खगड़िया: संभावित बाढ़ और सुखाड़ की पूर्व तैयारियों को लेकर हुई समीक्षा बैठक…डीएम अमित कुमार पांडेय ने संबंधित अधिकारियों को दिए कई दिशा निर्देश…

खगड़िया: संभावित बाढ़ और सुखाड़ की पूर्व तैयारियों को लेकर हुई समीक्षा बैठक…

डीएम अमित कुमार पांडेय ने संबंधित अधिकारियों को दिए कई दिशा निर्देश…


खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ सोमवार 17.04.23 को जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय की अध्यक्षता में संभावित बाढ़-सुखाड़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक समाहरणालय सभागार में संपन्न हुई। जिलाधिकारी ने महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को दिये एवं संभावित आपदा का सामना करने हेतु ससमय तैयारी पूरी करने एवं तैयारियों का भौतिक निरीक्षण करने का निर्देश दिया।जिलाधिकारी ने समीक्षा बैठक के प्रारंभ में आपदा राहत कार्यों की तैयारी एवं इसके संपूर्ण अनुश्रवण के लिए अनुमंडलवार वरीय पदाधिकारियों को चिन्हित करते हुए अपर समाहर्ता को खगड़िया अनुमंडल एवं उप विकास आयुक्त को गोगरी अनुमंडल का दायित्व सौंपा। उन्होंने कहा कि ये दोनों पदाधिकारी अपने-अपने अनुमंडल के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों, अंचल अधिकारियों, बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों एवं बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के पदाधिकारियों के संपर्क में रहते हुए पूरी तैयारी सुनिश्चित कराएंगे एवं इनका भौतिक निरीक्षण भी करेंगे। जिलाधिकारी ने उन्हें प्रखंडवार आपदा की तैयारियों की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों को संसाधन मानचित्रण, ऊंचे शरण स्थली को चिन्हित करने एवं इसका भौतिक सत्यापन करने, मवेशियों के लिए शरण स्थली की पहचान एवं भौतिक सत्यापन करने, शरण स्थली पर पेयजल, शौचालय इत्यादि मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था, सरकारी एवं निजी नौकाओं का निबंधन, मरम्मती एवं गत वर्ष परिचालित नौकाओं का भुगतान, बाढ़ पीड़ितों को अनुग्रह राशि का वितरण, आपदा के दौरान मानव एवं पशु हेतु दवाओं की उपलब्धता, तटबंधों की मरम्मति एवं सुरक्षा, नोडल पदाधिकारियों एवं पर्यवेक्षकीय पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति, गोताखोरों की तैनाती, बाढ़ राहत कार्य हेतु निविदा का प्रकाशन इत्यादि के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने डीपीओ आईसीडीएस एवं सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग को संकटग्रस्त समूहों यथा धातृ एवं गर्भवती महिलाओं, निशक्तजनों, वृद्धों, बीमारों की पहचान करने एवं उनकी सूची अंचलाधिकारियों एवं जिला आपदा प्रबंधन केंद्र को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। संकट के समय प्राथमिकता के आधार पर इन्हें सुरक्षित स्थल पर पहुंचाना होगा।जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों को संसाधन मानचित्रण, जिसमें बाढ़ प्रभावित ग्राम, पंचायत, शरण स्थली, नदी, सड़क, तटबंध आदि को दर्शाया गया हो, आपदा प्रबंधन शाखा को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। बाढ़ राहत शिविरों में पेयजल, पुरुषों में महिलाओं के अलग-अलग शौचालय, प्रकाश एवं साफ सफाई की समुचित व्यवस्था, प्रसव की व्यवस्था, भोजन बनाने हेतु उपस्कर आदि व्यवस्था पूर्व से ही करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने इंडिया की सभी अंचलाधिकारी पुनः शरण स्थली एवं नौकाओं का भौतिक निरीक्षण करेंगे।अंचलाधिकारियों को सरकारी नावों की गहनी एवं मरम्मति तथा निजी नावों के निबंधन के अलावा उनके मालिकों साथ इकरारनामा कराने का भी निर्देश दिया गया, ताकि बाढ़ के समय उनका उपयोग राहत कार्यों हेतु किया जा सके। नाव भुगतान बकाया का जांचोपरांत अविलंब भुगतान करने का निर्देश भी दिया गया। जिलाधिकारी ने सभी नौकाओं के रजिस्ट्रेशन एवं उनके सत्यापन कार्य पर विशेष जोर दिया। जिलाधिकारी ने प्रमंडलीय आयुक्त महोदय द्वारा नौकाओं के दर निर्धारण के संबंध में भी जानकारी ली। सिविल सर्जन एवं जिला पशुपालन पदाधिकारी को आवश्यक दवाओं की व्यवस्था के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल कैंप लगाने एवं मेडिकल टीम के गठन के संबंध में भी तैयारी रखने का निर्देश दिया गया। विशेष रूप से हैलोजन टेबलेट, ब्लीचिंग पाउडर, सर्पदंश की दवा, क्लोरीन टेबलेट, ओआरएस घोल के पैकेट, एंटी रेबीज सुईयां, एंटीबायोटिक दवाएं, एंटीफंगल दवाएं इत्यादि पर्याप्त मात्रा में भंडार में रखने एवं उनके एक्सपायरी डेट के संबंध में सत्यापन करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया गया। पशु चारा की भी उपलब्धता रखने का निर्देश जिला पशुपालन पदाधिकारी को दिया गया। जिलाधिकारी ने अंचलवार चारा वितरण स्थल चिन्हित करते हुए वहीं से आपदा राहत कार्य के दौरान चारा वितरण कराने का निर्देश दिया। उन्होंने पशु चारा के संवेदक ओं का नंबर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनसे चारा मंगाया जा सके।एसडीआरएफ की टीम को पूरी तैयारी के साथ मुस्तैद रहने का निर्देश दिया गया। इनफ्लैटेबल मोटर बोट एवं लाइफ जैकेट का भौतिक सत्यापन करते हुए इन्हें सक्रिय स्थिति में रखने का निर्देश दिया गया। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी को नियमित तौर पर वर्षापात के आंकड़ों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। प्रखंड विकास पदाधिकारियों से भी जिलाधिकारी ने वर्षामापक यंत्र के अधिष्ठापन स्थल के संबंध में जानकारी ली। जिलाधिकारी को बताया गया कि जिले के प्रत्येक पंचायत में स्वचालित वर्षा मापी यंत्र एवं पांच प्रखंडों में स्वचालित मौसम केंद्र कार्यरत हैं।

आपदा कार्यों के संचालन हेतु पॉलीथिन शीट, जेनरेटर, महाजाल, पेट्रोमैक्स इत्यादि की उपलब्धता का भौतिक सत्यापन करते हुए इनका आंकड़ा भी उपलब्ध कराने का निर्देश सभी अंचलधिकारियों को दिया गया। गोताखोरों की सूची भी संधारित रखने एवं उनके साथ इकरारनामा करने का निर्देश दिया गया, ताकि बाढ़ आने पर उनकी प्रतिनियुक्ति बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में की जा सके। सभी गोताखोरों की र सूची संधारित रखने का भी निर्देश दिया गया। खाद्य एवं राहत सामग्री के संबंध में प्रभारी पदाधिकारी आपदा शाखा द्वारा बताया गया कि खाद्य सामग्रियों का दर निर्धारण आज कर लिया जाएगा। आज निविदा खोली जानी है।

 

पॉलिथीन सीटों की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिले में रखे गए पॉलीथिन शीट को भी अंचलों को उपलब्ध करा दिया जाए। प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा प्रबंधन शाखा द्वारा बताया गया कि 10,000 अतिरिक्त पॉलिथीन शीट्स की मांग मुंगेर से की गई है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल एक और दो को सभी तटबंधों की मरम्मत ससमय करने का निर्देश दिया गया। संवेदनशील स्थानों पर निरोधात्मक सामग्री का भंडारण करने का निर्देश दिया गया। गत वर्ष तटबंध ऊपर हुए रेन कट की भी मरम्मति करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता, उप विकास आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारियों एवं अंचलाधिकारियों को तटबंधों का निरीक्षण करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी तटबंधों का निरीक्षण करेंगे। जिला कृषि पदाधिकारी को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लिए आकस्मिक फसल योजना के सूत्र एवं वैकल्पिक फसल योजना तैयार रखने का निर्देश दिया गया।कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण संगठन को बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों में चापाकल एवं शौचालय की व्यवस्था करने हेतु आवश्यक तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी ने अनुग्रह अनुदान भुगतान हेतु परिवारों की सूची का आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर अद्यतन करण का निर्देश देते हुए कहा गया कि 30 अप्रैल तक इस कार्य को करते हुए सभी अंचल अधिकारियों से प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया जाए।जिलाधिकारी ने जिला कंट्रोल रूम को जिला हेल्पलाइन नंबर घोषित करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसको प्रचारित करते हुए हंटिंग लाइनों की संख्या बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि जिला हेल्पलाइन नंबर (दूरभाष संख्या 06244-222384) 24×7 कार्यरत रहेगा और इसके नोडल पदाधिकारी के रूप में अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, खगड़िया रहेंगे। उन्होंने विशेष रूप से निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र किसे कहते हैं इसकी स्पष्ट जानकारी सभी को होनी चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर वरीय पदाधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन किया जाना होगा। उन्होंने कहा कि सभी वरीय पदाधिकारियों की भूमिका भिन्न-भिन्न होगी और उनके कार्यों में कोई दोहराव नहीं होगा। जिला स्तरीय टास्क फोर्स के गठन के संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि इसमें किसको रखना है, इस पर विचार विमर्श किया जाएगा।

 

संभावित बाढ़-सुखाड़ की तैयारी के साथ ही लू एवं गर्म हवाओं के संबंध में भी जिलाधिकारी ने अग्रणी बैंक प्रबंधक को निर्देश दिया कि सभी बैंकों के बाहर ठंडा पानी उपलब्ध कराने की व्यवस्था एक 2 दिनों के अंदर कर दी जाए। उन्होंने जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि बस स्टैंड एवं टैक्सी स्टैंड में डाक वालों को पानी की व्यवस्था करने हेतु निर्देशित करें। अग्निकांड की घटना की स्थिति में तुरंत सरकार द्वारा निर्धारित राशि एवं मदद उपलब्ध कराएं।

इस अवसर पर अपर समाहर्ता मो० राशिद आलम, उप विकास आयुक्त  संतोष कुमार, सिविल सर्जन अमिताभ सिन्हा, अनुमंडल पदाधिकारी, खगड़िया श्री अमित अनुराग, अनुमंडल पदाधिकारी, गोगरी अमन कुमार सुमन, सभी संबंधित अभियंत्रण एवं तकनीकी विभागों के पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी श्री शैलेश कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी, डीपीओ आईसीडीएस सुनीता कुमारी, वरीय उप समाहर्ता राज ऐश्वर्याश्री, विजय कुमार, नवाजिश अख्तर, एसडीआरएफ इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार सहित सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

 

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