खगडि़या: DM महोदय ध्यान दें- स्पष्टीकरण के पूर्व कैंसर पीडि़त डीलर तेजनारायाण पर F.I.R. दर्ज कराने का औचित्य क्या है ? प्रखण्ड आपूर्ति पदा. मदन कुमार के प्रतिवेदन की सत्यता पर उठे सवाल ? मामला संवेदनशील बना…
खगडि़या: DM महोदय ध्यान दें- स्पष्टीकरण के पूर्व कैंसर पीडि़त डीलर तेजनारायाण पर F.I.R. दर्ज कराने का औचित्य क्या है ?
प्रखण्ड आपूर्ति पदा. मदन कुमार के प्रतिवेदन की सत्यता पर उठे सवाल ? मामला संवेदनशील बना…
खगडि़या/कोशी एक्सप्रेस/ प्राप्त सूचनानुसार कल दिनांक 9 मई 2020 को अनुमण्डल कार्यालय खगडि़या द्वारा (ज्ञापांक 168 दिनांक 4.5.2020) एक चिट्ठी मथुरापुर निवासी बीमार डीलर तेजलारायण प्रसाद के पुत्र को दी गई।
मालूम हो कि उक्त विभागीय पत्र से ज्ञात हुआ कि प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी मदन कुमार के पत्रांक-155 दिनांक 3.5.2020 द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि उक्त पीडीएस डीलर तेजनारायण प्रसाद की अनुज्ञप्ति संख्या 78 के/2007 के विरुद्ध नगर थाना में अधिनियम 1955 की धारा 7 तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। और बिना स्पष्टीकरण इस डीलर का लाइसेन्स निलंबित करने पर अनेक सवाल उठने लगे हैं। आखिर ऐसा क्यों ?
अनुमण्डल कार्यालय द्वारा निर्गत विभागीय पत्र में संबंधित डीलर से तीन दिनों के अन्दर स्पष्टीकरण की मांग की गई है जो सोमवार दिनांक 11.5.2020 तक देने का निर्देश है लेकिन इस निर्धारित अवधि के पूर्व ही दिनाक 2.5.2020 को प्राथमिकी दर्ज कराने का उद्देश्य विभागीय चिट्ठी में दर्ज है। डीलर की पत्नी श्रीमती सुमित्रा देवी ने रोते-विलखते हुए कहा कि क्या कानून की सीमा सबके लिए एक समान नहीं है ? क्या पीडीएस डीलर बनना कोई अपराध या पाप है ?
डीलर की पत्नी श्रमती सुमित्रा देवी ने रोते-विलखते हुए कहा कि क्या कानून की सीमा सबके लिए एक समान नहीं है ? क्या पीडीएस डीलर बनना कोई अपराध या पाप है ? इस तुगलकी फरमान के आहत से एक पीडि़त बीमार डीलर की मैात हो जाती है, तो इसकी जिम्मेवारी संबंधित पदाधिकारियों पर नहीं होगी ? अनुमण्डल पदा0 खगडि़या द्वारा निर्गत पत्र अवलोकनार्थ प्रसारित ..(जारी)
डीलर की पत्नी ने बताया कि उनकी पीडीएस दूकान के विरुद्ध जिन चार महिलाओं ने राशन नहीें देने का आरोप लगाया है, उनका आवंटन ही अबतक विभाग द्वारा नहीं किया गया। लेकिन इन महिलाओं को दूसरे पीडीएस दूकानदार अविनाश कुमार से लेकर उपलब्ध करा दिया है। इन चार महिलाओं में सिर्फ एक महिला का पोश मसीन पर फींगर मैच नहीं करने की वजह से खाद्यान उपलब्ध नहीं कराया गया। विभाग द्वारा डीलरों को अपमानित करने, पड़ताडि़त करने और ब्लैकमेल करने के सभी हथकंडे अपनाएं जाते हंै। उन्होंने कहा कि लगता है कि अब इस जिला में आपूर्ति विभाग पर किसी वरीय अधिकारी का नियंत्रण नहीं है।
यदि इस तुगलकी फरमान के आहत से एक पीडि़त बीमार डीलर की मैात हो जाती है, तो इसकी जिम्मेवारी संबंधित पदाधिकारियों पर नहीं होगी ? अनुमण्डल पदा0 खगडि़या द्वारा निर्गत पत्र अवलोकनार्थ प्रसारित ..(जारी)
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