फर्जी रूप से संचालित क्लिनिक-नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग का चलेगा हथौड़ा…DM आलोक रंजन ने सीएस को दिया जांच व सील करने का सख्त निर्देश…

फर्जी रूप से संचालित क्लिनिक-नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग का चलेगा हथौड़ा…DM आलोक रंजन ने सीएस को दिया जांच व सील करने का सख्त निर्देश... खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ जिलाधिकारी खगड़िया डॉक्टर आलोक रंजन घोष ने खगड़िया जिले में आए दिन निजी क्लिनिको एवं नर्सिंग होम में हो रही घटनाओं को दृष्टिपथ में रखते हुए ऐसे सभी निजी संस्थाओं पर लगाम लगाने के लिए सिविल सर्जन डॉ अमरनाथ झा एवं स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने निम्न निर्देश जारी किए हैं:-

1. प्रायः जांच के दौरान जिन डॉक्टरों के नाम पर क्लीनिक या नर्सिंग होम निबंधित होते हैं या उनसे संबद्ध होते हैं, वे डॉक्टर उपलब्ध नहीं हो पाते हैं और उनसे संपर्क स्थापित करने पर उनके द्वारा अनभिज्ञता जताई जाती है एवं उस क्लीनिक से जुड़े नहीं होने का दावा किया जाता है। कई डॉक्टरों को यह भी ज्ञात नहीं होता है कि उनके नाम पर कोई क्लीनिक या नर्सिंग होम चल रहा है और वह जिम्मेदारी लेने से कतराते हैं।

ऐसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया है कि आज के तारीख में सभी निबंधित और वैध नर्सिंग होम एवं क्लीनिक संबद्ध सभी डॉक्टरों से शपथ पत्र प्राप्त कर सिविल सर्जन खगड़िया के कार्यालय में जमा कराएंगे कि उनको इस संबंध में जानकारी है और वे उस नर्सिंग होम या क्लीनिक से जुड़े हुए हैं अथवा वहां चिकित्सीय परामर्श देते हैं।

2. वैसे निबंधित क्लीनिक या नर्सिंग होम, जिनका वर्तमान में निबंधन समाप्त हो चुका है और इसके नवीकरण या अवधि विस्तार के लिए उनके द्वारा सिविल सर्जन के कार्यालय में आवेदन जमा किया गया है किंतु अभी तक नवीकृत नहीं किया गया है, ऐसे सभी आवेदनों पर अगले 1 सप्ताह के अंदर सिविल सर्जन को जांच करते हुए निर्णय लेने का निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है। आवेदन को रद्द यह स्वीकृत करने पर कारणों का स्पष्ट उल्लेख भी किया जाना है।

3. वैसे क्लीनिक या नर्सिंग होम जो निबंधित थे, किंतु वर्तमान में उनके निबंधन की अवधि समाप्त हो गई है और उन्होंने अब तक नवीकरण अथवा अवधि विस्तार हेतु आवेदन नहीं जमा किया है, उन पर तत्काल प्रभाव से बिहार नैदानिक स्थापन (रजिस्ट्रीकरण और विनियमन) नियमावली, 2013 के तहत विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को दिया है।

4. वैसे अवैध क्लीनिक एवं नर्सिंग होम, जिन्होंने निबंधन नहीं कराया है और इसके बावजूद वे संचालन कर रहे हैं, उनका सिविल सर्जन स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों से प्रखंडवार जांच कराना सुनिश्चित कराएंगे एवं इन पर भी बिहार नैदानिक स्थापन (रजिस्ट्रीकरण और विनियमन) नियमावली, 2013 के तहत विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

5. निबंधन हेतु सिविल सर्जन के कार्यालय को प्राप्त सभी आवेदनों पर अगले 1 महीने के अंदर निर्णय लिया जाएगा अर्थात 20 मई तक निबंधन हेतु प्राप्त आवेदनों पर 20 जून तक निर्णय लेते हुए सिविल सर्जन द्वारा निष्पादन कर दिया जाएगा।

जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अवैध रूप से संचालित क्लिनिकों एवं नर्सिंग होमों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाए एवं इनका नियमित अनुश्रवण कराया जाए, ताकि इनको पनपने से रोका जा सके। निजी क्लीनिकों एवं नर्सिंग होमों को सरकार द्वारा स्थापित नियमों का पालन करना होगा।

नोटं- प्रसारित समाचार की  जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक

 

 

 

 

 

 

 

 

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