खगड़िया के पंचायतों में स्ट्रीट लाईट महाघोटाला प्रकरण-1 मुखिया, पंचायत सचिव सहित सप्लायर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी… अंदर पढें किस पंचायत के मुखिया पर गिरी गाज
खगड़िया के पंचायतों स्ट्रीट लाईट महाघोटाला प्रकरण-1
मुखिया, पंचायत सचिव सहित सप्लायर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी… अंदर पढें किस पंचायत के मुखिया पर गिरी गाजखगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ प्राप्त सूचनानुसार गोगरी प्रखण्डन्तर्गत पौरा पंचायत की मुखिया संजू देवी तथा खीराडीह पंचायत के मुखिया हेमा देवी सहित पंचायत सचिव एवं स्ट्रीट लाईट सप्लायर के विरुद्ध लाखों रुपये सरकारी राशि गबन व हेराफेरी, जालसाजी करनेे के आरोप में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश जारी होने की सूचना प्रेस को मिली है। अनुमण्डल लोक शिकायत निवारण पदा. गोगरी मो. शाफिक ने दिनांक 7 जनरी 2021 को आदेश पारित कर इस घोटाले की पुष्टि की है। बताया गया है कि स्ट्रीट लाईट घोटाले के विरुद्ध पौरा निवासी पंकज कुमार सिंह तथा चन्द्र भाष्कर ने लोक शि.नि. गोगरी में शिकायत दर्ज कराने का साहस किया था।
मालूम हो कि डीएम आलोक रंजन घोष के निर्देश पर पंचायती राज पदा. संजय वर्मा ने स्ट्रीट लाईट घोटाले में संलिप्त सभी लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने का आदेश संबंधित प्रखंड विकास पदा. को दिया गया, बावजूद स्ट्रीट लाइट के नाम पर गबन करनेवालों पर विधि सम्मत् कार्रवाई नहीं करने की सूचना मिली है। इस मामले में पौरा पंचायत के मुखिया संजू देवी, पंचायत सचिव बबुआ नारायण पासवानन, अक्षय उर्जा जनजागरण के प्रोपराइटर कौशलेश्वर प्रसाद सहित खीराडीह पंचायत के मुखिया हेमा देवी, पंचायत सचिव सहित भगवती इण्टरप्राइजेज के व्यवस्थापक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का विभागीय आदेश से दहशत पसर गया है। अब मामला बिहार सरकार तक पहुंच चुका है।
जानकार लोगों का कहना है कि दागी मुखिया एवं जनप्रतिनिधियों को अगामाी पंचायत चुनाव में विभागीय कार्रवाई का सामना करना एक चुनौती है क्येांकि पंचायती राज विभाग द्वारा ऐसे सभी दागी लोगों की कुण्डली खंगाली जा रही है।
कोशी एक्सप्रेस टीम खगड़िया सहित बिहार के अन्य जिलों में जनप्रतिनिधियों पनर पैनी नजर रखते हुए आमजनों तक प्रामाणिक खबरें पहुंचाने का संकल्प ले चुकी है।
बताया गया है कि जिले में अनेक लोगों के विरुद्ध अनुमण्डल तथा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा एफआईआर दर्ज कर गबन की गई राशि वसूलने की अनुशंसा डीएम से लगातार की जाती रही है लेकिन माफिया तंत्र द्वारा संचिकाओं के निष्पादन में अड़़चने पैदा भी की जाती रही है।
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