खगड़िया: JDU जिला कार्यालय में जिलाध्यक्ष सोनेलाल मेहता की अध्यक्षता में जननायक कर्परी ठाकुरजी की जयंती समारोह संपन्न… जननायक कर्परी ठाकुर का जीवन दर्शन हमारे लिए एक आईना है- संजय कु. सिंह/ जदयू जिला प्रवक्ता
खगड़िया: JDU जिला कार्यालय में जिलाध्यक्ष सोनेलाल मेहता की अध्यक्षता में जननायक कर्परी ठाकुरजी की जयंती समारोह संपन्न…
जननायक कर्परी ठाकुर का जीवन दर्शन हमारे लिए एक आईना है- संजय कु. सिंह/ जदयू जिला प्रवक्ता… खगडि़या/कोशी एक्सप्रेस/ चित्रगुप्तनगर स्थित जिला जनता दल (यू) जिला कार्यालय में जननायक कर्परी ठाकुरजी की जयंती समारोह बनाइ्र गई।
इस अवसर पर जदयू जिलाध्यक्ष सह एमएलसी सोनेलाल मेहता सहित पूर्व जदयू जिलाध्यक्ष सुनील कुमार, पूर्व विधायक रामचन्द्र सदा, जिला प्रवक्ता संजय कुमार सिंह व अन्य उपस्थित नेताओं ने कर्परी ठाकुरीजी की जयंती मनाते हुए उनके तैलचित्र पर माल्यार्पन कर पुष्प अर्पित की।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष सोनेलाल मेहता ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर जी का सामाजिक और राजनीतिक जीवन अत्यंत सादगीपूर्ण रहा है। उनके जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है। पूर्व जदयू जिलाध्यक्ष सुनील कुमार बताया कि महान लोगों के जीवन दर्शन से राष्ट्र और प्रदेश को रौशनी मिलती है।
वहीं जिला प्रवक्ता संजय कुमार सिंह अपना उद्गाद व्यक्त रकते हुए कहा कि आज सभी राजनीतिक दलों के लोगों में कर्पूरीजी के प्रति श्रद्धा और प्रेम उमर पड़ा है क्योंकि वे जननायक बनकर आने वाली पीढि़यों के लिए आदर्श दर्पण के समान हैं।
जयंती के अवसर पर जदयू नेता रामप्रकाश सिंह, गुरुदेव कुमार, शिवशंकर सुमन,लोहा सिंह, राजनीति सिंह, विजय कुमार, अनिज कुमार जायसवाल, निर्मला देवी, विजय सिंह, अरुण केसरी, पंकज पटेल, सुबोध यादव, शंभू झा, अमलेन्द्र कुमार मंटू, मनीष कुमार, मुन्ना सिंह, अविनाश कुमार, मंटू चैधरी, अंकित कुमार, संजय कुमार सुमन, प्रशांत कुमार, मदन मोहन मेहता, कमल पटेल, अनिल पटेल, मनोज पटेल, नरेश वर्मा, अमरेन्द्र कुमार, चन्द्रशेखर प्र. नागर, सुनील कुमार ने उपस्थित थे।
विशेष- मालूम हो कि वर्षों पहले मुजफ्फरपुर में आयोजित एक बैठक को संबोधित करने के दौरान स्व. कर्पूरी ठाकुरजी को मंच पर ही प्रेस एसोसिएशन ऑफ बिहार के अध्यक्ष आर.एम.पी. मधुर (खगडि़या निवासी) एवं पूर्व विधायक व पत्रकार गौरीशंकर नागदंश (पटना) ने उन्हें सम्मानपत्र प्रदान करते हुए उनसे आर्शीवाद लिया था। पत्रकार मधुर ने बताया कि उनदिनों वे युवावस्था में थे। सम्मानपत्र प्रदानकर कर्पूरीजी ने आर्शीवाद देते हुए कहा था कि सम्मानपत्र प्रदान करने की पंरपरा कायम रखने की जरुरत है। और इस परंपरा को आजतक कायम रखा गया।
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