संस्मरण: जननायक स्व. कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती पर भारत रत्न की उद्घोषणा से प्रदेश में आत्म सम्मान चेतना का संचार हुआ है: आर.एम.पी. मधुर
संस्मरण: जननायक स्व. कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती पर भारत रत्न की उद्घोषणा से प्रदेश में आत्म सम्मान चेतना का संचार हुआ है: आर.एम.पी. मधुर
खगड़िया/ कोशी एक्सप्रेस/ भारत सरकार द्वारा बिहार के जननायक, युगपुरुष स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न प्रदान करने की पावन उद्घोषणा से प्रदेशवासियों के दिलों में आत्मसम्मान का संचार हुआ है।
इस महान उद्घोषणा से अभिभूत होकर मैं आरएमपी मधुर (80 वर्षीय वरिष्ठ पत्रकार) जेपी आंदोलन से लेकर आज तक की राजनीतिक उठा पटक और संवेदनाओं को शब्दों में बांध नहीं पा रहा हूं।
मुझे याद है जब जननायक आदरणीय कर्पूरी ठाकुर जी को भिक्षुक समाचारपत्र की प्रति सहित सम्मानपत्र उनके कर कमलों में समर्पित करते हुए चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त किया था, यह वाकया आज से 40 वर्ष पूर्व की है जो आज तक मेरे हृदय में तरंगित होती रही है। आज सभी राजनीतिक दलों को स्वर्गीय कर्पूरी जी की जरूरत सिर्फ वोट हासिल करने के लिए हो रही है, लेकिन आज की पीढ़ी को यह मालूम नहीं है कि जेपी आंदोलन के दौरान कांग्रेसी हुकूमत की बर्बरता पूर्ण प्रहारों के शिकार लोगों की कितनी भयावह प्रताड़ना हुई थी। मैं भी उन दिनों युवा पत्रकार होने के नाते इन तमाम संघर्षों का साक्षी बन चुका था। जननायक स्वर्गीय का कर्पूरी जी की शालीनता, सादगी, दूरदर्शिता और कार्य दक्षता की समीक्षा शब्दों में व्यक्त करना आसान नहीं है। उन्होंने आरक्षण नीति, शराबबंदी और निशुल्क शिक्षा का जो पैगाम दिया था उसे शतप्रतिशत पूरा करना सरकार की नीतियों में आज भी शामिल है। इस अवसर पर मैं अपने पत्रकार मित्र स्वर्गीय गौरी शंकर नागदंश (बाद में 1990 में राजद के टिकट पर विधायक बने) के प्रति आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिन्होंने मेरी मुलाकात जननायक स्व कर्पूरी ठाकुर जी से कराया था। आज तक मैं पूज्य जननायक स्वर्गीय कर्पूरी जी के संदेशों को सम्मानपत्र के माध्यम से उत्कृष्ट सेवाओं के लिए महान विभूतियों के कर कमलों में प्रदान करता आ रहा हूं। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने बिहार के सपूत युग पुरुष जननायक स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की घोषणा के अवसर पर उनके संघर्षों और महान सेवाओं को नमन किया है। यह सच है कि हमारे जननायक स्वर्गीय कर्पूरी जी का संघर्ष बड़ा था, गरीबी बड़ी थी, लेकिन उनकी आस्था और राष्ट्र सेवा भी बड़ी थी। शत शत नमन !
- नोट- प्रसारित समाचार की जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक
*यहाँ क्लिक करके हमारे मोबाईल एप को जरूर डाउनलोड करें** 👇
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.mytesta.koshiexpress