
खगड़िया में नारायणा कैंसर सेंटर, आईएमए व आईडीए खगड़िया के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुआ सीएमई कार्यक्रम … प्रीसीजन मेडिसिन कैंसर के इलाज में रामबाण – डॉ. अभिषेक आनंद
खगड़िया में नारायणा कैंसर सेंटर, आईएमए व आईडीए खगड़िया के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुआ सीएमई कार्यक्रम … प्रीसीजन मेडिसिन कैंसर के इलाज में रामबाण – डॉ. अभिषेक आनंद
खगड़िया/ कौशी एक्सप्रेस/ शुक्रवार 23 मई 2025 को नारायणा कैंसर सेंटर, आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) और आईडीए ( इंडियन डेंटल एसोसिएशन), खगड़िया के संयुक्त तत्वाधान में एस डी ओ रोड स्थित यशराज होटल में एक सीएमई कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका विषय था “सटीक चिकित्सा- ऑंकोलॉजी का भविष्य”। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ ऑंकोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक आनंद ने प्रीसीजन मेडिसिन ( सटीक चिकित्सा) के जरिए कैंसर का इलाज, मेडिकल क्षेत्र में इसकी उपयोगिता औऱ नित नए हो रहे अनुसंधान के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में आईएमए, खगड़िया के प्रेसीडेंट डॉ. प्रेम शंकर और सेक्रेटरी डॉ. शैलेंद्र कुमार, आईडीए, खगड़िया के प्रेसीडेंट डॉ. नागमणि नंदन एवं सेक्रेटरी डॉ. कुमार देवव्रत सहित शहर के वरिष्ठ डॉक्टर डॉ पंसारी, डॉ संजय कुमार, डॉ पवन कुमार, डॉ प्रेम, डॉ एस जेड रहमान, डॉ आर के तुलस्यान, डॉ नरेंद्र, डॉ सतीश कुमार, डॉ गुलशनोवर , डॉ कविंद्र और चिकित्साकर्मी मौजूद रहे।
मौके पर डॉ. अभिषेक आनंद ने कहा कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को मात देने में प्रीसीजन मेडिसिन ( सटीक चिकित्सा) अहम भूमिका निभा रहा है। यह कैंसरग्रस्त मरीजों का इलाज उनके जीन के आधार पर करती है। यह AI के जरिए लोगों के आनुवांशिक और जीवनशैली के पैटर्न की पहचान कर भविष्य में होने वाले लोगों का पता लगा सकता है। आईएमए, खगड़िया के प्रेसीडेंट डॉ. प्रेम शंकर ने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा में एक ही बीमारी वाले रोगियों को समान उपचार किया जाता है, जबकि सटीक चिकित्सा में डॉक्टर बीमारी के उपप्रकारों की पहचान कर उसके अनुसार इलाज करता है। उन्होंने कहा कि कैंसर, जिसे कभी एक ही बीमारी के रूप में वर्गीकृत किया जाता था, अब आनुवंशिक उत्परिवर्तनों के आधार पर कई भिन्नताओं के रूप में समझा जाता है। यह डॉक्टरों को सटीक इलाज में मदद करता है।
आईडीए, खगड़िया के प्रेसीडेंट डॉ. नागमणि नंदन ने कहा कि आज मेडिकल सायंस में हो रही तरक्की रोगों के निदान और उपचार के तरीके को बदल रही है। इन नवाचारों के बीच प्रीसीजन मेडिसिन का नाम सबसे प्रमुख है। ऑंकोलॉजी के क्षेत्र में इसका महत्वपूर्ण योगदान देखा जा रहा है।