गांव स्थित उच्च विद्यालय में वैश्य चेतना समिति, बिहार द्वारा आगामी 22 फरवरी 2020 को वैश्य समाज की उप-जातियों का महासम्मेलन सह परिवार मिलन समारोह का भव्य आयोजन किया जायेगा। बताया गया है कि इस समारोह में पूरे परबत्ता और गोगरी प्रखंड से वैश्य समाज के सभी उप-जातियों के लोग सपरिवार शामिल होंगे। सम्मेलन सुबह 11 बजे से वैश्य दानवीर शिरोमणि भामाशाह को याद करते हुए शुरू होगा।
वैश्य चेतना समिति के सचिव पूर्व डीडीसी रविकांत तिवारी ने कहा कि आज वैश्य समाज को रणनीतिक व वौद्धिक रूप से जागरूक होने की जरूरत है अब वैश्य समाज को अपनी आबादी 25 प्रतिशत के हिसाब से राजनीति एवं सत्ता में हिस्सेदारी व भागीदारी चाहिए । अब वोट हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा, इसलिए अब वैश्य समाज जग चुका है , जब वैश्य समाज अपनी सभी उपजातियों के साथ संगठित होकर अपनी हिस्सेदारी के लिए आवाज उठाएगा तो वोट हमारा तो राज भी हमारा ही रहेगा । पंचायत से लेकर प्रखंड जिला राज्य व केंद्र तक वैश्य संगठन को अटूट बनाने के लिए संकल्प वैश्य चेतना समिति ले चुका है
वैश्य समाज आज राजनीतिक आर्थिक रूप से उपेक्षित है और हर सरकार का रवैया वैश्य समाज के प्रति उदासीन रहा है। वैश्य समाज के लिए यह घोर विडंबना है। आज वैश्य समाज की तमाम उपजातियों के लोग आशंकित हैं और डरे हुए हैं। राजनीतिक दलों ने वैश्य समाज को अपना जागीर समझ रखा है। इस कारण से वे हमेशा वैश्य समाज की उपेक्षा करते हैं। एक खास दल दावा करती है कि वे वैश्य समाज के वोट से जीतती है, मगर वही राजनीतिक दल हिस्सेदारी देने के समय हाथ खींच लेती है। इसके अलावा जो भी वैश्घ्य नेता आज तक सत्ता में आये, उन्घ्होंने वैश्य समाज के लिए कुछ नहीं किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है समाज के लिए।
इस स्थिति से निपटने के लिए वैश्य समाज के लोगों को आज राजनीतिक और बौद्धिक रूप से जागरूक होने की जरूरत है। अब वैश्य समाज को संख्या बल के आधार पर राजनीति में भागीदारी चाहिए, क्योंकि अब तक इस समाज की राजनीतिक भागीदारी नगण्य है, समाज के लोग इस वजह से कुंठित हैं। उसी कुंठा को दूर करने और समाज को जायज हक दिलाने की दिशा में एक पहल है यह सम्मेलन।
हम किसी जाति, धर्म या समाज के विरोधी नहीं है। मगर वैश्य समाज की उपेक्षा भी अब हमें बर्दाश्त नहीं है। देश के खजाने में 33 प्रतिशत की हिस्सेदारी वैश्य समाज की होती है। जब भी देश की सरकारें मुसीबत में आयी हैं, तब वैश्यों ने उन्हें संभाला है। बावजूद इसके वैश्य समाज प्रताडि़त है और अब तक समाज के साथ अन्याय हुआ है।
इसलिए आज वह समय आ गया है, जब वैश्य समाज अपनी सभी उपजातियों के साथ संगठित होकर अपनी हिस्सेदारी के लिए आवाज उठाये। इसके लिए वैश्य चेतना समिति, बिहार समाज के लोगों को एकजुट कर उनमें राजनीतिक और बौद्धिक चेतना लाने का काम करेगी। वैश्घ्य समाज आगामी चुनावों में उसे चुनेगी, जो वैश्य समाज को उसका हक देगा। वरना वैश्घ्य समाज अलग पार्टी के साथ चुनाव में जाने का काम करेगी।
21 फरवरी को बैसा हाइस्कूल मैदान से वैश्य युवाओं के द्वारा जागृति अभियान के तहत पूरे परबत्ता गोगरी प्रखंड क्षेत्र में मोटरसाइकिल जुलूस निकालकर सभी वैश्य समाज को जागरूक किया जाएगा ।
वैश्य समाज को एकजुट और संगठित करने की दिशा में ही एक कदम यह आयोजन है, जिसमें वैश्य समाज की तमाम उप दृ जाति के लोगों से आग्रह है कि वे अपने परिवार के साथ इस सम्मेलन में शामिल होकर सम्मेलन को सफल बनावें।
इस मौके पर वैश्य चेतना समिति के सचिव पूर्व डीडीसी रविकांत तिवारी, डॉ संजीव पोद्दार, शंभु चैरसिया, कैलाश शर्मा, मनोज साह, सुबोध साह, जयप्रकाश चैरसिया, मनीष चैरसिया पूर्व मुखिया अजय कुमार रंजन, झाड़ीलाल साह, हरि प्रसाद समेत दर्जनों लोग शामिल थे ।

नोट- किसी भी प्रसारित समाचार की जिम्मेवारी प्रेस की नहीं होगी-संपादक

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