बिहार के गर्वनर सह चान्सलर को AICPT चेयरमेन डा. मणिकान्त ने लिखा पत्र…फिजिकल थेरेपी कोर्स संचालन करने का किया अनुरोध…
बिहार के गर्वनर सह चान्सलर को AICPT चेयरमेन डा. मणिकान्त ने लिखा पत्र…फिजिकल थेरेपी कोर्स संचालन करने किया अनुरोध…

नई दिल्ली/कोशी एक्सप्रेस/ प्राप्त सूचनानुसार ऑल इण्डिया काउंसिल ऑफ फिजिकल थेरेपी के चेयरमेन डा. मणिकांन्त ने विगत 19 अक्टूबर 2021 (Ref No. AICPT/Govt.293/21) को बिहार के महामहिम राज्यपाल सह विश्वविघालय चान्सलर से पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि प्रदेश के विश्वविधालयों द्वारा फिजिकल थेरेपी कोर्स का संचालन किया जाना आवश्यक है। डा. मणिकान्त ने विश्वविधालय अनुदान आयोग के संयुक्त सचिव डा. एन गोपकुमार द्वारा प्रेषित पत्र दिनांक 7 जनवरी 2021 का हवाला देते हुये लिखा है कि UGC की एक एक गठित कमिटि शीघ्र गोकुल ग्लोवर विश्वविधालय, गोकुल एडुकेशनल कैप्स GRSL समीप , सुजानपुर पटिया, जिला पाटन, गुजरात का निरीक्षण करेगी। बताया गया है कि उक्त पत्र में निर्देश दिया गया कि एक एक्सपर्ट नोमिनेट करने की जरुरत है।

डा. मणिकान्त ने प्रेस को बताया कि देश और और विदेश में फिजियोथेरेफिस्तों की नितान्त आवश्यकता है लेकिन बिहार के विश्वविद्यालय में फिजियोथेरेपी को बतौर कोर्स के रुप में लागू नहीं किया जा सका है जबकि विश्वविधालय अनुदान आयोग द्वारा ऐसे पाठक्रमों को संचालित करनेवाली विश्वविधालयों के लिए हर संभव सहयोग की नीतियां बना दी गई हैं।
डा. मणिकान्त ने मा. राज्यपाल महोदय को प्रेषित पत्र में लिखा है कि । AICPTऑल इण्डिया काउंसिल ऑफ फिजिकल थेरेपी एक मात्र UGC से मान्यता प्राप्त संस्था है जो स्वीकृति और निबंधन उन संस्थाओं को देती है, जो इसके अन्तर्गत इन कोर्सेज को लागू करती हैं। UGC उन संस्थाओं को बाद में मान्यता प्रदान करती है। बताया गया है कि । । UGC द्वारा बैचलर तथा मास्टर कोर्स प्रशिक्षण का
प्रावधान है।

विदित हो कि दिनांक 18 जनवरी 2021 को UGC के चेयरमेन को डा. मणिकान्त ने UGC के एक्सपर्ट मेम्बरशीप हेतु पत्र लिखा ( Ref. F-8/10/2018] CPP-1-PU/ 5.1. 2021) इसके आलोक में UGC ने विस्तारपूर्वक सूचि सहित डा. मणिकान्त का नाम भी शामिल करते हुए बताया कि विभाग द्वारा जारी नियमावली, प्रोगाम के शत्र्तों, वित्तीय योजनाएं एवं अन्य सिद्धान्तों अन्तर्गत कार्यों का निष्पादन व क्रियान्वयन किया जाना है।
- नोटं- प्रसारित समाचार की जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक




