मातम: ईश्वर अस्पताल के प्रसिद्ध संस्थापक डॉ संजय ईश्वर की माताजी का निधन … दुखद खबर के बाद शोक संदेश का सिलसिला जारी…
मातम: ईश्वर अस्पताल के प्रसिद्ध संस्थापक डॉ संजय ईश्वर की माताजी का निधन … दुखद खबर के बाद शोक संदेश का सिलसिला जारी… बेगूसराय/कोशी एक्सप्रेस/ बेगूसराय स्थित लब्ध प्रतिष्ठ ईश्वर अस्पताल के संस्थापक डॉक्टर संजय ईश्वर की 84 वर्षीय माताजी का आकस्मिक निधन विगत 30 जुलाई 2021 को हुआ। इस खबर से परिजनों सहित शुभचिंतकों को गहरा आघात पहुंचा है।
जिंदगी और मौत एक अंतिम सत्य है, इस संसार में देवता, मानव और सभी प्राणियों को एक निश्चित समय में शरीर त्याग कर ब्रह्मलीन होना होता है। यह भी सत्य है की समाज, परिवार और दुनिया छोड़ कर जाने वाली आत्मा के लिए परिजनों और शुभचिंतकों को आपार पीड़ा सहन करना पड़ता है।
भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि आत्मा अमर है, शरीर त्याग कर आत्मा अपने कर्मों के अनुसार पुनः शरीर धारण करती है।
लोगों ने शोक संदेश देते हुए कहा है कि डॉक्टर संजय की माता जी तथा स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लीना की सासू मां एक धर्मपरायण महिला थी!
सूत्रों से जानकारी मिली है कि मृत्यु शय्या पर बीमार रहते हुए भी डॉक्टर संजय की माताजी ने एक 25 वर्षीय महिला की जान बचाने के लिए BiPAP मशीन देकर मरीज की जान बचाने का साहस किया था। बताया गया है कि जब स्थानीय सहज संजीवनी अस्पताल के डॉक्टर पवन ने कहा कि उनके पास BiPAP मशीन नही है, तब डॉक्टर संजय की माता जी ने अपना मशीन देकर मरीज की जान बचाई। माता जी का संदेश आज भी गूंज रहा है- ‘‘मैं अपनी पूरी जिंदगी जी चुकी हूं, अब बिपेप मशीन देकर इस मासूम महिला ( बरूण जी की बहन) मरीज की जान बचाओ’’।
द डॉक्टर्स मैसेज के संपादक आर. एम. पी. मधुर व कोशी एक्सप्रेस प्रेसटीम सहित पुरुषोत्तम कुमार ने इस दुःख की घड़ी में तमाम शोक संतप्त परिवार को धैर्य व दुःख सहन करने की शक्ति ईश्वर से प्रार्थना की है। ईश्वर से प्रार्थना है की माता जी की पावन आत्मा को शांति प्रदान करे।
डॉक्टर संजय तथा डॉक्टर लीना ने कोरोना संकट में अपनी जान की बाजी लगा कर दुखी मरीजों की सेवा करते हुए अपनी माता जी के आदर्शों को पूरा किया, ऐसी सेवाएं अनुकरणीय और पूजनीय हैं।
विदित हो कि स्व माता जी ने कोरोना को हराकर 95 दिनों के बाद जिंदगी से हार गई, लेकिन उनका संदेश और साहस अमर रहेगा।
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