सेवा से राजनीति तक: जन सुराज ने खगड़िया से समाजसेवी जयंती पटेल पर जताया भरोसा…सेवा कार्यों से मिली पहचान

सेवा से राजनीति तक: जन सुराज ने खगड़िया से समाजसेवी जयंती पटेल पर जताया भरोसा…सेवा कार्यों से मिली पहचान

खगड़िया/कौशी एक्सप्रेस/ बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बजते ही राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज़ हो गई हैं। इसी क्रम में जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने अपनी पार्टी की पहली प्रत्याशी सूची जारी की है। इस सूची में खगड़िया विधानसभा क्षेत्र (संख्या 149) से जयंती पटेल का नाम शामिल है।

नाम घोषित होते ही भावुक हुईं जयंती पटेल: अपना नाम सूची में शामिल होते ही जयंती पटेल की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। उन्होंने भावुक लहजे में कहा मैंने कभी राजनीति में आने का सपना नहीं देखा था। मेरा उद्देश्य हमेशा लोगों की सेवा करना रहा है। जन सुराज और प्रशांत किशोर जी ने मुझ जैसी एक साधारण समाजसेवी पर भरोसा जताया है, यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है। मैं जनता के विश्वास को टूटने नहीं दूंगी और पूरे मन से खगड़िया की सेवा करूंगी।

समाजसेवा से राजनीति तक की यात्रा: जयंती पटेल लंबे समय से खगड़िया जिले में समाजसेवा से जुड़ी रही हैं। वे और उनके पति समाजसेवी सुमन पटेल समाज में निस्वार्थ भाव से कार्य करने के लिए जाने जाते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, कोरोना महामारी के भयावह दौर में जब पूरा देश संकट में था, तब इस दंपति ने जरूरतमंदों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने संक्रमित परिवारों तक भोजन, दवा, मास्क और ऑक्सीजन जैसी आवश्यक सामग्रियां पहुँचाईं। अनेक ग्रामीण इलाकों में जाकर राहत सामग्री बांटी। उनके इस कार्य की चर्चा न केवल खगड़िया बल्कि आसपास के जिलों में भी हुई।

मानवीयता की मिसाल बने सुमन-जयंती दंपति: कोरोना काल के बाद भी जयंती पटेल और सुमन पटेल का जनसेवा का सिलसिला रुका नहीं। हर वर्ष ठंड के मौसम में वे गरीब और असहाय लोगों के बीच कंबल, गर्म कपड़े, और आवश्यक वस्तुएँ बांटते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार उन्होंने अपनी निजी बचत से जरूरतमंद परिवारों की आर्थिक मदद की है। सबसे सराहनीय कार्य उन्होंने तब किया जब उन्होंने गरीब बेटियों की शादी का पूरा खर्च अपने निजी कोष से उठाया। इन कार्यों के कारण लोगों के बीच उनका नाम एक नेकदिल और जमीन से जुड़े समाजसेवी के रूप में स्थापित हो चुका है। जानकार लोगों ने एक उदाहरण देकर कहा कि पूर्णिया निवासी 19 वर्षीया सुषमा कुमारी के पिता स्व बतीश सहनी सुमन पटेल के केला रिसर्च सेंटर, पटेल एग्रो इंडस्ट्रीज में एक कर्मठ स्टाफ के रूप में कार्यरत थे, जिसकी मृत्यु तबियत खराब होने के कारण विगत 2020 में हो गई थी। इस परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। लेकिन जयंती पटेल और सुमन पटेल ने अपने स्टाफ की मौत के बाद दुःख कि घड़ी में मृतक के घर पर पूर्णिया पहुंचकर सांत्वना दिया और पारिवारिक दयनीय स्थिति देखकर भाव विहल हो गए। मृतक के परिजनों ने बताया की दुःख कि इस घड़ी में रोते बिलखते मृतक की पत्नी और बेटी को आश्वासन दिया कि बेटी सुषमा की शादी वे सुयोग्य वर के साथ कराते हुए एक माता पिता का धर्म निभायेंगे और विगत 17 मार्च 2022 को बेटी सुषमा कुमारी की हिंदू रितिरिवाज से मथुरापुर, नवटोलिया निवासी भरत सहनी के 21 वर्षीय सुयोग्य वर रणवीर कुमार से स्थानीय गायत्री मंदिर में धूमधाम से शादी कराकर अपना वायदा पूरा किया।
शादी समारोह में शामिल वर- वधु के परिजनों ने बताया की वर वधु के लिए सभी उपहार, वस्त्र, आभूषण सहित शादी में सभी खर्चों का खुशी खुशी वहन सुमन पटेल व जयंती पटेल ने किया । मालूम हो कि प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जन सुराज पार्टी इस बार पूरी तरह नए चेहरे और नई सोच के साथ चुनावी मैदान में उतर रही है। पार्टी का कहना है कि टिकट उन्हीं लोगों को दिया जाएगा जिन्होंने समाज में कुछ वास्तविक काम किया हो और जनता के बीच उनकी पहचान ईमानदार कार्यकर्ता के रूप में हो। सूत्रों के मुताबिक, सूची जारी करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज बिहार की राजनीति में बदलाव का प्रतीक है। हम उन लोगों को टिकट दे रहे हैं जो जनता की तकलीफ़ समझते हैं और उनके बीच रहते हैं। इधर जयंती पटेल के नाम की घोषणा के बाद खगड़िया विधानसभा क्षेत्र में जन सुराज कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जबरदस्त उत्साह है। कई कार्यकर्ताओं ने मिठाई बाँटकर इस फैसले का स्वागत किया।
स्थानीय जन सुराज के लोगों ने कहा कि जयंती पटेल खगड़िया की जनता की सच्ची प्रतिनिधि हैं। उनका जीवन सेवा और संघर्ष का उदाहरण है। पार्टी का यह निर्णय जनता के मन की आवाज़ है। विदित हो कि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जन सुराज द्वारा जयंती पटेल को मैदान में उतारना स्थानीय राजनीति में नया समीकरण बना सकता है। खगड़िया क्षेत्र में समाजसेवी छवि और महिला नेतृत्व की भूमिका दोनों ही फैक्टर चुनावी संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं।

आचार संहिता का पालन: यह उल्लेखनीय है कि यह समाचार पूरी तरह राजनीतिक दल द्वारा प्रत्याशी की घोषणा और जनसेवा पृष्ठभूमि की रिपोर्टिंग पर आधारित है। इसमें किसी सरकारी संसाधन, पदाधिकारी या मंच का उपयोग नहीं किया गया है। अतः यह खबर आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करती और पूरी तरह अनुमत श्रेणी में आती है।

नोट- प्रसारित समाचार की जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक
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