डीएम डॉ आलोक रंजन घोष ने चाइल्डलाइन सलाहकार परिषद की बैठक में महत्वपूर्ण दिशा निर्देश किया जारी…

डीएम डॉ आलोक रंजन घोष ने चाइल्डलाइन सलाहकार परिषद की बैठक में महत्वपूर्ण दिशा निर्देश किया जारी… डीएम डॉ आलोक रंजन घोष ने चाइल्डलाइन सलाहकार परिषद की बैठक में महत्वपूर्ण दिशा निर्देश किया जारी...खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/आज 28.02.22 को जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष की अध्यक्षता में चाइल्डलाइन सलाहकार परिषद की त्रैमासिक बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश संबंधित पदाधिकारियों एवं चाइल्डलाइन संचालन करने वाली संस्था नवगछिया जन विकास लोक कार्यक्रम के कर्मियों को दिए।

चाइल्डलाइन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार का एक कार्यक्रम है। चाइल्डलाइन +1098) 24 घंटे राष्ट्रीय आपातकालीन मुफ्त टेलीफोन सेवा है, जिसके माध्यम से कार्यकर्ता मुसीबत में फंसे जरूरतमंद बच्चों के पास पहुंचकर उपलब्ध संसाधनों के साथ सहायता एवं संरक्षण प्रदान करते हैं। चाइल्डलाइन पर सड़क के बच्चे, अवैध बालव्यापार में प्रयुक्त बच्चे, खोए हुए बच्चे, उत्पीड़ित बच्चे, अनाथ, परित्यक्त एवं बेसहारा बच्चे, विवाद एवं आपदा से प्रभावित बच्चे, मुसीबत में फंसे परिवारों के बच्चे, मानसिक रोगी बच्चे, दिव्यांग बच्चे इत्यादि के संबंध में सूचना दी जा सकती है और ऐसे बच्चों का सहायता एवं संरक्षण चाइल्डलाइन द्वारा किया जाता है।
खगड़िया जिले में स्वयंसेवी संस्था नवगछिया जनविकास लोक कार्यक्रम दिसंबर 2020 से चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से कार्य कर रही है और चाइल्डलाइन का संचालन कर रही है। खगड़िया में चाइल्डलाइन सलाहकार परिषद की यह पहली त्रैमासिक बैठक थी।
बैठक में चाइल्डलाइन खगड़िया द्वारा अब तक किए गए कार्यों का विवरण जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया और बताया गया कि कुल 695 मामलों का निपटारा चाइल्डलाइन खगड़िया द्वारा किया जा चुका है।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि खोए हुए बच्चों एवं संकटग्रस्त बच्चों के बारे में आवश्यकता पड़ने पर प्रेस में खबर प्रकाशित करें, ताकि उनके माता-पिता अथवा रिश्तेदार इन बच्चों की सुधि ले सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि कितने बच्चों को हेल्पलाइन द्वारा मदद पहुंचाई गई है इसकी रिपोर्ट प्रत्येक माह सभी सदस्यों को देना सुनिश्चित करें। चाइल्ड लाइन का बैठक तैयार कर भेजने का भी निर्देश उन्होंने दिया। जिलाधिकारी ने ईट भट्ठों में कार्यरत बाल श्रम के विषय में सर्वेक्षण करने और उन्हें चिन्हित करते हुए आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों के प्रति होने वाले गलत व्यवहार को रोकना है। सभी थानों को भी इस संबंध में स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए।

बैठक में विभिन्न पदाधिकारियों एवं विभागों की भूमिका को भी रेखांकित किया गया, ताकि चाइल्डलाइन को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। विशेषकर सिविल सर्जन, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक, जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल कल्याण समिति को संकट में फंसे बच्चों को आवश्यक सहायता एवं संरक्षण प्रधान करने के संबंध में विशेष रुप से जानकारी दी गई और उनका सहयोग मांगा गया।

चाइल्डलाइन सलाहकार परिषद की बैठक में सिविल सर्जन, अनुमंडल पदाधिकारी, खगड़िया, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई, जिला कल्याण पदाधिकारी, डीपीओ (आईसीडीएस), श्रम अधीक्षक, शिक्षा विभाग के पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, जिला विधिक प्राधिकरण के सदस्य, चाइल्डलाइन के समन्वयक सहित अन्य संबंधित सदस्य एवं कर्मी शामिल हुए।

नोटं- प्रसारित समाचार की  जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से  प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक

 

 

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