डॉक्टर्स डे मनाते हुए आईएमए व आईडीए ने संयुक्त रूप से अपनी चिकित्सीय सेवाएं समर्पित करने का लिया संकल्प …

डॉक्टर्स डे मनाते हुए आईएमए व आईडीए ने संयुक्त रूप से अपनी चिकित्सीय सेवाएं समर्पित करने का लिया संकल्प …डॉक्टर्स डे मनाते हुए आईएमए व आईडीए ने संयुक्त रूप से अपनी चिक्तिसीय सेवाएं समर्पित करने का लिया संकल्प ...

खगड़िया/ कोशी एक्सप्रेस/ एक डॉक्टर ही शारीरिक, मानसिक तकलीफ से ग्रसित इंसान के सभी दर्द और रोगों का निवारण करता है। इसलिए भारत में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है। डॉक्टरों के इसी सेवा भाव, जीवन रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयत्नों और उनके काम को सम्मान देने के लिए हर साल एक जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। यह पावन दिवस देश के सम्मत चिकित्सक समाज के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करता है।डॉक्टर्स डे मनाते हुए आईएमए व आईडीए ने संयुक्त रूप से अपनी चिक्तिसीय सेवाएं समर्पित करने का लिया संकल्प ...
मालूम हो की खगड़िया आईएमए व आईडीए के चिकित्सकों ने स्थानीय गौशाला रोड स्थित आईएमए हॉल में आईएमए जिलाध्यक्ष डॉ प्रेमशंकर, डॉक्टर प्रेम कुमार, डॉक्टर शैलेंद्र,  डॉक्टर पवन कुमार, डॉक्टर वर्षा, डॉक्टर ऋतुराज, डॉक्टर नरेंद्र कुमार, डॉक्टर गुलसानोवर, डॉक्टर प्रभात कुमार, डॉक्टर जय किशोर सिंह, डॉक्टर विकाश कुमार, डॉक्टर नरेंद्र कुमार, डॉक्टर विक्रम, आईडीए सचिव डॉक्टर कुमार दीपक, डॉक्टर जैनेद्र नाहर, डॉक्टर सतीश कुमार, डॉक्टर राजीव कुमार, डॉक्टर कविंद्र कुमार, डॉक्टर नागमणि, डॉक्टर जयशंकर, डॉक्टर अमित आनंद व अन्य चिकित्सकों ने उपस्थित होकर डॉक्टर्स डे को यादगार मनाया। सर्वप्रथम सभी चिकित्सकों ने केक काटकर प्रसिद्ध चिकित्सक विधान चंद्र राय की अद्भुत सेवाओं का स्मरण करते हुए अपनी अपनी सेवा अनुभव भी शेयर किया।डॉक्टर्स डे मनाते हुए आईएमए व आईडीए ने संयुक्त रूप से अपनी चिक्तिसीय सेवाएं समर्पित करने का लिया संकल्प ...डॉक्टर्स डे मनाते हुए आईएमए व आईडीए ने संयुक्त रूप से अपनी चिक्तिसीय सेवाएं समर्पित करने का लिया संकल्प ...
डॉक्टर्स डे मनाते हुए आईएमए व आईडीए ने संयुक्त रूप से अपनी चिक्तिसीय सेवाएं समर्पित करने का लिया संकल्प ... इस अवसर पर जिले के सम्मत चिकित्सकों की पीड़ा भी मुखर हुई, जिस लगन से डॉक्टर्स समाज दिन और रात, अपनी पारिवारिक सुख सुविधा त्याग कर दुखी मरीजों के इलाज में तत्पर होते हैं, लेकिन सामाजिक स्तर से डॉक्टरों की सेवाओं को अपमान का घूंट पीना पड़ता है। यह कैसी विडंबना है कि डॉक्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट का अनुपालन आजतक प्रदेश में कहीं भी नहीं हो सका है। इसके बावजूद डॉक्टर्स अपने कर्तव्य पथ पर अडिग खड़े रहे हैं, इसका सर्वोत्तम उदाहरण कोविद 19 काल की अवधि है।

 

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