धूमधाम से मनायी जा रही है योगिराज डॉ रामनाथ अघोरी बाबा आश्रम में माँ काली की पूजा: रणवीर
धूमधाम से मनायी जा रही है योगिराज डॉ रामनाथ अघोरी बाबा आश्रम में माँ काली की पूजा: रणवीर
खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ वार्ड पार्षद रणवीर कुमार ने बताया है कि योगिराज डॉ रामनाथ अघोरी बाबा आश्रम में पचास वर्ष से भी अधिक समय से माँ काली का पूजा दीपावली के रात्रि में पूरे विधि विधान से पूजा होता आ रहा है। दीपावली के रात में ही यहाँ काली जी को बलि प्रदान किया जाता है। अघोरी स्थान सिद्धपीठ है यहाँ माँ काली से जो भी भक्त सच्चे मन से माँ काली से माँगते हैं माँ काली उनकी मनोकामना पूर्ण करती है।अघोर पंथ में यह स्थान पूरे भारत में जाना जाता है।
योगिराज डॉ रामनाथ अघोरी बाबा नेपाल राजा के राजदरबार के राजपरोहित थे। जनकल्याण के लिए वे नेपाल राजदरबार को छोड़कर नाव से ही निकल गये थे।नाव पर ही माँ काली का काठ का मूर्ति स्थापित किये हुए थे। नाव पर ही सुबह शाम माँ काली का पूजा करते थे।बलुआही में आकर उनका नाव रुक गया और वे नाव पर ही कई महीनों तक रहे और लोगों के दुख दर्द दूर किये।
मंदिर निर्माण के लिए उनको यह स्थान पसंद आ गया।सबसे पहले उन्होनें स्थानीय लोगों से जमीन दान में मांगकर माँ काली का मंदिर बनवाये और माँ काली का प्रतिमा का निर्माण कराये और उसी समय से यहाँ काली पूजा होता है।
खगड़िया अघोरी स्थान के अलावा रामनाथ बाबा ने देवघर,कलकत्ता के कालीघाट सहित पूरे भारत मे अघोरी स्थान बनवाये साथ ही साथ भारत से सटे नेपाल के धारण और काठमांडू में भी मंदिर बनवाये।
यहाँ पूरे भारत से दीपावली के रात में तंत्र साधना के लिए अघोरी आते हैं।
अघोरी स्थान में माँ काली के अलावे माँ दुर्गा का स्थायी पत्थर का प्रतिमा, दक्षणि मुखी हनुमान जी,पशुपतिनाथ का मंदिर जिसमें काठमांडू से लाकर शिवलिंग के तरह पशुपतिनाथ का मूर्ति स्थापित किया गया है।नेपाल के काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ के जैसा ही मूर्ति है।
शीतला माता का मंदिर भी है।
नोटं- प्रसारित समाचार की जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक
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