खगड़ियाः ड्रग इन्सपेक्टर दीपक कुमार राम सवालों के घेरे में… जिला औषधि नियंत्रक प्रशासन ने लगाया गंभीर आरोप… अंदर पढ़ें  क्या है पूरा मामला

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खगड़ियाः ड्रग इन्सपेक्टर दीपक कुमार राम सवालों के घेरे में… जिला औषधि नियंत्रक प्रशासन ने लगाया गंभीर आरोप… 

खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ प्राप्त सूचनानुसार जिला औषधि नियंत्रण प्रशासन के सहायक औषधि नियंत्रक डा. सच्चिादानंद प्रसाद ने अपने विभागीय पत्र ज्ञापांक 62 दिनांक 17.4.2021 द्वारा असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को उनकी नोटिस का प्रामाणिक और विधि सम्मत् प्रत्युत्तर प्रेषित करते हुए विवादित औषधि निरीक्षक नम्बर-2 दीपक कुमार राम के अवैध व गैर कानुनी हरकतों का उल्लेख किया है।
बताया जाता है कि उक्त औषधि निरीक्षक दीपक कुमार राम अपने कार्य व अधिकार क्षेत्रा से बाहर जाकर असामाजिक तत्त्वों के साथ दवा दूकानदारों पर छापा मारकर दहशत कायम करते रहे हैं।
मालूम हो कि विगत दिनांक 9.4.2021 को बेलदौर के केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन के पदा वेदानंद ने आरोप लगाया कि उक्त ड्रग इन्सपेक्टर दीपक कुमार राम द्वारा बेलदौर में छापा मारा गया लेकिन यह कार्यक्षेत्र उनके अधीन नहीं है। बेलदौर में पदस्थापित प्रभारी चिकित्सा पदा. ने बताया कि उक्त औषधि निरीक्षक दीपक कुमार राम द्वारा मे. ओम मेडिको बेलदौरकी दवा दूकान पर अकेले सिर्फ एक दलाल किशोर कुमार के साथ छापा मारकर रंगदारी टैªक्स वसूलने का प्रयास किया गया जो अब सवालों के घेरे में है।
आश्चर्य है कि उक्त औषधि निरीक्षक दीपक ने दिनांक 9.4.2021 को मे0 ओम मेडिको बेलदौर दवा दूकान एवं अन्य स्थानों पर छापा मारने का निरीक्षण प्रतिवेदन बिना हस्ताक्षर विभाग को सौंप दिया।
विदित हो कि इस स्पष्टीकरण जवाब में स0 औषधि नियंत्रक डा. सचिच्चदानंद ने लिखा है कि विवादित ड्रग इन्सपेक्टर दीपक कुमार राम द्वारा मनमानी ढंग से बगैर अधिसूचित क्षेत्र में औषधि दूकानों पर दवाबबनाने के लिए अनाधिकृत व्यक्ति किशोर कुमार के साथ व्यक्तिगत स्वार्थ की पूत्र्ति का कार्य किया जाता है। इनके द्वारा विभागीय आदेशों और कार्यों की अबतक लगातार अवहेलना की जाती रही है।
जानकार लोगों ने बताया कि सिविल सर्जन कार्यालय के बड़ा बाबू राजेन्द्र प्रसाद सिन्हा (जो विगत दिनों रिश्वत लेते निगरानी टीम द्वारा गिरफ्तार किये गये थे) के सहयोग से सिविल सर्जन द्वारा निर्गत पत्र को आधार बनाकर उक्त विवादित ड्रग इन्सपेक्टर दीपक कुमार राम छापा मारकर रिश्वत बटोरने की सलाह दी जाती रही है। इस कमीशनखोरी में सिविल सर्जन कार्यालय की सहभागिता प्रतीत होती है।
अब देखना है कि जिला प्रशासन की ओर से प्रशासनिक जांच पड़ताल किस ओर बढ़ती है ? प्रेस को जानकारी मिली है कि दीपक कुमार राम के गैर कानुनी हरकतों से औषधि प्रतिष्ठानों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। लेकिन पिछले दिनों उक्त विवादित ड्रग इन्सपेक्टर ने बताया था कि जिले में कहीं भी किसी भी औषधि दूकान पर छापा मारने का उन्हें कानुनी अधिकार प्राप्त है।

नोटं- प्रसारित समाचार की  जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा  विज्ञापनों की  प्रामाणिकता से  प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक

 

 

 

 

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