फौजी विधानचंद्र मिश्र ने जि.लो. शि. नि. से लेकर मुख्य सचिव की चौखट तक का दरबा जा खटखटाया… लेकिन आजतक न्याय नहीं मिला… क्यों ?
फौजी विधानचंद्र मिश्र ने जि.लो. शि. नि. से लेकर मुख्य सचिव की चौखट तक का दरबाजा खटखटाया… लेकिन आजतक न्याय नहीं मिला… क्यों ? …खगड़िया/ परवत्ता/कोशी एक्सप्रेस/प्राप्त सूचना अनुसार परबत्ता प्रखंड अंतर्गत डुमरिया बुजुर्ग निवासी पीड़ित फौजी विधान चंद्र मिश्र ने भू माफिया अखिलेश प्रसाद सिंह पेसर स्वर्गीय नागेश्वर सिंह के विरुद्ध प्रामाणिक आरोप दर्ज कराते हुए अब तक 37 परिवाद के जरिए जाली खतियान, फर्जी राजस्व रसीद, जाली केबाला, फर्जी जमाबंदी के विरुद्ध विभागीय जांच उपरांत कठोर प्रशासनिक कार्रवाई की गुहार लगाई जाती रही है। लेकिन आश्चर्य है कि फर्जीवाड़े और घोर गैर कानूनी हरकतों के विरुद्ध आज तक उक्त भू माफिया सहित संबंधित तत्कालीन अंचल अधिकारी, अंचल निरीक्षक व राजस्व कर्मी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज तक नहीं किया जा सका है। पीड़ित फौजी श्री मिश्र ने अफसोस व्यक्त करते हुए बताया कि परबत्ता थाना केस नंबर 162/2016 में दर्ज एक संगीन मामले के नामजद अभियुक्तों में अखिलेश प्रसाद सिंह, सुनील सिंह, अनिल सिंह, अजय सिंह, जयप्रकाश सिंह के विरुद्ध गैर जमानती वारंट NBW वारंट, DB No. 189 दिनांक 31.3.2022 होने पर भी गिरफ्तारी सुनिश्चित नहीं की जा सकी है, बताया गया है कि पीड़ित फौजी श्री मिश्र की पत्नी श्रीमती अंजना देवी पर नामजद अभियुक्तों ने कातिलाना व अपमानजनक हमला करने का दुस्साहस किया था।
मालूम हो कि बिहार सरकार के मुख्य सचिव सह द्वितीय अपीलीय प्राधिकार बृजेश मेहरोत्रा ने विगत 21.3. 2022 को पत्र जारी करते हुए लिखा है कि दिनांक 9.3.2022 की सुनवाई के दौरान अपीलकर्ता विधान चंद्र मिश्र की शिकायत है कि अब तक लोक शिकायत निवारण प्राधिकारी खगरिया द्वारा पारित अंतिम अनेक आदेशों का अनुपालन अंचल अधिकारी परवत्ता एवं अन्य अधिकारियों द्वारा नहीं किया जा सका है। इसके अलावा मुख्य सचिव ने लिखा है कि भारी पैमाने पर फर्जी जमीन संबंधित सभी दस्तावेज नामजद भू माफिया सहित अंचल के अधिकारी व कर्मियों द्वारा बनाकर विभाग व कोर्ट तक में समर्पित किए गए हैं।
प्रामाणिक पत्र के आलोक में आवेदक फौजी विधान चंद्र मिश्र ने बताया कि श्री ब्रजेश मेहरोत्रा मुख्य सचिव सह द्वितीय अपीलीय प्राधिकार बिहार सरकार ने अंततः आदेश निर्गत किया है कि जिला पदाधिकारी खगरिया द्वारा इस मामले में एक कमेटी गठित कर जांच कराएं तथा जांच उपरांत कार्रवाई करें। आगे यह भी निर्देश दिया गया है कि कमेटी में सदस्य के रूप में कोई दागी पदाधिकारी शामिल नहीं हो।
विदित हो कि खगरिया जिला के सभी प्रखंड अंतर्गत भूमि विवाद की समस्याओं से आम जनों को वर्षों से जूझना पड़ा है। अफसोस तो यह है कि विभागीय सुनवाई के दौरान पारित आदेशों की भी अवहेलना संबंधित अंचलों के अधिकारियों सहित राजस्व कर्मचारियों द्वारा करने का दुस्साहस भी किया जाता रहा है जो अत्यंत निंदनीय एवं दंडनीय है।
नोटं- प्रसारित समाचार की जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक