संविदा कर्मियों का हल्ला बोल: सेवा स्थायी को लेकर निकाली रैली, धरना -प्रदर्शन कर रखी अपनी मांग…
संविदा कर्मियों का हल्ला बोल: सेवा स्थायी को लेकर निकाली रैली, धरना -प्रदर्शन कर रखी अपनी मांग…
खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ 24 अप्रैल 2022 बिहार राज्य संविदा कर्मी महासंघ के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर पूर्व प्रस्तावित बिहार सरकार के अंतर्गत विभिन्न विभागों में राज्य अथवा केंद्रीय प्रायोजित लोक कल्याणकारी योजनाओं के निष्पादन हेतु अल्प मानदेय पर कार्यरत संविदा,आउटसोर्सिंग व अवर्गीकृत कर्मियों की सेवा स्थायीकरण व वेतनमान देने सहित निरर्थक बर्खास्त किये गये संविदा कर्मियों को सेवा में पुनर्वापसी की मांग को लेकर बिहार राज्य संविदा कर्मी महा संघ जिला इकाई खगड़िया के बैनर तले संविदा कर्मियों ने अपनी मांगों से संबंधित गर्मजोशी के साथ गगनभेदी नारे लगाते हुए चिल्ड्रेन पार्क खगड़िया से रैली निकाली, जो रैली का जत्था समाहरणालय के समक्ष धरना स्थल पर महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता , मुंगेर प्रमंडलीय प्रभारी व जिला प्रमुख आचार्य राकेश पासवान शास्त्री की अध्यक्षता में पंचायत व धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में तब्दील हो गया।
धरना प्रदर्शन पंचायत को संबोधित करते हुए महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता ,मुंगेर प्रमंडलीय प्रभारी व जिला प्रमुख आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने आन्दोलन के समर्थन में आये अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि वर्षों से बिहार के सभी दफ्तरों में कहीं नब्बे तो कहीं शतप्रिशत मानदेय भोगी संविदा कर्मी ही सरकारी काज संभाले हुए हैं। मानदेय, प्रोत्साहन राशि आधारित नियोजन नीति आधुनिक गुलामी की जंजीर है;जो कई नामों,रूपों व पहचानों से चल रही है।जिसे लाखों -करोड़ों युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए समाप्त किया जाना चाहिए।इन नियोजित कर्मियों को ठेका – संविदा मजदूरी उन्मूलन एवं विनियनमन कानून अथवा भारतीय संविधान में प्रावधानित समान काम के बदले समान वेतन और सामाजिक सुरक्षा आदि देय सरकारी सुविधाएं की गारंटी से वंचित रखा जा रहा है।
श्री शास्त्री ने कहा कि संविदा कर्मियों के हाड़तोड़ मेहनत-परिश्रम के बदौलत जिला प्रशासन और राज्य सरकार समय-समय पर सम्मानित होते रहे हैं।बावजूद केन्द्रीय न्यूनतम मजदूरी तक भी नहीं दिया जाता है।जबकि लेवर एक्ट में प्रावधान व प्रोविजन है कि पांच वर्ष से ज्यादा समय नौकरी में किन्हीं कर्मी का हो गया तो उन्हें परमेन्ट ऑफ ग्रेच्यूटी मिलना चाहिए।संविदा कर्मियों को अपने नियोजन अनुबंध की सुरक्षा या अन्य कोई कानूनी सुरक्षा उपलब्ध नहीं है।स्वयं के बचाव की व्यवस्था के दायरे से बाहर रखकर संविदा कर्मियों की गर्दन पर सेवा समाप्ती की नंगी तलवारें लटका रखी है; जो लाखों -करोड़ों युवाओं का शोषण दमन और गुलाम बनाने का साजिश है।
बतौर श्री शास्त्री ने सरकार से मांग की है कि संविदा, आउटसोर्सिंग व अवर्गीकृत कर्मियोंकी सेवा स्थायीकरण व वेतनमान देने सहित निर्थक बर्खास्त संविदा कर्मियों को सेवा में पुनर्वापसी की जाए और ससमय वेतन,मानदेय, प्रोत्साहन राशि भुगतान नहीं करने की स्थिति में प्रतिदिन दस प्रतिशत ब्याज के हिसाब से जुर्माना के प्रावधान सहित सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाय।यदि हमारी मांगें पूरी नहीं करती है तो आगामी 01 मई 2022 को मजदूर दिवस के अवसर पर पटना में विशाल महारैली व महापंचायत का आयोजन किया जाएगा।इससे भी सरकार नहीं सुनती है तो फिर होगा आर-पार का महासंग्राम।
कार्यपालक सहायक संघ के जिला अध्यक्ष अमरजीत कुमार भारती आईसीडीएस कर्मी संघ की जिला अध्यक्ष नविता कुमारी,एल एस मीनाक्षी श्री,प्रतिमा कुमारी एवं आईसीडीएस के जिला सचिव विपीन कुमार सिंह ने अपने संबोधन में सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि संविदा कर्मियों की स्थायी व वेतनमान लागू करें बरना ईंट से ईंट बजा देंगे।
वही विकास मित्र संघ के जिला अध्यक्ष मनोहर कुमार राम,महासचिव के महासचिव मधुसूदन कुमार, कार्यपालक सहायक संघ के अविनाश कुमार व संतोष आर्या ने कहा कि अब हम सब जाग चुके हैं ।सरकार और प्रशासन की मनमर्जी नहीं चलेगी।फर्जी आधार पर सेवा बर्खास्तगी का खेल बंद करें और निर्दोष बर्खास्त कर्मी को सेवा में वापस करें नहीं तो सभी सरकारी दफ्तरों में होगा तालाबंदी आन्दोलन।
धरना प्रदर्शन सभा को एल एस मणिप्रभा अणु,लक्ष्मी कुमारी,प्रीति कुमारी पूनम,रचना कुमारी,सुरेन्द्र दास,विनीत कुमार, सुधीर कुमार सुमन, आवास कर्मी संघ के निलेश कुमार ,गणित कुमार, अशोक मरांडी, सुनील कुमार, चुनचुन सिंह, नवेश कुमार, राकेश कुशवाहा, राजीव कुमार, उदय पासवान, आईसीडीएस के महिला पर्यवेक्षिका सीता कुमारी,ईशा देवी, सविता देवी,एल एस रेणु कुमारी,नूतन कुमारी, सुमन कुमार, विकास मित्र कुमारी ममता, प्रवीण कुमार, विजयेन्द्र कुमार दास,राजकिशोर दास,बेबी कुमारी, राज कुमार सदा,कार्यपालक सहायक मुकेश कुमार,हरिवंश कुमार, सूर्यवंश कुमार एवं सोमेश शर्मा आदि संविदा कर्मी अपने हक अधिकार के लिए आन्दोलन तेज करने पर बल दिया।
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